Yuvajana Sramika Rythu Telangana Party: भाई जेल गया तो मां संग संभाली पार्टी, फिर जगन को CM बनाया, जानें अब क्यों कांग्रेस में शामिल हो रही है शर्मिला
Yuvajana Sramika Rythu Telangana Party: गुरुवार को वाईएस शर्मिला ने अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया। जिसे आंध्र प्रदेश की राजनीती में एक नए मोड़ के रूप मे देखा जा रहा है उन्होंने अपनी पार्टी की शुरुवात जुलाई 2021 में अपने पिता राजशेखर रेड्डी की जन्मतिथि पर की थी। शर्मिला ने भाई जगन मोहन की पार्टी से अलग होकर नई पार्टी शुरू की थी। फरवरी 2021 में शर्मिला ने भाई की पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था ।
इस दौरान शर्मिला ने आरोप लगाया कि भाई जगन मोहन रेड्डी के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं और दावा किया कि तेलंगाना में पार्टी में चीजे ठीक नहीं चल रही है। उनकी मां विजयम्मा भी बेटे की पार्टी छोड़कर अपनी बेटी शर्मिला की पार्टी में आ गई थीं।
कैसे शुरू हुआ राजनीतिक सफर?
49 वर्षीय शर्मिला का जन्म हैदराबाद में पुलिवेंदुला में वाईएस राजशेखर रेड्डी और विजयम्मा के घर हुआ था। उनका पालन पोषण ही राजनीतिक वातावरण में हुआ।उनका शुरू से ही राजनीती में रुझान रहा है शर्मिला के पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि शर्मिला के बड़े भाई जगन मोहन आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। शर्मिला का ताल्लुक ईसाई परिवार से है। दरअसल, उनके पति एम. अनिल कुमार कारोबारी होने के साथ-साथ एक ईसाई धर्म प्रचारक भी हैं। दोनों ने प्रेम विवाह किया था और उनके दो बच्चे हैं।
मई 2012 में उनके बड़े भाई जगन मोहन को गबन के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। भाई के जेल जाने के बाद बहन शर्मिला ने मां वाईएस विजयम्मा के साथ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रचार का जिम्मा संभाला। जिस जगन की गिरफ्तारी हुई उस वक्त आंध्र प्रदेश में 18 विधानसभा सीटों हुए एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने वाले थे। वाईएसआरसीपी ने 18 सीटों में से 15 और इकलौती लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। यहाँ से उनका राजनैतीक कद काफी बढ़ गया उन्हें आंध्र प्रदेश की राजनीती का बड़ा चेहरा माना जाने लगा।
क्या होगा कांग्रेस पार्टी को फायदा ?
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने पार्टी में शर्मिला का स्वागत किया। कांग्रेस को उनसे लोकसभा चुनाव और आँध्र प्रदेश में कांग्रेस को मज़बूत बनाने की उम्मीद है।पार्टी को उम्मीद है कि जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी छोड़ने के इच्छुक लोग अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उनके इस फसले को कांग्रेस पार्टी के लिए एक नई उम्मीद के तोर पे देखा जा रहा है।
साथ ही यह भी आस लगाई जा रही है की कोंग्रस पार्टी सर्मिला को इस साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में एक महत्वपूर्ण भूमिका देगी । शर्मिला के कोंग्रस पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में अपनी स्थिति और मजबूत कर सकती है, जो आने वाले दिनों में जगन मोहन के लिए नई मुसीबत बन कर उभर सकती हैं।
क्यों कांग्रेस पार्टी मान रही है बड़ी उम्मीद ?
2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ शर्मिला ने बस यात्रा करी थी जिससे एन चंद्रबाबू नायडू को भारी नुकशान हुआ था। उन्होंने ‘बाय बाय बाबू’ टाइमर घड़ी के साथ बसों में पूरे आंध्र प्रदेश में 11 दिनों की बस यात्रा की।
‘प्रजा थेरपु – बाय बाय बाबू’ अभियान में शर्मिला ने 1,553 किमी की यात्रा की और जनसमर्थन जुटाया। भाई जगन के साथ की गई इस मेहनत का फायदा भी मिला और 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सत्ता में आ गई। इसलिए भी कांग्रेस उनकी लोखप्रियता को लेकर काफी खुश दिखाई दे रही है। साथ ही शर्मिला के कांग्रेस के साथ विलय से इस साल होने वाला आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो जाएगा।
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