The Kashmir Valley – भाजपा ने चली चाल, निर्दलीयों और छोटे दलों को वॉकओवर दिया
The Kashmir Valley: जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने ऐसा खेल कर दिया है, जिससे कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की नींद उड़ गई है। पार्टी ने कश्मीर घाटी की 28 सीटों पर निर्दलीयों और छोटे दलों को अपनी तरफ से वॉकओवर दे दिया है मगर इस वॉकओवर में भी बीजेपी की रणनीति है। वह ऐसे निर्दलीयों पर नजर गड़ाए बैठी है, जिनके कश्मीर में जीतने की संभावना प्रबल है। नए केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन है, जबकि बीजेपी पहली बार बिना किसी सहयोगी दल के चुनाव मैदान में उतरी है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा सिर्फ 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

43 सीटों पर कैंडिडेट उतारे
पार्टी ने जम्मू की सभी 43 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि 47 सीटों वाली कश्मीर घाटी में सिर्फ 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने कहा कि वह अभी कश्मीर के लिए किसी अन्य उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं करेगी। माना जा रहा है कि बीजेपी ने रणनीति के तहत जम्मू और कश्मीर में अलग-अलग दांव खेला है। सवाल उठ रहे हैं कि कश्मीर वैली की 28 सीटों को बीजेपी ने क्यों छोड़ दिया? पार्टी सूत्र बताते हैं कि यह गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी नेता राम माधव की चुनावी रणनीति है।
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28 सीटें छोड़ने से नाराज हैं पुराने समर्थक
पार्टी के इस फैसले से ऐसे पुराने कार्यकर्ता नाराज हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी बीजेपी के साथ रहे। चुनाव नहीं लड़ने से ऐसे नेता दूसरी पार्टियों की शरण में जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने घाटी की 3 सीटों पर कैंडिडेट नहीं उतारे थे, मगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले पर खेद जताया था। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान 90 सीटों पर लड़ने का वादा किया था। इसके बाद से उम्मीद की जा रही है कि भले ही बीजेपी को कश्मीर में जीत नहीं मिलती है, मगर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और देश को संदेश देने के लिए उम्मीदवार उतार सकती है। मगर पार्टी ने अपना इरादा बदल दिया। बीजेपी ने दक्षिण कश्मीर की 16 विधानसभा सीटों से आठ, मध्य कश्मीर की 15 सीटों से छह और उत्तर कश्मीर की 16 सीटों से पांच उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है|

बीजेपी ने बदली रणनीति
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कश्मीर घाटी में बीजेपी की जीत चमत्कार से ही हो सकती है। पार्टी के पास ऐसे उम्मीदवार भी नहीं हैं, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और हुर्रियत समर्थित निर्दलीयों में अपनी जमानत बचा सकें। पार्टी ने विधानसभा चुनाव की घोषणा के समय ही रणनीति बदल दी थी। बीजेपी अब पूरी तरह जम्मू की 43 विधानसभा सीटों पर फोकस कर रही है। अगर चुनाव के बाद 35 से अधिक सीटें मिलती हैं तो कश्मीर से जीतने वाले निर्दलियों की मदद से वह सरकार बना सकती है। भारतीय जनता पार्टी बची हुई 28 सीटों पर ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी और छोटे दलों को समर्थन देगी, जिनके जीतने की उम्मीद हो सकती है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से भाजपा उम्मीदवार रफीक वानी ने खुले तौर पर दावा किया कि नए क्षेत्रीय राजनीतिक दल और निर्दलीय हमारे हैं। उन्होंने अपने भाषण में इंजीनियर राशिद, सज्जाद लोन, अल्ताफ बुखारी और गुलाम नबी आजाद को अपना बताया था। विपक्ष का आरोप है कि कश्मीर की कई सीटों पर बीजेपी के इशारे पर भारी तादाद में निर्दलीयों ने पर्चा भरा है।
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