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WeStory > बिज़नेस > Urban Company : होम सर्विस देकर खड़ी कर दी करोंड़ों की कंपनी
बिज़नेस

Urban Company : होम सर्विस देकर खड़ी कर दी करोंड़ों की कंपनी

बहुत रिसर्च के बाद अभिराज सिंह ने होम सर्विस से रिलेटेड कुछ करने की सोची। यह बात उसने अपने दोस्तों वरुण खेतान व राघव चंद्रा को बताई और समझाया कि इस सेक्टर में मौके अच्छे हैं

WeStory Editorial Team
Last updated: 2025/02/04 at 5:17 PM
WeStory Editorial Team
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10 Min Read
Urban Company : होम सर्विस देकर खड़ी कर दी करोंड़ों की कंपनी
Urban Company : होम सर्विस देकर खड़ी कर दी करोंड़ों की कंपनी
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Urban Company :  कस्टमर्स को डोर स्टेप पर मिलती है सारी होम सर्विसेज

Urban Company  – बहुत रिसर्च के बाद अभिराज सिंह ने होम सर्विस से रिलेटेड कुछ करने की सोची। यह बात उसने अपने दोस्तों वरुण खेतान व राघव चंद्रा को बताई और समझाया कि इस सेक्टर में मौके अच्छे हैं, अगर काम किया तो सक्सेसफुल होने की संभावना बढ़ जाएगी। राघव और वरुण की हामी मिलने के बाद तीनों काम पर लग जाते हैं। वे ब्यूटीशियन, प्लंबर, फोटोग्राफर जैसी होम सर्विस देने वाले एक्सपर्ट्स की तलाश शुरू करते हैं।

Table of Contents
Urban Company :  कस्टमर्स को डोर स्टेप पर मिलती है सारी होम सर्विसेज10-10 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंटहोम सर्विस प्रोवाइडर की पहचानB2C मॉडल पर कामअम्ब्रेला मॉडल के जरिए सर्विसये है नींव पड़ने कहानी

इस बारे में अभिराज ने एक इंटरव्यू में बात की थी। उन्होंने कहा था, ‘हम सभी को जरूरत के समय पर प्लम्बर, ब्यूटीशियन और इलेक्ट्रिशियन जैसे सर्विस एक्सपर्ट्स नहीं मिलते। इसलिए हमने इनके नंबर और डिटेल डायरी में लिखनी शुरू की। जब भी हमारे किसी दोस्त या रिश्तेदार को ऐसी किसी सर्विस की जरूरत होती, हम डायरी देखकर उन्हें रेफरेंस देते। इस तरह हमें सर्विस प्रोवाइडर होने की प्रैक्टिस होती गई और नए-नए एक्सपर्ट हमसे जुड़ते गए।’

Urban Company :  कस्टमर्स को डोर स्टेप पर मिलती है सारी होम सर्विसेज
Urban Company :  कस्टमर्स को डोर स्टेप पर मिलती है सारी होम सर्विसेज

10-10 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट

अपनों से अच्छा फीडबैक मिलते ही तीनों ने बड़े लेवल पर काम शुरू किया। कुछ फेसबुक ग्रुप्स की मदद भी ली। इस तरह पूरी तैयारी के बाद अभिराज, वरुण और राघव ने 10-10 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट कर नवंबर 2014 में ‘अर्बनक्लैप’ की शुरुआत की। अर्बनक्लैप दो तरह से कस्टमर्स को सर्विस देती थी अर्बनक्लैप पर कस्टमर्स को 80 तरह की सर्विसेज मिलती थीं।

इन सर्विसेज को अलग-अलग तरह से मैनेज किया जाता था। सभी सर्विसेज को ब्लू कॉलर जॉब और व्हाइट कॉलर जॉब में बांटा गया था। ब्लू कॉलर जॉब के तहत कंपनी कस्टमर्स को इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर या प्लम्बर जैसी सर्विसेज डायरेक्ट प्रोवाइड करती थी। जबकि व्हाइट कॉलर जॉब जैसे फोटोग्राफर या डेकोरेटर की सर्विसेज के लिए कंपनी डायरेक्ट कस्टमर्स से डील नहीं करती थी। वह कस्टमर की जरूरतों को ध्यान में रखकर एक्सपर्ट ढूंढकर उसे ही काम का जिम्मा सौंप देती थी।

