IPL Industry: रातोंरात मालामाल हो जाते हैं क्रिकेट खिलाड़ी
पिछले 2 दशकों से भारत में क्रिकेट खेलने वाला कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं है जिसके पास रहने के लिए एक नहीं कई-कई आलीशान बंगले न हों। अगर भारत में क्रिकेटर अच्छा परफॉर्मेंस करते हैं तो उन्हें सिर्फ क्रिकेट खेलने की आकर्षक फीस भर नहीं मिलती बल्कि उन्हें इतने ज्यादा और महंगे विज्ञापनों के ऑफर होते हैं कि वे रातोंरात मालामाल हो जाते हैं।
फिर पिछले डेढ़ दशकों में आईपीएल में कमाई और मनोरंजन का एक ऐसा तिलिस्म खड़ा कर दिया गया है जहां एक मैच से ही औसतन 125 से 130 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है। आईपीएल भारत में किसी बड़े उद्योग से भी बड़ा उद्योग बनकर उभरा है। आईपीएल का टर्नओवर 70 हजार करोड़ रुपये है। एक तरह से आईपीएल पैसा छापने की मशीन बन गया है। इसकी फ्रेंचाइची खरीदने वालों को अब हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये का मुनाफा मिल रहा है।
जाहिर है ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत में क्रिकेट के अपार दर्शक हैं। इतने मैच होने के बाद भी हर साल भारत में आईपीएल देखने वाले दर्शकों की संख्या औसतन 40 करोड़ से ऊपर ही रहती है। यह दीवानगी वास्तव में न सिर्फ क्रिकेट को बल्कि क्रिकेटरों को भी स्वभाविक रूप से मालामाल करती है। भारतीय क्रिकेटरों को टेस्ट मैच में ही आकर्षक फीस नहीं मिलती बल्कि एकदिवसीय मैचों में भी उसे बेहद आकर्षक फीस मिलती है।

6 लाख रुपये प्रति मैच मिलते हैं
देश के हर क्रिकेटर को जो एकदिवसीय मैच खेलता है उसे 6 लाख रुपये प्रति मैच और टी-20 के लिए 3 लाख रुपये प्रति मैच मिलते हैं। अगर आपकी टीम अच्छी है और वह पूरे एक साल में दुनिया के कई देशों में खेलते हुए कम से कम 8 या 10 प्रतिस्पर्धाओं में पहले, दूसरे या तीसरे नंबर पर रहती है तो आज की तारीख में क्रमशः 50, 40 और 30 करोड़ रुपये की कमाई होती है।
इस तरह देखें तो भारतीय टीम जो कि वास्तव में दुनिया की बेहतरीन टीमों में से एक है हर साल दुनियाभर में खेले गए अपने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में औसतन 45 से 50 करोड़ रुपये की धनराशि पहले दूसरे या तीसरे स्थान पर रहते हुए जीतती है और यह पैसा भी भारतीय क्रिकेटरों के बीच में ही आपस में बंटता है। इस तरह देखें तो भारतीय क्रिकेटर हर मायने में कमाई के शहंशाह हैं। कमाई के लिहाज से भारत में सारे खिलाड़ियों में क्रिकेटर ही शहंशाह हैं। इसीलिए भारत में क्रिकेटरों को क्रिकेट की दुनिया में सबसे भाग्यशाली माना जाता है। क्रिकेट को भारत में धर्म माना जाता है, तो जाहिर है बाकी खेलों में सबसे ऊपर तो इसे होना ही है।

हर खिलाड़ी को सालाना कॉन्ट्रैक्ट देती है BCCI
अगर बात कमाई की करें तो भारतीय क्रिकेटर देश के किसी भी खेल के खिलाड़ी से ही नहीं बल्कि किसी भी प्रोफेशनल से, मंत्री से, प्रधानमंत्री से, सुप्रीम कोर्ट के जजों और चीफ जस्टिस से ही नहीं देश के राष्ट्रपति से भी ज्यादा सैलरी पाते हैं। यहां तक कि भारत में एक फिल्म के करोड़ों रुपये पाने वाले फिल्मी सितारे भी पारिश्रमिक पाने के मामले में उनसे बेहतर नहीं हैं क्योंकि किसी भी सितारे को एक फिल्म करने के एवज में जो फीस मिलती है, वह पूरी फिल्म में उनके अभिनय के लिए होती है। आज के इस परफेक्शन के युग में अच्छी फिल्में 2-2, 3-3 सालों में जाकर बनती हैं।
इसलिए अगर किसी फिल्म अभिनेता को 5-10 करोड़ रुपये भी मिलते हैं तो भी किसी ए ग्रेड क्रिकेटर से कहीं कम होती है क्योंकि दुनिया का सबसे सम्पन्न क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को प्रति टेस्ट मैच 15 लाख रुपये की भारी भरकम फीस देता है। इसके साथ ही हर दिन 150 से 300 डॉलर की पॉकेट मनी भी देता है। इस तरह एक खिलाड़ी जो टेस्ट मैच खेलता है, वह हर दिन करीब 3. 5 से 4 लाख रुपये पाता है। 5 दिन के एक टेस्ट मैच के उसे 15 से 18 लाख रुपये मिलते हैं। इसके साथ ही बीसीसीआई अपने हर खिलाड़ी को एक सालाना कॉन्ट्रैक्ट देती है।
ए प्लस ग्रेड के खिलाड़ी को साल में 7 करोड़ रुपये, ए ग्रेड के खिलाड़ी को 5 करोड़ रुपये, बी ग्रेड के खिलाड़ी को 3 करोड़ और सी ग्रेड के खिलाड़ी को हर साल 1 करोड़ रुपये देती है। इसके अलावा अगर भारतीय खिलाड़ी खेल के दौरान अपने उत्कृष्ट प्रदर्शनों से मैन ऑफ द मैच या बेस्ट बॉलर और बेस्ट कैचर का खिताब जीतते हैं तो उन्हें उसके कई लाख रुपये अलग मिलते हैं। जहां तक इन्हीं खिलाड़ियों द्वारा आईपीएल जैसी लीग में खेलने से होने वाली कमाई का सवाल है तो वह भी देश के लिए नियमित खेलने वाले खिलाड़ी की कमाई से कम नहीं होती।
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25 से 30 करोड़ सिर्फ खेलने की फीस
आईपीएल, टेस्ट मैच, एकदिवसीय मैच, ट्वेंटी-ट्वेंटी आदि क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स में खेलने वाले ए ग्रेड के किसी भी भारतीय क्रिकेटर को साल की कम से कम 25 से 30 करोड़ रुपये तक की सिर्फ खेलने की फीस मिलती है। हम सब यह भी जानते हैं कि इस प्रचार के युग में कम से कम भारत में क्रिकेटर सबसे महंगे सेलिब्रिटी हैं। इसलिए ठीक-ठाक प्रदर्शन करने वाला कोई भी क्रिकेटर साल में 10 से 15 करोड़ रुपये के विज्ञापन आराम से कर लेता है।
अगर इसे उदाहरण से समझें तो विराट कोहली की सालाना इनकम 50 करोड़ रुपये से ऊपर है। इसका मतलब यह है कि विराट कोहली जैसा कोई क्रिकेटर एक दिन में कम से कम 16 से 17 लाख रुपये कमाता है। अगर देश के पहले 25 से 30 बड़े उद्योगपतियों को छोड़ दें तो हर महीने सैलरी से इतनी कमाई करने वाले भारत के दूसरे किसी भी प्रोफेशन में नहीं हैं।
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