Pakistan: सिकंदर सुल्तान राजा के खिलाफ किया था अभद्र भाषा का इस्तेमाल
Pakistan: चुनाव आयोग ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी को एक अवमानना मामले में आरोपी बनाया है। इमरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं और फवाद उनकी पार्टी के वरिष्ठ पूर्व सदस्य हैं। इमरान खान के वकील नईम हैदर पंजुथा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी पुष्टि की है। 2022 में चुनाव आयोग (ECP) और मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सिकंदर सुल्तान राजा के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए दोनों नेताओं पर मामला दर्ज किया गया था।
सेना कर रही प्रताड़ित – इमरान
इस मामले की सुनवाई पहले ईसीपी भवन में हो रही थी। लेकिन, पुलिस ने सुरक्षा कारणों से इमरान खान को अभियोग के लिए पेश करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद आयोग को 6 दिसंबर को सुनवाई अदियाला जेल में स्थानांतरित करनी पड़ी। इमरान खान को व्यापक रूप से देश के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में देखा जाता है। वे अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार करते हैं और कहते हैं कि उन्हें शक्तिशाली सेना द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है, जो उन्हें चुनाव से बाहर रखना चाहती है। हालांकि सेना इससे इनकार करती है। 71 वर्षीय पूर्व क्रिकेट स्टार अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से राजनीतिक और कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने के आरोप में अगस्त में उन्हें तीन साल की जेल हुई थी, जिसके बाद से उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है।
ECP और CEC का अपमान
ईसीपी की चार सदस्यीय समिति ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में सुनवाई शुरू की। दोनों नेता विभिन्न मामलों में इसी जेल में बंद हैं। उन पर ईसीपी और सीईसी का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। जब आरोप पढ़े गए तब दोनों अदालत कक्ष में मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने इन आरोप पत्र में लगाए गए आरोपों से इनकार किया।
16 जनवरी को अगली सुनवाई
अभियोग के बाद समिति ने अवमानना मामले की सुनवाई 16 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। इस मामले की सुनवाई पहले ईसीपी भवन में हो रही थी। लेकिन, पुलिस ने सुरक्षा कारणों से इमरान खान को अभियोग के लिए पेश करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद आयोग को छह दिसंबर को सुनवाई अदियाला जेल में स्थानांतरित करनी पड़ी। इमरान खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अपदस्थ कर दिया गया था। सत्ता से बेदखल होने के बाद से उनके खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
चुनाव चिन्ह ‘बल्ला’ छीना
इस बीच पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले चुनाव से ठीक पहले इमरान खान की पार्टी पीटीआई से उसका सालों पुराना चुनाव चिन्ह ‘बल्ला’ छीन लिया है। ऐसे में इमरान खान और उनकी पार्टी के प्रत्याशी बैट सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
क्रिकेट बैट बहाल करने याचिका खारिज
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी को एक और झटका लगा है। यहां की एक उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग (ईसीपी) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। ईसीपी ने पीटीआई पार्टी के आंतरिक चुनाव और उसके ‘क्रिकेट बैट’ चुनाव चिह्न को रद्द कर दिया है। लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जवाद हसन ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता उमर आफताब ढिल्लों की याचिका को अमान्य घोषित कर दिया। इसी मामले में, पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग (ईसीपी) के उस आदेश को बहाल कर दिया, जिसमें पीटीआई पार्टी के आंतरिक चुनाव और उसके ‘क्रिकेट बैट’ चुनाव चिह्न को रद्द कर दिया गया था। आम चुनाव से पहले ईसीपी का यह फैसला पीटीआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा।
ईसीपी कोई न्यायिक संस्था नहीं – PTI वकील
न्यायमूर्ति एजाज खान की अध्यक्षता में सुनवाई के दौरान पीटीआई के वकील अनवर ने कहा था कि ईसीपी कोई न्यायिक संस्था नहीं है और अपने ही फैसले के पक्ष या विपक्ष में अदालत के दखल की मांग करना अदालत की अवमानना है। अनवर ने दावा किया था कि पीपीपी को छोड़कर सभी दलों ने पीटीआई को चुनावी लड़ाई से दूर रखने की साजिश रची है। उन्होंने कहा था कि संविधान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का आदेश देता है।
9 जनवरी को फैसला
पाकिस्तान में जल्द ही चुनाव होने हैं। ऐसे में पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी अधर में लटक गई है। थिंक टैंक पिलदत के प्रमुख अहमद बिलाल महबूब ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश को देखते हुए पार्टी के उम्मीदवारों को अब ‘स्वतंत्र’ रूप से चुनाव लड़ना होगा। हालांकि, अदालत की एकल पीठ ने यह भी घोषणा की कि दो सदस्यीय पैनल नौ जनवरी को इस मामले में फैसला करेगा।