Personal Shopper: फैशन की दुनिया से परीचित होना जरूरी
Personal Shopper शब्द सुनने में लगता है फैशन और एक्सेसरीज की बात की जा रही है। लेकिन इसके मायने और व्यापक हैं। Personal Shopper का मुख्य काम अपने क्लाइंट्स के लिए शॅपिंग करना है, जिसमें सभी तरह की शॅपिंग शमिल है। मनुष्य का यह स्वभाव ही है, उसके पास जितना है उसे हमेश और ज्यादा चाहिए। कुछ लोगों की यह आदत ही होती है कि उन्हें लगता है कुछ न कुछ उनके पास दूसरों से अलग हटकर नया होना चाहिए। पर्सनल शॅपिंग एक ऐसा कॅरिअर है, जिसमें आप हाथ आजमा सकते हैं।
एक Personal Shopper होने के नाते आपको अपने क्लाइंट्स देखने होते हैं और उनकी जरूरतों के अनुसार उन चीजों का चयन करना होता है जिनकी उन्हें सचमुच जरूरत होती है। इसमें उनकी चाहत, उनकी पसंद के मायने होते हैं आपके नहीं। केवल फैशन इंडस्ट्री में ही Personal Shopper नहीं होते बल्कि समाज से जुड़े अन्य क्षेत्रों, वर्ग के लिए भी यह कार्य करते हैं, उनके लिए ग्रासरी स्टोर से सामान खरीदते हैं। Personal Shopper लॉ फर्म और दूसरी अन्य कंपनियों के लिए भी काम कर सकते हैं। लेकिन यदि आप फैशन के क्षेत्र में Personal Shopper को कॅरिअर के रूप में अपनाना चाहते हैं तो आपको फैशन की अच्छी समहजय होनी चाहिए। महिलाओं की पहनने के लिए कपड़े, जूते और बिजनेस सूट के विषय में आपकी अच्छी समझ होनी चाहिए।

औपचारिक कोर्स या प्रशिक्षण की जरूरत नहीं
Personal Shopper बनने के लिए किसी औपचारिक कोर्स या प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होती। इसमें सबसे अहम चीज है आप कौन से बॉडी टाइप पर किस तरह के कपड़े जंचते हैं। किस किस तरह के बॉडी टाइप्स होते हैं। एसथेटिक्स और ट्रेंड को समहजयना जरूरी है। एक बात को अच्छी तरह समझ लें, Personal Shopper वही हो सकता है जो फैशन की दुनिया से पूरी तरह परीचित हो और जिसको शॅपिंग में गहरी रूचि हो।
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दूसरों की बात सुनने की क्षमता
अन्य दूसरे कंसल्टेंट की तरह Personal Shopper के लिए यह जरूरी है कि वह धैर्य से दूसरों की बात सुनने की क्षमता रखता हो और सलाह देने में निपुण हो। कोई भी Personal Shopper अपने कार्यक्षेत्र में तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक वह अपने आइडिया से अपने क्लाइंट को पूरी तरह संतुष्ट करके अपनी बात नहीं मनवा लेता और अपने आइडिया को मनवाने के पीछे उसके पास तर्क होना चाहिए यानी अपने द्वारा दिये सुहजयाव के लिए उसके पास ठोस दलील होनी चाहिए। इसलिए Personal Shopper बनने के लिए कम्युनिकेशन स्किल होनी चाहिए।
ऑनलाइन शॅपिंग की दुनिया में पर्सनल शॅपिंग की जगह आज इंटरनेट एक लग्जरी नहीं बल्कि हम सबके लिए एक बहुत बड़ी जरूरत बन चुका है। आपको कुछ सीखने के लिए अब किसी खास कोर्स की जरूरत नहीं होती। इंटरनेट पर सिर्फ एक क्लिक भर से आप मनचाही जानकारी पा सकते हैं। एक स्मार्ट कस्टमर बनने के लिए शॅपिंग के गुर सीखने के लिए थोड़े टिप्स को जान लेने के बाद इसकी सहायता से आप आसानी से शॅपिंग कर सकते हैं। क्योंकि इंटरनेट पर इससे संबंधित हजारों, लाखों पेजों पर ज्ञान बिखरा है। लेकिन Personal Shopper की तो बात ही कुछ अलग है।

हर सीजन के अनुकूल वार्डरोब
Personal Shopper कस्टमर को उस चीज के बारे में सलाह देता है, जिसके बारे में कस्टमर मतिभ्रम की स्थिति में होता है। इस तरह यह फैशन की दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा नहीं है। वो लोग जो फैशन को लेकर बेहद कांशियस हैं और जिनकी जीवनचर्या इतनी व्यस्त है कि वो फैशन के ट्रेंड को समझ नहीं पाते ऐसे लोग Personal Shopper के पास हर सीजन के अनुकूल वार्डरोब तैयार करने और स्टाइल मेकओवर टिप्स लेने के लिए आते हैं और Personal Shopper उनकी जरूरत और पर्सनैलिटी के अनुसार उन्हें इसकी सलाह देते हैं। दूसरे अन्य क्षेत्रों की तरह पर्सनल शॅपिंग के लिए भी नियमित अभ्यास इस क्षेत्र में ज्यादा अनुभव हासिल करने में सहायक साबित होता है।

शैक्षिक कार्यक्रम और वर्कशप आयोजन
एक बार बदलते फैशन के ट्रेंड, बॉडी टाइप और कौन से स्टोर में नये फैशन का क्या उपलब्ध है, इन बातों को जान लेने के बाद आप उनमें डील कर सकते हैं। Personal Shopper अपने को अपडेट करने के लिए नयी फैशन मैग्जींस में बदलते ट्रेंड, ब्लाग्स और आनलाइन स्टोर या दुकानों में जाकर उत्पादों की उपलब्धता और उनके मूल्य और उनसे संबंधित दूसरी जानकारी ले सकते हैं। पर्सनल शॅपिंग और इसकी कंसलटेंसी से जुड़े वर्कशॉप में इस क्षेत्र से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करायी जाती है। कई संस्थान इससे जुड़े शैक्षिक कार्यक्रम और वर्कशप आयोजित कराते हैं, जिनकी मदद से Personal Shopper अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।

व्यवहारिक ज्ञान और अनुभव
Personal Shopper के लिए व्यवहारिक ज्ञान और अनुभव हासिल करने के लिए आनलाइन भी एक माध्यम है, लेकिन इसे सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पै्रक्टिस द्वारा ही हासिल कर सकते हैं। हां, इंटरनेट के माध्यम से अलगअलग बॉडी स्ट्रक्चर, अलगअलग मौसम में रंगों, ट्रेंड और आने वाले दिनों के फैशन ट्रेंड के विषय में काफी ज्ञान हासिल कर सकते हैं। जिनमें अलग अलग तबके के लोगों के लाइफस्टाइल और उनके कम्फर्ट लेवल के बारे में जाना जा सकता है। लेकिन अगर हमें किसी की वार्डरोब को प्लान करना हो तो किसी कस्टमर की जरूरतों पर ही फोकस करना होता है।
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