10-10 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट
10-10 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट

होम सर्विस प्रोवाइडर की पहचान

विदेश में सक्सेस पाने के लिए बिजनेस मॉडल आखिरकार अभिराज, वरुण और राघव का यह स्टार्टअप सक्सेसफुल हो जाता है और अर्बनक्लैप कंपनी होम सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर अपनी पहचान बना लेती है। 2018 में कंपनी अपनी सर्विसेज यूएई में लॉन्च करती है। यहां उन्हें अपने बिजनेस मॉडल में कमी का एहसास होता है। तय किया जाता है कि कंपनी दूसरे देशों में खुद को मजबूत बनाने के लिए अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव करेगी।

इसके बाद से कंपनी दूसरों को काम का ठेका देना बंद कर देती है। कंपनी अम्ब्रेला या फुल-स्टैक मॉडल के तहत केवल उन्हीं सर्विसेज को प्रोवाइड करना जारी रखती है, जिन्हें वह खुद के एक्सपर्ट्स से प्रोवाइड करा पाती थी। ​​​​​​कई नामों में से चुना गया अर्बनक्लैप और फिर बदला गया अर्बनक्लैप नाम फाउंडर्स की पहली पसंद नहीं था। इससे पहले कंपनी का नाम प्रोहंट रखा गया। इसके लिए 2 लाख रुपए में Prohunt.com डोमेन भी खरीदा गया। इसके बाद भी फाउंडर्स नए नाम की तलाश करते रहे। आखिरकार प्रोवाला, ओवलस्लेट, वर्थीफिट जैसे कई नामों में से अर्बनक्लैप नाम चुना गया। 30 जनवरी 2020 को कंपनी का नाम फिर से बदला गया। अर्बनक्लैप ने अपना ब्रांड नाम बदलकर ‘अर्बन कंपनी’ कर दिया। इसकी एक वजह कंपनी की ओर से अम्ब्रेला ब्रांड बनकर उसके अंडर सर्विस और प्रोडक्ट लॉन्च करना था।

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होम सर्विस प्रोवाइडर की पहचान
होम सर्विस प्रोवाइडर की पहचान

B2C मॉडल पर काम

को-फाउंडर अभिराज भाल ने इस बारे में कहा था, ‘हमारे लिए एक ऐसा ब्रांड होना जरूरी है जो इंटरनेशनल लेवल पर पहचान बनाए।’ कई देशों में ‘क्लैप’ शब्द सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज गोनोरिया के लिए एक स्लैंग की तरह इस्तेमाल होता है। यह इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को चिढ़ाने के लिए भी काम में लिया जाता है। इसलिए ग्लोबल लेवल पर टिकने के लिए कंपनी का नाम बदलना जरूरी था।’ अर्बन कंपनी B2C बिजनेस मॉडल पर काम करती है। यह एक्सपर्ट प्रोफेशनल्स और सर्विस की डिमांड करने वाले कस्टमर्स को प्लेटफॉर्म प्रोवाइड करती है।

कंपनी सर्विस प्रोवाइडर्स को प्लेटफॉर्म पर अपनी सर्विसेज को लिस्टेड करने से पहले मल्टिपल लेवल पर उनका टेस्ट लेती है। इसमें उनकी स्किल्स और एक्सपीरियंस के साथ-साथ उनका बैकग्राउंड भी चेक किया जाता है। इसके बाद ही उन्हें प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड किया जाता है।​​​​​ ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म का एल्गोरिदम प्लेस, टाइम और डेट के आधार पर सर्विस प्रोवाइडर्स और कस्टमर्स को एक-दूसरे से जोड़ने का काम करता है। अर्बन कंपनी के सफल होने की बड़ी वजहें- कस्टमर्स को उनके डोर स्टेप पर सारी जरूरी होम सर्विसेज प्रोवाइड कराना। सभी कैटेगरीज में प्रोफेशनल और एक्सपर्ट स्टाफ के जरिए सर्विसेज देना। हर एक सर्विस के बाद कस्टमर फीडबैक लेना और उसमें जरूरी सुधार करना। कस्टमर्स को लास्ट मिनट कैंसिलेशन का ऑप्शन प्रोवाइड करना।

