नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए महिलाओं की नियुक्तियों में वृद्धि
सभी क्षेत्रों में कंपनियों में नेतृत्व वाली भूमिकाओं के लिए महिलाओं की नियुक्तियां 2024 की शुरुआत में बढ़कर 23.2 प्रतिशत हो गई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि नियोक्ता अब भी शीर्ष प्रबंधन में लैंगिक समानता हासिल नहीं कर पाए हैं। एक रिपोर्ट ‘कॉरपोरेट इंडिया में नेतृत्व में महिलाएं’ के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए महिलाओं की नियुक्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट में आर्थिक ग्राफ आंकड़ों से प्राप्त जानकारी का उपयोग किया गया है, जो मंच पर विभिन्न क्षेत्रों से उपलब्ध डेटा पर आधारित है। कार्यबल में भी महिला कर्मचारियों की कुल संख्या में वृद्धि हुई है। वरिष्ठ नेतृत्व वाली भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिशत 2016 के 16.6 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 18.7 प्रतिशत हो गया, लेकिन 2024 में यह थोड़ा कम होकर 18.3 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, यह वर्ष के अंत तक ठीक हो सकता है।
उद्योग जगत में बढ़ रही हिस्सेदारी
वहीं भारतीय उद्योग जगत में भी महिलाओं की बोर्ड में हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है। भारतीय कंपनियों के निदेशक मंडल में पिछले पांच सालों के दौरान महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ी है। भले ही भारत वैश्विक गति की बराबरी कर ले, लेकिन जब तक महिला लीडर्स की एक मजबूत पाइपलाइन विकसित नहीं हो जाती, तब तक बोर्ड पर लैंगिक समानता हासिल करना एक दूर का लक्ष्य बना रहेगा। प्रशासनिक विशेषज्ञता को रचनात्मक रूप से विकसित करके और नियमित रूप से प्रगति का मूल्यांकन करके, कॉर्पोरेट प्रशासन में उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिभाशाली महिला नेताओं की एक मजबूत पाइपलाइन तैयार की जा सकती है।

महिलाएं अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के साथ ही व्यावसायिक जिम्मेदारियां भी अच्छी तरह निभा रही हैं। महिलाओं की शिक्षा के लिहाज से भारत का प्रदर्शन बुरा नहीं है। देश में 29.5 प्रतिशत इंजीनियर महिलाएं हैं, जो ऑस्ट्रेलिया (14.5 प्रतिशत) और ब्रिटेन (16.9 प्रतिशत) जैसे देशों की तुलना में बहुत अधिक है। भारतीय आईटी उद्योग ने लैंगिक विविधता में महत्वपूर्ण प्रगति देखी है और 20 लाख से अधिक महिलाएं अब कार्यबल में योगदान दे रही हैं।
18,000 से ज्यादा कंपनियों का विश्लेषण
2023 में कंपनियों के बोर्ड में उनकी हिस्सेदारी 18.3 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा वैश्विक औसत 23.3 प्रतिशत से कम है। इस रिपोर्ट के लिए 50 देशों की 18,000 से ज्यादा कंपनियों का विश्लेषण किया गया। इसमें भारत की 400 कंपनियां शामिल हैं। भारत में, क्षेत्रीय रुझान बोर्डरूम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए एक आशावादी तस्वीर पेश करते हैं। सर्वेक्षण में जांचे गए सभी क्षेत्रों में 2018 की तुलना में 2023 में बोर्ड पर महिलाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई। भारतीय आईटी उद्योग में शुरुआती और मध्य स्तर के कार्यबल में अब अधिक महिलाओं की भागीदारी के साथ लैंगिक विविधता में महत्वपूर्ण प्रगति देखी जा रही है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों के अनुसार हालांकि शीर्ष स्तर और पुरुष प्रधान कॉरपोरेट निदेशक मंडलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी कम है और इस दिशा में बहुत काम करने की ज़रूरत है। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर कोई संगठन लैंगिक समानता की दिशा में सक्रिय रूप से काम नहीं करता है तो उसके लंबे व्यावसायिक जीवन काल की संभावना नहीं है।
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दोगुनी मेहनत करने की जरूरत
ज्यादातर संगठनों में वरिष्ठ कार्यकारी स्तर और बोर्ड स्तर पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए अभी भी बहुत काम करने की जरूरत है। कनिष्ठ और मध्य कार्यकारी स्तरों पर पहले से कहीं अधिक संख्या में महिलाएं हैं। ये प्रतिबद्ध, नवोन्वेषी और महत्वाकांक्षी हैं। आज यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो। अगर किसी संगठन में समान लैंगिक प्रतिनिधित्व नहीं है, तो उसका जीवन काल लंबा नहीं हो सकता है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कई महिलाएं बीच में ही करियर छोड़ देती हैं, क्योंकि उन्हें वैसा समर्थन नहीं मिलता, जिसकी उन्हें जरूरत है। कामकाजी महिलाओं की जिम्मेदारियां पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से कई गुना बढ़ गई हैं। महिलाओं को यह साबित करने के लिए दोगुनी मेहनत करने की जरूरत है कि वे अपने पुरुष समकक्ष से कम नहीं हैं। 146 देशों के एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 29.2 प्रतिशत है। इस अंतर को भरना बहुत जरूरी है।

वर्ष नियुक्तियां (नेतृत्व % में)
2016 18.8 %
2021 25.2 %
2024(शुरुआत) 23.2 %
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वर्ष नियुक्तियां (वरिष्ठ नेतृत्व %)
2016 16.6 %
2023 18.7 %
2024 18.3 %
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( वर्कफोर्स में महिला कर्मचारी संख्या-2024 )
वर्ष वर्कफोर्स संख्या
2016 23.9 %
2024 26.8 %
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( महिलाओं की बोर्डरूम मौजूदगी-2023 )
सेक्टर बोर्डरूम हिस्सेदारी
LS-हेल्थकेयर 21.3 %
टेक्नोलॉजी,मीडिया टेलीकॉम 20.5 %
उपभोक्ता व्यवसाय 19.7 %
विनिर्माण 17.4 %
वित्तीय सेवाएं 16.9 %
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( निदेशक मंडल में हिस्सेदारी-2023)
वर्ष प्रतिशत
2018 13.8 %
2021 17.1 %
2023 18.3 %
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