Oxygen: पैरों के नीचे की धरती कई किलोमीटर नीचे चली जायेगी
Oxygen: अगर पांच मिनट को दुनिया के सारे कंप्यूटर सिस्टम एकाएक बंद हो जाएं तो क्या होगा? अगर पांच मिनट भर को पूरी दुनिया के कंप्यूटर सिस्टम ब्लॉक हो जाएं तो दुनिया में कितना बड़ा संकट आ सकता है। लेकिन दुनिया में इससे भी कई गुना बड़ा संकट आ सकता है, वो भी अगर महज पांच सेकेंड के लिए धरती से Oxygen गायब हो जाए। अगर पांच सेकेंड के लिए धरती से ऑक्सीजन खत्म हो जाए तो दुनिया का हर वह इंजन रूक जाएगा, जो दहन प्रणाली पर आधारित है।

हवा का दबाव बढ़ जायेगा
जानकारों का मानना है कि अगर पांच सेकेंड के लिए भी धरती से Oxygen खत्म हो जाए तो अचानक हवा का दबाव इतना बढ़ जायेगा कि दुनिया का हर इंसान बहेरा हो जायेगा। उसके कान के पर्दे फट जाएंगे। लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की तादाद में वो तमाम इमारतें रेत के घरौंदों की तरह ढह जायेंगी, अगर पांच सेकेंड के लिए धरती से पूरी तरह से Oxygen गायब हो जाए।
Oxygen के अचानक गायब होने से हमारे पैरों के नीचे की धरती कई किलोमीटर नीचे चली जायेगी, जिसका मतलब यह है कि दुनिया में शाय ही कोई बचे। अगर महज पांच सेकेंड के लिए धरती से Oxygen गायब हो जाए तो इंसान का नामोनिशान मिट जायेगा। सिर्फ इन्सान का ही नहीं हर उस चीज का जो जीवित है और जो जीने के लिए श्वसन क्रिया को अंजाम देती है। इसलिए ऑक्सीजन महज प्राणवायु भर नहीं है बल्कि दुनिया में समस्त जीवों के होने का एकमात्र बुनियादी आधार है।

जीना मुश्किल ही नहीं असंभव
अगर दुनिया में Oxygen न हो तो जीना मुश्किल ही नहीं असंभव है। इसी तरह अगर Oxygen मौजूदा तादाद से बढ़कर दोगुना हो जाए तो भी बहुत सारी अनहोनियां पलक झपकते घट जाएंगी। हालांकि धरती में अगर Oxygen की मात्रा मौजूदा मात्रा से ज्यादा हो जाए या दोगुना ज्यादा हो जाए तो उसके कुछ रोचक फायदे होंगे बशर्ते उन्हें हासिल करने के लिए हम जिन्दा रह सकें। कुछ चीजों के बारे में हम वाकई बहुत कम जानते हैं और इनमें सबसे प्रमुख चीज शायद यह Oxygen ही है, जिसकी बदौलत हम और हमारी समूची धरती जिंदा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है तकरीबन 250 साल पहले वातावरण में Oxygen आयी और इसी के बाद धरती में जीवन की कल्पना साकार हुई।
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तीसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला रासायनिक तत्व
ऑक्सीजन धरती का तीसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला रासायनिक तत्व है। जबकि हाइड्रोजन और नाइट्रोजन पहले और दूसरे स्थान पर हैं। आज हम भले दिन-रात चिंता करते हों कि ऑक्सीजन कम हो रही है, लेकिन धरती के वातावरण में इस समय ऑक्सीजन का जो 21 फीसदी का अनुपात है, वह किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक करीब 30 करोड़ साल पहले जब Oxygen की धरती में मौजूदगी 35 फीसदी थी, तब आज के तमाम छोटे कीड़े मकोड़े बहुत बड़े आकार के थे।

23000 बार सांस लेता है आदमी
हमारे शरीर की 90 फीसदी ऊर्जा ऑक्सीजन से हासिल होती है, बाकी भोजन और पानी से। एक औसत आदमी दिन में लगभग 23000 बार सांस लेता है। इसका मतलब यह है कि हम जितना भोजन पूरे दिन में खाते हैं, उससे 23 गुना ज्यादा हवा और जितना पानी पीते हैं, उससे 8 गुना ज्यादा हवा सांस के रूप में ग्रहण करते हैं। Oxygen आश्चर्यों का पिटारा है। इसके आश्चर्यों की कहानी सुनने लगें तो एक महीना लगातार सुनते रहने पर भी शायद इसके आश्चर्यों की गाथा खत्म न हो। सिर्फ इंसान ही नहीं धरती के हर जीवित प्राणी में 55 फीसदी वजन सिर्फ और सिर्फ ऑक्सीजन का ही होता है।f
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