Suicide After Loan Trap – 2022 में 1.70 लाख से ज्यादा लोगों ने की खुदकुशी
Suicide After Loan Trap: यूपी के सहारनपुर के सराफा कारोबारी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर आत्महत्या कर ली। कारोबारी पर कर्ज बढ़ता जा रहा था और इसी से तंग आककर उसने गंगा नदी में कूदकर जान दे दी। इसी के साथ कर्ज ने एक और हंसते खेलते परिवार को तबाह कर दिया। भारत में कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारतीय परिवारों पर कितना कर्ज बढ़ रहा है कि लोग सुसाइड जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। इतना ही नहीं सुसाइड करने वाले लोग अपने छोटे बच्चों को भी इस दलदल में धकेल देते हैं।

ब्याज दे-देकर परेशान हो गए
सहारनपुर में भी कर्ज के जाल में फंसकर एक और हंसता-खेलता परिवार खत्म हो गया। सर्राफा कारोबारी सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना बब्बर ने गंगा नदी में कूदकर जान दे दी। कूदने से पहले दोनों ने सेल्फी ली। उसे अपने दोस्तों को भेजा। साथ में सुसाइड नोट भी था, जिसमें लिखा था- ‘कर्ज में डूबे हुए हैं। ब्याज दे-देकर परेशान हो गए हैं। अब हमसे और ब्याज नहीं दिया जाता। इसलिए मौत को गले लगाने जा रहे हैं। जहां से भी आत्महत्या करेंगे, वहां से सेल्फी भेज देंगे।’ सौरभ और मोना सहारनपुर के रहने वाले थे। दोनों बाइक से करीब 100 किलोमीटर का सफर कर हरिद्वार पहुंचे। फिर वहां से आखिरी सेल्फी लेने के बाद गंगा नदी में कूदकर जान दे दी। फिलहाल सौरभ का शव मिल गया है। सहारनपुर में उनका अंतिम संस्कार हो गया है। मोना के शव की तलाश की जा रही है।
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हंसता खेलता परिवार हुआ बर्बाद
सौरभ और मोना की शादी 18 साल पहले हुए थी। दोनों के दो बच्चे हैं। बड़ी लड़की 12 साल की है और लड़का 7 साल का है। उनकी सुसाइड से एक हंसता-खेलता परिवार खत्म हो गया है। हमारे देश में कर्ज या आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक पूरा परिवार इसी कारण खत्म हो गया था। भोपाल में एक कपल ने पहले अपने दो छोटे बच्चों को जहर दिया और फिर खुद भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इसी साल मई में फरीदाबाद में एक ही परिवार के छह लोगों ने नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की थी। परिवार कर्ज में डूबा हुआ था। गनीमत रही कि पांच लोगों को बचा लिया गया, लेकिन 73 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी।

हिमाचल में ठेकेदार ने किया सुसाइड
हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के अंब में कर्ज से परेशान एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेज दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। मृतक की पत्नी शैली के पुलिस को दिए गए बयान अनुसार, सुनील कुमार पुत्र ठेकेदारी का काम करता था। ठेकेदारी के लिए उसने अंब के एक बैंक से लिमिट बनवा रखी थी। लिमिट का कर्ज होने के चलते वह पिछले कई दिनों से परेशान चल रहा था और घर में ही रह रहा था। मृतक की पत्नी एक निजी प्राइवेट स्कूल में नौकरी करती हैं। स्कूल से घर लौटने पर पति घर पर नहीं था। थोड़ी देर बाद शैली ने अपने पति को फोन किया तो पति ने फोन नहीं उठाया। शैली ने अपने पुराने मकान के अंदर जाकर देखा तो इसका पति सुनील कुमार पंखे के साथ लटका हुआ था। उसने अपने देवर को साथ लेकर पंखे से उतारा और सिविल अस्पताल अंब ले गए, जहां डाक्टर ने सुनील को मृत घोषित कर दिया।
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कर्ज छीन रही जिंदगियां
केंद्र सरकार की एजेंसी है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB। इसके आंकड़े बताते हैं कि भारत में कर्ज कितना जानलेवा बनता जा रहा है। एजेंसी पर आत्महत्या के 2022 तक के आंकड़े मौजूद हैं। इससे पता चलता है कि भारत में होने वाली 100 में से हर चौथी सुसाइड कर्ज या आर्थिक तंगी के कारण होती है। 2022 में देशभर में 1.70 लाख से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी कर ली थी। इनमें से सात हजार से ज्यादा लोग ऐसे थे जिन्होंने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की थी। इस हिसाब से हर दिन औसतन 19 लोगों ने सुसाइड की। आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 के बीच पांच साल में कर्ज से परेशान होकर 29 हजार 486 लोग आत्महत्या कर चुके हैं।
( कर्ज से जान देने वालों की संख्या )
वर्ष संख्या
2018 4970
2019 5908
2020 5213
2021 6361
2022 7034
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