Narendra Modi: प्रदर्शन व भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई
Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने विपक्षी दलों के दुष्प्रचार और भ्रम की राजनीति को ठुकरा दिया और प्रदर्शन (परफॉर्मेंस) को प्राथमिकता देते हुए भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 10 वर्ष सत्ता में रहने के बाद भी किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी एक असामान्य घटना है।
उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार के आने वाले 5 वर्ष गरीबों के खिलाफ लड़ाई के लिए निर्णायक हैं। उन्होंने इस लड़ाई में देश के विजयी होने के साथ ही देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने का भरोसा भी जताया। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों के अखंड, एकनिष्ठ, सेवाभाव से किए गए कार्य को देश की जनता ने जी भरकर समर्थन दिया है। देश की जनता ने खूब आशीर्वाद दिए हैं।

आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है
राष्ट्रपति के अभिभाषण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें देशवासियों के लिए प्रेरणा, प्रोत्साहन भी है और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृत भी किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनावी नतीजों के आने के बाद भी कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया, उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की लेकिन मैं पिछले 2 दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से नतीजे आए हैं तब से इस सदन के एक सदस्य उनकी सरकार को ‘एक तिहाई सरकार’ बता रहे हैं। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 वर्ष हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसीलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।
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गरीबी के खिलाफ लड़ाई में विजयी होकर रहेगा देश
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के आने वाले 5 वर्ष गरीबों के खिलाफ लड़ाई के लिए निर्णायक वर्ष हैं और यह देश गरीबी के खिलाफ लड़ाई में विजयी होकर रहेगा। मैं पिछले 10 वर्ष के अनुभव के आधार पर बहुत विश्वास से यह कह सकता हूं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। जब देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा तो इसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ने वाला है। विकास के विस्तार के अनेक अवसर उपलब्ध होने वाले हैं। जब ऐसा होगा, तब भारत के हर स्तर पर इसका सकारात्मक प्रभाव तो होगा ही, लेकिन वैश्विक परिवेश में अभूतपूर्व प्रभाव पैदा होने वाला है।

नई कंपनियों का हो रहा वैश्विक उभार
मोदी ने कहा कि हम आने वाले कालखंड में नए स्टार्ट-अप, नई कंपनियों का वैश्विक उभार देख रहे हैं। हमारे टीयर 2 और टीयर 3 स्तर के शहर भी ग्रोथ इंजन की बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 26 जनवरी को संविधान दिवस मनाए जाने के फैसले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि संविधान की प्रति हाथ में लेकर ‘घूमने वाले’ लोगों ने इसका भी विरोध किया था। सदन में मौजूद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर आपत्ति जताई और आसन से अपना पक्ष रखने का आग्रह किया।
हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। प्रधानमंत्री ने हंगामे के बीच ही अपना संबोधन जारी रखा। कुछ देर बाद विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
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