Maratha Reservation Quota Movement: CM शिंदे ने मसौदा अध्यादेश के साथ प्रतिनिधिमंडल भेजा
मराठा आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि है कि महाराष्ट्र सरकार ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने अपनी भूख हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है। पाटिल ने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। हमारा विरोध अब खत्म हो गया है।
हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक जिन 54 लाख लोगों के कुनबी होने का प्रमाण मिला है, उन सभी को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए सरकार तैयार हो गई है। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई के लिए 54 लाख प्रविष्टियां मिलीं। उन्हें जल्द ही प्रमाणपत्र दिया जाएगा।”
विरोध जारी रखने की आवश्यकता नहीं
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा, ”मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा आरक्षण के लिए महाराष्ट्र में जो आंदोलन चल रहा था, वह एक समाधान पर पहुंच गया है… जो अध्यादेश पारित किया गया है, उसमें सभी समस्याओं का समाधान है। मनोज जारांगे पाटिल ने घोषणा की है कि चूंकि समाधान प्राप्त हो गया है, इसलिए विरोध जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।” महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण कार्यकर्ता की मांगों को लेकर शुक्रवार रात एक मसौदा अध्यादेश लेकर आई।
उनके कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जारांगे की मांगों पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और बाद में रात में कार्यकर्ता से मिलने के लिए एक मसौदा अध्यादेश के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भेजा। प्रतिनिधिमंडल में सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे, औरंगाबाद संभागीय आयुक्त मधुकर अरंगल, मुख्यमंत्री के निजी सचिव अमोल शिंदे और अन्य शामिल थे।
अब मुफ्त शिक्षा की मांग
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने इससे पहले कहा था कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। जरांगे एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अब मराठों के लिए सरकार से मुफ्त शिक्षा की मांग की है। मनोज जरांगे ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कुछ दस्तावेज दिए हैं जिन पर वह अपने समर्थकों के साथ चर्चा करके अपनी भविष्य की रणनीति की घोषणा करेंगे। इससे पूर्व जरांगे हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंच गए।
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भूख हड़ताल की दी थी चेतावनी
जरांगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह लगभग पांच बजे मोटरसाइकिल, कार, जीप, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंचे। जरांगे ने अपने समर्थकों के साथ आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी थी। प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए कुन्बी (अन्य पिछड़ा वर्ग) दर्जे की मांग कर रहे थे। 40 वर्षीय कार्यकर्ता, जिन्होंने दक्षिण मुंबई के आज़ाद मैदान में भूख हड़ताल करने की योजना बनाई थी, ने एक नई मांग की थी कि सरकार सभी मराठों को शामिल करने के लिए अपनी मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन करे, जब तक कि आरक्षण का लाभ पूरे समुदाय के लिए उपलब्ध न हो जाए।
37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिये जा चुके
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को कहा था कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक वह अपना आंदोलन बीच में समाप्त नहीं करेंगे, जबकि महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया कि कार्यकर्ता की मांगें स्वीकार कर ली गई हैं। जरांगे एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद पड़ोसी नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे। राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि जरांगे की मांगें मान ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिये जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जायेगी।
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