Tele-Manas: सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रहे हैं सेल
Tele-Manas: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुणे के सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय में राष्ट्रीय टेली मानस हेल्पलाइन के एक विशेष प्रकोष्ठ के संचालन के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद सशस्त्र बलों के कर्मियों के विशिष्ट मानसिक स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं का तुरंत एवं प्रभावी ढंग से समाधान करना है। पुणे स्थित चिकित्सा महाविद्यालय में विशेष टेली-मानस प्रकोष्ठ प्रायोगिक आधार पर दो वर्षों तक काम करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना के सामने आने वाले विशिष्ट तरह के तनाव की पहचान करते हुए, सशस्त्र बलों में टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता महसूस की गई है।
2022 में हुआ था लॉन्च
सरकार ने अक्टूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से टेली-मानस हेल्पलाइन को प्रतिदिन औसतन 3,500 कॉल की दर से 10 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं। परिचालन माहौल, सांस्कृतिक चुनौतियों और क्षेत्रीय संघर्षों से संबंधित तनाव के लिए सशस्त्र बलों में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के वास्ते एक विशेष दृष्टिकोण की आवश्यकता है। टेली मानस जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) का डिजिटल एक्सटेंशन है। यह 24×7 काम करती है और प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में टोल-फ्री नंबर, 14416 पर संपर्क किया जा सकता है। वर्तमान में, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 51 टेली मानस सेल काम कर रहे हैं, जो 20 विभिन्न भाषाओं में सेवाएं प्रदान करते हैं। अक्टूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से, टेली मानस को 10 लाख से अधिक कॉल आई हैं, और यह रोजाना 3,500 से अधिक कॉल्स रिसीव होती हैं।

तुरंत समाधान किया जाएगा
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से, सशस्त्र बलों के कर्मियों और उनके परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित किया जाएगा। इससे सशस्त्र बलों के लाभार्थियों को विशेष देखभाल तक सीधी पहुंच उपलब्ध होगी और उनकी विशिष्ट मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं का तुरंत एवं प्रभावी ढंग से समाधान किया जाएगा। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल के कर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य परामर्श की लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही थी और अब समर्पित टेली मानस प्रकोष्ठ से सशस्त्र बल के कर्मियों तथा उनके परिवारों को चौबीसों घंटे महत्वपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध होगी, जिससे उनकी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों का अधिक प्रभावी ढंग से समाधान हो सकेगा।
टेली-मानस एक केंद्र प्रायोजित मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ कार्यक्रम है जिसकी मदद से मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों की मदद की जा रही है। इसकी घोषणा, 2022-23 के बजट में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मानसिक स्वास्थ्य संकट को देखते हुए की गयी थी। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की डिजिटल शाखा, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (NIMHANS) इसकी नोडल एजेंसी है। केंद्र सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण स्थान देते हुए, ‘टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स’ लांच किया है। जो जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की डिजिटल शाखा के रूप में काम कर रहा है। इसके संचालन में आईआईटी-बॉम्बे तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। इसमे विभिन्न एम्स, पीजीआईएमईआर, 5 क्षेत्रीय समन्वय केंद्र और 23 परामर्श संस्थान जुड़े है।
तनाव के चलते आत्महत्या और क्षरण
वहीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल उच्च आत्महत्या दर और बढ़ती क्षरण का सामना कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य मुख्य मुद्दा है, लेकिन कर्मियों की सहायता के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 और 2022 के बीच 50,155 सीएपीएफ कर्मियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी। इसी अवधि में 654 सीएपीएफ कर्मियों ने आत्महत्या की। पिछले पांच वर्षों में औसतन हर 3 दिन में सीएपीएफ के एक सदस्य की आत्महत्या से मृत्यु हो गई है। टेली-मेंटल हेल्थ सेवा का उद्देश्य देश में मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों की मदद करना है साथ ही इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है। टेली-मानस सेवा के माध्यम से देश के विभिन्न भागों के मनोरोगियों के इलाज में मदद करना है। टेली-मानस सेवा का उद्देश्य यह भी है कि मानसिक स्वास्थ्य के बहुत रोगी मनोचिकित्सक के पास जाने से बचते है, इस स्थिति में टेली-मानस सेवा बहुत ही उपयोगी साबित होगी।
तनाव से निपटने सरकारी उपाय
– 51 टेली मानस सेल कार्यरत हैं सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में
– 10 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं 2022 में लॉन्च होने के बाद अब तक
– 3,500 से अधिक कॉल का निपटान कर रहा है टेली मानस सेल
– 20 विभिन्न भाषाओं में सेवाएं प्रदान करती हैं टेली मानस सेल

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आत्महत्या पर गृह मंत्रालय के आंकड़ा – 2023
बल का नाम आत्महत्या
सीआरपीएफ 230
बीएसएफ 174
सीआईएसएफ 89
एसएसबी 64
आईटीबीपी 54
असम राइफल्स 43
एनएसजी 03
बल का नाम नौकरी छोड़ने वालों की संख्या
सीआरपीएफ 13,640
बीएसएफ 23,553
सीआईएसएफ 5,876
आईटीबीपी 2,915
(सीआरपीएफ में ‘सतत तनाव’ से आत्महत्या दर)
वर्ष आत्महत्याएं
2018 36
2019 40
2020 54
2021 57
2022 43
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