Narendra Modi: 2016 में सऊदी अरब से शुरू हुआ सिलसिला
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान ऑर्डर ऑफ द नाइल (किलादत अल नाइल) से नवाजा गया। यह मिस्र की तरफ से किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष, राजकुमार और उपराष्ट्रपति को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। यह सम्मान ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्होंने मिस्र या मानवता के प्रति अपनी अनमोल सेवाएं प्रदान की हों। इस सम्मान के तहत सम्मानित शख्स को सोने का एक हार पहनाया जाता है
जिसमें फैरोनिक प्रतीक शामिल होते हैं। इस सम्मान की शुरुआत साल 1915 में हुई थी। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दल फतह अल-सीसी ने राजधानी काहिरा में प्रधानमंत्री मोदी को सम्मान का यह हार पहनाया। मोदी पिछले 26 सालों में मिस्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। इस समय अगर दुनिया के सर्वाधिक ताकतवर और प्रभावशाली राजनेताओं की सूची बनाएं तो उसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ऊपर आते हैं। अगर इन चारों राजनेताओं में से यह देखें कि किसे दुनिया ने सबसे ज्यादा सम्मानित किया है, तो आश्चर्यजनक रूप से प्रधानमंत्री मोदी इन चारों में सबसे ऊपर हैं।

14 सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं
साल 2014 में पहली बार भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक नरेंद्र मोदी को दुनिया के 14 सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं। इनमें सबसे पहले उन्हें जो सम्मान मिला था, वह साल 2016 में सऊदी अरब में मिला था। इस सम्मान का नाम है ऑर्डर ऑफ अब्दुल अजीज अल सऊद सम्मान। यह सम्मान पाने वाले प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के पहले गैर मुस्लिम शख्स थे। इसलिए उन्हें जब यह सम्मान मिला तो इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी।
साल 2016 में ही प्रधानमंत्री मोदी को अफगानिस्तान में गाजी अमीर अमानुल्लाह खान सम्मान से सम्मानित किया गया था और साल 2018 में फलस्तीन में उन्हें ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फलस्तीन सम्मान दिया गया था। साल 2018 में ही उन्हें संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान चैंपियंस ऑफ अर्थ भी मिला था। साथ ही इसी साल उन्हें सियोल शांति सम्मान के साथ साथ गेट्स फाउंडेशन समेत कुछ विश्व संगठनों की तरफ से भी सम्मानित किया गया था।
साल 2019 में यूएई ने प्रधानमंत्री मोदी को ऑर्डर ऑफ जायद अवार्ड से सम्मानित किया तो उसी साल उन्हें रूस, मालदीव और बहरीन में भी अलग-अलग सम्मानों से सम्मानित किया गया। रूस ने प्रधानमंत्री मोदी को ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू सम्मान से, मालदीव ने निशान इज्जुद्दीन सम्मान से, तो बहरीन ने किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां से सम्मानित किया।
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बड़े से बड़ा -छोटे से छोटा देश में मिला सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित करने वाले देशों में रूस और अमेरिका जैसे बड़े देश भी शामिल हैं। रूस के बाद अमेरिका ने साल 2020 में प्रधानमंत्री मोदी को लीजन ऑफ मेरिट से सम्मानित किया था। प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया के बड़े से बड़े तो छोटे से छोटे देशों ने भी सम्मानित किया है। साल 2021 में उन्हें पड़ोसी देश भूटान ने ऑर्डर ऑफ द डुक ग्यालपो से और साल 2023 में प्रशांत महासागर में स्थित पलाऊ गणराज्य ने एबाकल सम्मान से सम्मानित किया तो इसी साल पापुआ न्यूगिनी ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु से सम्मानित किया। साल 2023 में ही फिजी ने पीएम मोदी को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया है।
इस तरह देखें तो जब से नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं यानी पिछले 9 सालों में उन्हें दुनिया के किसी भी राजनेता से ज्यादा सम्मानित किया गया है। मोदी को दुनिया के 14 सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन सम्मान के मामले में प्रधानमंत्री मोदी से कहीं मुकाबला करते नहीं दिखते।
हालांकि व्लादिमिर पुतिन प्रधानमंत्री मोदी से दोगुने समय से भी ज्यादा से रूस के सर्वेसर्वा हैं और पिछले दो दशकों में उन्होंने दुनिया के 50 से ज्यादा देशों की यात्राएं भी की हैं लेकिन उन्हें इतने वैश्विक सम्मान नहीं मिले। जो बाइडन, जो इस समय अमरीका के राष्ट्रपति और 8 साल तक अमेरिका के उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं, उन्हें अब तक 8 सम्मान मिले हैं, जो कि बहुत ताकतवर देशों के नहीं हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी के कहीं आसपास भी नहीं ठहरते।
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समरसता और विविधता का समृद्ध इतिहास
सवाल है आखिर प्रधानमंत्री मोदी ने इतने कम समय में दुनिया के इतने देशों के सर्वोच्च सम्मान को कैसे हासिल कर लिया जबकि एक जमाने में मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी के लिए अमेरिका में प्रवेश तक पर प्र्रतिबंध लगा दिया गया था। वास्तव में पिछले 8 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के मोर्चे पर चाहे जैसी राजनीति की हो लेकिन अगर वैश्विक राजनीति के मोर्चे पर देखें तो उन्होंने एक विश्व नेता के रूप में जबरदस्त आत्मविश्वास से भरी राजनीति का मुजाहिरा किया है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की जो भारतीय पृष्ठभूमि है, उसका भी बहुत महत्व है। भले पिछले कुछ दिनों में दुनिया के कई देशों में भारत सरकार पर यह आरोप लगा हो कि वह अपने अल्पसंख्यकों के साथ लोकतांत्रिक व्यवहार नहीं करती लेकिन भारत की समरसता और विविधता का जो समृद्ध इतिहास है, उसके सामने इस तरह के आरोप नहीं टिकते। यह अकारण नहीं है
कि प्रधानमंत्री मोदी को जिन देशों ने सबसे पहले अपने यहां के सर्वोच्च सम्मान देने शुरु किए, वे मुस्लिम देश हैं और अभी तक उन्हें जितने सम्मान मिले हैं, उनमें तकनीकी रूप से बड़ी संख्या मुस्लिम देशों की है। इसलिए यह बिना किसी किंतु परंतु के कहा जा सकता है कि विश्व राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी और भारत की लोकतांत्रिक परंपरा का जबरदस्त सम्मान है। उसी कारण हर कोई पीएम मोदी को सम्मानित करना चाहता है और मोदी वैश्विक राजनीति में सम्मानों के शहंशाह हैं।
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