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B2C मॉडल पर काम
B2C मॉडल पर काम

अम्ब्रेला मॉडल के जरिए सर्विस

लीड जेनरेटेड मॉडल की जगह अम्ब्रेला मॉडल के जरिए सर्विस देना। कस्टमर की सेफ्टी को सबसे पहले रखना। घर में ही हेयर स्पा, हेयर कट से लेकर एसी और अप्लायंस रिपेयर की सेवा देने वाला एक स्टार्टअप है अर्बन कंपनी। होम सर्विस प्रोवाइड करने वाली इस कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (डिजाइन) अमित दास ने बताया कि 2021 में कंपनी ने हेड ऑफिस बनाने के लिए कोशिशें शुरू कीं, इस काम में उन्हें डेढ़ साल का वक्त लगा।

जब वह रेंट पर ऑफिस की बात करने जाते थे तो लोगों को लगता था कि वह एक ब्रोकर हैं, जो दूसरों के लिए जगह तलाश रहा है। मौजूदा समय में कंपनी की वैल्यूएशन 23 हजार करोड़ रुपए है। अर्बन कंपनी का नाम पहले UrbanClap था।

अम्ब्रेला मॉडल के जरिए सर्विस
अम्ब्रेला मॉडल के जरिए सर्विस

 

ये है नींव पड़ने कहानी

साल था 2009 और जगह कानपुर का IIT कैंपस। अभिराज सिंह भाल और वरुण खेतान यहां इंजीनियरिंग करने अलग-अलग शहरों से पहुंचते हैं। दोनों की दोस्ती होती है। पढ़ाई के दौरान ही दोनों तय कर लेते हैं कि एक दिन अपना स्टार्टअप शुरू करेंगे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद अभिराज IIM अहमदाबाद MBA की डिग्री लेने चले गए। जबकि वरुण क्वालकॉम कंपनी जॉइन कर लेते हैं।

मास्टर डिग्री हासिल होते ही अभिराज सिंगापुर की बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ जुड़ जाते हैं। कुछ समय बाद वरुण भी इसी ग्रुप के कैलिफोर्निया ऑफिस को जॉइन करते हैं। इस तरह IIT कानपुर के दोनों दोस्त एक बार फिर से साथ आ गए। दोनों के दिमाग में अब भी स्टार्टअप खोलने की बात थी। तब देश में स्टार्टअप बूम पर था। अभिराज और वरुण इस लहर में शामिल होना चाहते थे। इस वजह से कंसल्टिंग ग्रुप का काम छोड़कर दोनों ही दोस्त भारत लौट आते हैं और स्टार्टअप की प्लानिंग में लगते हैं। पहला स्टार्टअप मूवी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म था अभिराज सिंह भाल और वरुण खेतान भारत लौटकर अलग-अलग स्टार्टअप को देखने-समझने में लग गए। 2014 की शुरुआत में वे अपने पहले स्टार्टअप ‘सिनेमा बॉक्स’ को लॉन्च करते हैं।

यह एक मूवी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म था, जो ट्रैवल के दौरान स्मार्टफोन में वाई-फाई के जरिए मूवी देखने में मदद करता था। इसी दौरान दोनों दोस्तों की मुलाकात राघव चंद्रा से होती है। राघव कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करके देश लौटे थे और वह भी अपने स्टार्टअप ‘बग्गी’ पर काम कर रहे थे। ‘बग्गी’ कस्टमर्स को ऑटो-रिक्शा की सर्विस प्रोवाइड कराता था। तीनों की मुलाकात काम के सिलसिले में अक्सर होती थी, लेकिन उन्हें एक-दूसरे के स्टार्टअप में कोई इंटरेस्ट नहीं था। हालांकि एक बात कॉमन थी कि बग्गी और सिनेमा बॉक्स दोनों ही स्टार्टअप सक्सेसफुल नहीं हो पा रहे थे। इस वजह से दोनों को बंद करना पड़ा। पहला स्टार्टअप हुआ फेल, तीनों ने शुरू की अर्बनक्लैप अभिराज, वरुण और राघव जल्द से जल्द कुछ नया करने की कोशिश में थे। तीनों एक साथ एक नए स्टार्टअप पर काम करने का फैसला करते हैं।

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