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Reading: UN’s Peacekeeping Force: शांति सेना पर हमलों की ‘कड़ी निंदा’
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WeStory > हिंदी न्यूज़ > UN’s Peacekeeping Force: शांति सेना पर हमलों की ‘कड़ी निंदा’
हिंदी न्यूज़

UN’s Peacekeeping Force: शांति सेना पर हमलों की ‘कड़ी निंदा’

UN's Peacekeeping Force: भारत ने ‘लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल' (यूएनआईएफआईएल) में योगदान देने वाले देशों के उस संयुक्त बयान का समर्थन किया है जिसमें लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर हाल के हमलों की ‘‘कड़ी निंदा'' की गई है तथा कहा गया है कि ऐसी कार्रवाइयां तत्काल रोकी जानी चाहिए।

WeStory Editorial Team
Last updated: 2024/10/24 at 11:14 AM
WeStory Editorial Team
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4 Min Read
UN's Peacekeeping Force
UN's Peacekeeping Force
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UN’s Peacekeeping Force – भारत ने की कार्रवाइयां तत्काल रोकने की अपील

UN’s Peacekeeping Force: भारत ने ‘लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल’ (यूएनआईएफआईएल) में योगदान देने वाले देशों के उस संयुक्त बयान का समर्थन किया है जिसमें लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर हाल के हमलों की ‘‘कड़ी निंदा” की गई है तथा कहा गया है कि ऐसी कार्रवाइयां तत्काल रोकी जानी चाहिए। शुरुआत में संयुक्त बयान पर 34 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। हाल के दिनों में यूएनआईएफआईएल के कम से कम पांच शांति सैनिकों के घायल होने के बाद यह बयान आया है। इजराइली सैनिकों ने हाल में हिजबुल्ला के खिलाफ अभियान के तहत दक्षिणी लेबनान में हमले शुरू किए थे।

Table of Contents
UN’s Peacekeeping Force – भारत ने की कार्रवाइयां तत्काल रोकने की अपीलसंयुक्त बयान के साथ सहमत10,058 शांति सैनिक शामिल हैंस्थिरता और स्थायी शांति लाना जरूरी

संयुक्त राष्ट्र में पोलैंड के मिशन द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘हम क्षेत्र में बढ़ती स्थिति के मद्देनजर यूएनआईएफआईएल की भूमिका को विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं। इसलिए हम यूएनआईएफआईएल शांति सैनिकों पर हाल में हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसी कार्रवाइयों को तुरंत रोका जाना चाहिए और उनकी समुचित ढंग से जांच की जानी चाहिए।” भारत, जिसका उल्लेख शुरू में सह-हस्ताक्षरकर्ताओं में नहीं था, ने कहा कि वह संयुक्त बयान से पूरी तरह सहमत है।

UN's Peacekeeping Force
UN’s Peacekeeping Force

संयुक्त बयान के साथ सहमत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सैन्य योगदान देने वाले एक प्रमुख देश के रूप में भारत 34 @यूएनआईएफआईएल सैन्य योगदान देने वाले देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ पूरी तरह से सहमत है। शांति सैनिकों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।” इससे पहले नई दिल्ली में एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में ‘‘बिगड़ती” सुरक्षा स्थिति को लेकर ‘‘चिंतित” है।

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UN's Peacekeeping Force
UN’s Peacekeeping Force

10,058 शांति सैनिक शामिल हैं

शुरुआत में बांग्लादेश, ब्राजील, चीन, फ्रांस, इटली, स्पेन, श्रीलंका और ब्रिटेन समेत 34 देशों ने संयुक्त बयान पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए थे। संयुक्त राष्ट्र में पोलिश मिशन ने घोषणा की कि भारत, कोलंबिया, जर्मनी, पेरू और उरुग्वे ने बयान का समर्थन किया है। पोलिश मिशन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वर्तमान में 40 देशों ने हमारे संयुक्त बयान पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए हैं। कोलंबिया, जर्मनी, यूनान, भारत, पेरू और उरुग्वे का धन्यवाद। स्विट्जरलैंड के समर्थन के लिए भी आभारी हूं।” दो सितंबर, 2024 तक यूएनआईएफआईएल के बल में 50 सैन्य-योगदान देने वाले देशों के कुल 10,058 शांति सैनिक शामिल हैं। भारत यूएनआईएफआईएल को 903 सैनिक प्रदान करता है।

UN's Peacekeeping Force
UN’s Peacekeeping Force

स्थिरता और स्थायी शांति लाना जरूरी

पोलिश संयुक्त राष्ट्र मिशन द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) में योगदान देने वाले देशों के रूप में हम यूएनआईएफआईएल के मिशन और गतिविधियों के लिए अपने पूर्ण समर्थन की पुष्टि करते हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप दक्षिण लेबनान के साथ-साथ पश्चिम एशिया में स्थिरता और स्थायी शांति लाना है।”

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