Star Cricketer: 17 साल की उम्र में हरमीत का रणजी टीम में चयन हुआ था
Star Cricketer: भारत के करीब 27 ऐसे युवा क्रिकेटर हैं जिनकी भारतीय टीम में या तो जगह बन सकती थी या वे भविष्य में ऐसी काबिलियत हासिल कर लेते कि भारतीय टीम के साथ खेल पाते। आज ये सभी खिलाड़ी भारत में नहीं बल्कि अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड और अनेक ऐसी टीमों का हिस्सा हैं जो भले विश्व स्तर पर बड़ा कमाल न कर रही हों लेकिन भविष्य के विश्व क्रिकेट का वे भी तेजी से हिस्सा बनने की कोशिश में लगी हैं।
ये सभी खिलाड़ी सिर्फ इसलिए दुनिया के अलग-अलग देशों में खेलने के लिए नहीं पहुंच गए कि भारतीय क्रिकेट की दुनिया में प्रतिभाओं की भरमार थी और इन्हें मौका मिलने को लेकर असजमंस था या इनको मौका मिलता ही नहीं। निश्चित रूप से भारत आज की तारीख में दुनिया की क्रिकेट का जगमगाता केंद्र है। करीब 40 तरह के अलग-अलग स्थानीय टूर्नामेंटों, ट्रॉफियों और स्तरीय क्लबों के कारण भारत में करीब 10 हजार युवा क्रिकेटर सक्रिय रहते हैं और भविष्य के भारतीय सुपरस्टार बनने का सपना देखते हैं।
युवा क्रिकेटर आईपीएल के लिये करते हैं मेहनत
2000 से ज्यादा भारतीय युवा क्रिकेटर तो आईपीएल में ही किसी तरह से एंट्री पाने के लिए दिन-रात लगे रहते हैं। निश्चित रूप से भारत न सिर्फ क्रिकेट के खिलाड़ियों का दुनिया में सबसे बड़ा हब है बल्कि क्रिकेट के व्यवसाय और क्रिकेट से होने वाली कमाई का भी सबसे बड़ा केंद्र है। इसलिए भारत में बड़ी संख्या में युवाओं के लिए क्रिकेट में करिअर सिर्फ दिवास्वप्न नहीं है लेकिन इतनी बड़ी आबादी के कारण भारत के दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट हब होने के बावजूद हर युवा क्रिकेटर को भारत में अपनी किस्मत चमकाने और करिअर को ऊपर उठाने का मौका मिलेगा ही, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
यही कारण है कि देश से सैकड़ों क्रिकेटर जो बेरोजगार थे, जिन्हें तमाम तरह की आर्थिक समस्याएं थीं, जिनके घर वाले उनकी तरफ टकटकी लगाकर देख रहे थे कि कब उन्हें मौका मिले और क्रिकेट उनके घर की आर्थिक तस्वीर बदले, ऐसे कई दर्जन युवा क्रिकेटर महज अपनी रोजगार की मजबूती के लिए आज अन्य देशों में क्रिकेट का हिस्सा हैं।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल भी शामिल
भारत की ही तरह पाकिस्तान, बांग्लादेश और यहां तक कि नेपाल जो कि टेस्ट क्रिकेट खेलने वाला अभी तक अधिकृत देश भी नहीं है, वहां के भी छह खिलाड़ी आज भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाड़ियों की तरह दुनिया के अलग-अलग देशों में खेल रहे हैं। उत्तरी गोलार्ध में क्रिकेट का विस्तार हो रहा है और अगले ओलंपिक तक क्रिकेट दुनिया के बहुत बड़े नक्शे का महत्वपूर्ण खेल बनकर अगर उभरता है तो इसमें भारतीय उपमहाद्वीप के इन सैकड़ों बेरोजगार युवाओं का सबसे बड़ा हाथ होगा जो आज अमेरिका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, कनाडा, नीदरलैंड, मैक्सिको और अन्य कई देशों की क्रिकेट टीमों का हिस्सा हैं।
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अंडर-19 वर्ल्ड कप खेल चुके हैं हरमीत सिंह
पिछले दिनों अमेरिका और कैरेबियन द्वीपों में चल रहे टी-20 विश्व कप में एक अमेरिकी खिलाड़ी हरमीत सिंह की भारत में खूब चर्चा हो रही थी क्योंकि हरमीत भारतीय हैं और वह भारत के लिए एक नहीं बल्कि 2 बार अंडर-19 वर्ल्ड कप खेल चुके हैं। सवाल यह कि फिर वह अमेरिका में क्या कर रहे हैं? जाहिर है, क्रिकेट खेल रहे हैं और अमेरिकी टीम के स्टार खिलाड़ी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि वे भारत में क्यों नहीं खेल सके? इसके पीछे 2 कहानियां हैं। एक स्पॉट फिक्सिंग की, जो पता नहीं कितनी सही है। दूसरी कहानी कहीं ज्यादा सच्चाई और व्यवहारिकता के करीब है कि हरमीत ने अमेरिका जाकर क्रिकेट खेलने का निर्णय अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर और करिअर को मजबूत बनाने के लिए लिया।
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अमेरिकी क्रिकेट के चमकते हुए सितारे हैं कई खिलाड़ी
17 साल की उम्र में हरमीत का चयन मुंबई के रणजी टीम के लिए हुआ था। इसके पहले वह मुंबई की अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19 टीमों का भी हिस्सा रह चुके थे लेकिन प्रथम श्रेणी में जब उन्हें मुंबई से ज्यादा मौका नहीं मिला तो वह जम्मू कश्मीर के लिए भी खेले। फिर मुंबई लौट आए। इसके बाद त्रिपुरा से भी उन्हें खेलने का मौका मिला। हरमीत को जिस अनिश्चितता के साथ अलग-अलग टीमों में खेलने को मिल रहा था, इससे न तो उनका भविष्य कोई ठोस आकार लेता नजर आ रहा था और न ही घर की आर्थिक स्थिति ही सुधर रही थी। क्रिकेट खेलना उनके लिए मकसद था।
इन सबका मिलाजुला नतीजा यह रहा कि साल 2009-10 में हरमीत अमेरिका चले गए जहां उन्हें इतना पैसा मिला कि आज वे भारत में खेल रहे कई लोकप्रिय खिलाड़ियों के बराबर की आर्थिक हैसियत रखते हैं। फिलहाल यह अकेले हरमीत की कहानी नहीं है। सौरभ नेत्रावलकर की भी यही कहानी है। वे भी भारत की अंडर-19 टीम में खेल चुके हैं और आज अमेरिकी टीम का भरोसेमंद हिस्सा हैं। उन्मुक्त चंद का नाम तो आपने सुना ही होगा। अभी कुछ सालों पहले तक वे विराट कोहली से भी ज्यादा भारतीय टीम के प्रॉमिसिंग स्टार थे लेकिन आज वह अमेरिका के स्टार हैं। सनी सोहाल, सिद्धार्थ त्रिवेदी, तिमिल पटेल, समित पटेल, ये सब भी ऐसे ही भारतीय खिलाड़ी हैं जो इन दिनों अमेरिकी क्रिकेट के चमकते हुए सितारे हैं लेकिन ये इतने ही नहीं हैं।
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