UP By Elections 2024 – अयोध्या से ही संदेश देना चाहती है भाजपा
UP By Elections 2024: यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव के लिए हालांकि तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन इसे लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सत्ताधारी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सपा के मुकाबले पिछड़ने के बाद अब उपचुनाव में दम दिखाने के लिए कमर कस ली है तो वहीं विपक्षी पार्टियों में भी बैठकों का दौर चल रहा है। उम्मीदवारों के नाम पर मंथन हो रहा है तो वहीं कुछ दलों ने अंदर ही अंदर सीटों को लेकर कुछ नाम फाइनल भी कर लिए हैं। यूपी उपचुनाव के लिए किस पार्टी की तैयारियां कहां तक पहुंचीं?
लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद यूपी की जिस एक सीट का सबसे अधिक जिक्र हुआ, वह फैजाबाद लोकसभा सीट है जिसमें रामनगरी अयोध्या भी आती है। ‘तुम्हारी जीत से ज्यादा चर्चे हमारी हार के हैं’ की तर्ज पर इस सीट पर भाजपा की हार चर्चा का विषय बनी हुई है। इस स्थिति को भाजपा अयोध्या से ही संदेश देकर मिटाना चाहती है। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट भाजपा के लिए कितना महत्व रखती है ,इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते सप्ताह भर में सीएम योगी रामनगरी का दो बार दौरा कर चुके हैं और इस सीट पर जीत की जिम्मेदारी सीएम योगी के ही कंधों पर है।

अयोध्या को मंथन करना चाहिए
सीएम योगी ने हाल के अयोध्या दौरे के दौरान कहा था कि अयोध्या को अपने सम्मान की खुद चिंता करनी चाहिए और हिंदू समाज को यह देखना चाहिए कि उनकी चिंता कौन कर रहा है। अयोध्या हमारे लिए जीत का विषय नहीं लेकिन हमारी हार को जिस तरह से प्रचारित किया गया उस पर अयोध्या को मंथन करना चाहिए। योगी ने लोकसभा चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए हुई बैठक में भी उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत के लिए सभी को जुट होकर प्रयास करने का मंत्र दिया था।
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BJP ने शुरू किया मंथन
लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सपा से सात हजार वोट से पीछे रह गई थी। इस अंतर को पाटने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी मिल्कीपुर के कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। भाजपा अयोध्या से सटे अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर भी पूरा दमखम लगा रही है। यहां जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रभारी बनाया है। चुनावी समीकरण को देखा जाए तो वर्ष 1991 के बाद से ही इस सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिली है। भाजपा इस सीट पर कमल खिलाने का फॉर्मूला तलाश रही है। वहीं, इस सीट से विधायक रहे लालजी वर्मा सपा से अपनी पत्नी शोभावती वर्मा या पुत्री छाया वर्मा को टिकट दिलाने की कोशिश में हैं। सपा से टिकट की दावेदारी भीम निषाद भी कर रहे हैं।

सीटवार तैयारियों की समीक्षा में जुटे अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उपचुनावों को लेकर एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। अयोध्या से अवधेश प्रसाद के बेटे को टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी अंबेडकर नगर में लालजी वर्मा की बेटी या पत्नी, करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी या उनकी मां और कुंदरकी से पूर्व विधायक हाजी रिजवान को उम्मीदवार बना सकती है। मीरापुर विधानसभा से सपा पूर्व सांसद कादिर राणा को उतार सकती है।
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BSP प्रमुख भी एक्शन में
आमतौर पर उपचुनाव से दूरी बनाने वाली बसपा भी इस बार उपचुनाव लड़ने की तैयारी में है। 2012 के बाद पहली बार होगा जब बसपा विधानसभा उपचुनाव लड़ने जा रही है। बसपा प्रमुख मायावती भी इसे लेकर एक्शन मोड में हैं। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि फूलपुर से शिवबरन पासी और मझवां सीट से दीपक तिवारी के नाम करीब-करीब फाइनल हैं। इन दोनों नेताओं को अभी प्रभारी बनाया गया है।

कांग्रेस भी तैयार, बैठकें जारी
यूपी कांग्रेस भी उपचुनाव को लेकर तैयारी कर रही है, बैठकें कर रही है। कांग्रेस 10 उपचुनाव की सीटों की तैयारी के लिए जल्दी ही वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंप सकती है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी 10 सीटों के उपचुनाव में 5 सीटों पर दावेदारी कर रही है। सपा, कांग्रेस को दो से अधिक सीटें देने के लिए अभी तैयार नहीं है।
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