IPS Kiran Bedi: शिल्पा शेट्टी ने इनसे प्रभावित होकर भरी वेब शो के लिए हामी। जानिये कौन है आईपीएस किरण बेदी
IPS Kiran Bedi : आज के समय में बड़े परदे के साथ साथ ओटीटी को देखने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। और यही वजह है कि बड़े परदे के अलावा अब जाने माने प्रोड्यूसर्स ओटीटी के लिए भी कंटेंट बनाने लग गए हैं। और ऐसे ही एक वेब शो आ रहा है जिसका नाम है Indian Police Force . इस वेब शो के मुख्य किरदारों में से एक हैं शिल्पा शेट्टी, जिन्होंने इसमें एक पुलिस वाली की भूमिका निभाई है। वो बताती हैं कि उन्होंने इस किरदार के लिए हामी IPS Kiran Bedi से प्रभावित होकर भरी है। वो उनका बहुत सम्मान करती हैं और उन्हें अपना रोल मॉडल मान कर इस वेब सीरीज को किया है।
आज इस लेख में हम आप को आईपीएस किरण बेदी के बारे में जानकारी देंगे। जिनसे प्रेरणा लेकर शिल्पा शेट्टी ने अपनी नयी वेब सीरीज की है। आइये अब जानते हैं कि कौन हैं आईपीएस किरण बेदी ? और किरण बेदी किस लिए प्रसिद्ध है?
किरण बेदी कौन है ?
क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी कौन है? यदि नहीं , तो इसका जवाब है किरण बेदी भारत की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर / अधिकारी हैं। जिनका जन्म 9 जून 1949 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान वो इकलौती महिला आईपीएस थी जो 80 पुरुष पुलिस अधिकारियों के साथ ट्रेनिंग में थीं। उनकी पहली पोस्टिंग 1975 में दिल्ली के चाणक्यपुरी सबडिवीजन में हुई थी। वो एक तेज तर्रार महिला आईपीएस अधिकारी थी जिनके ऊपर आज कई बुक लिखी जा चुकी हैं।
चार बहनों में से दुसरे नंबर की किरण की पढ़ाई सेक्रेट हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से हुई थी। जिसके बाद उन्होंने पॉलिटिकल साइंस से मास्टर्स की डिग्री पंजाब यूनिवर्सिटी से ली। इसके बाद उन्होंने 1970 से दो वर्ष तक अमृतसर में खालसा कॉलेज फॉर वुमेन में व्याख्याता के रूप में पॉलिटिकल साइंस पढ़ाया। 1972 में उनका चयन आईपीएस के लिए हो गया था। फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद 1993 में आईआईटी दिल्ली से समाज विज्ञान विभाग से पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त की।
09 मार्च 1972 को उन्होंने अमृतसर के लोकल शिवालय मंदिर में बृज बेदी जो कि टेनिस प्लेयर और सोशल एक्टिविस्ट थे, से शादी कर ली। उनकी एक बेटी है जिसका नाम साइना बेदी है।
बहुमुखी प्रतिभा की मालकिन रही IPS Kiran Bedi
किरण बेदी के पिता टेनिस खेलते थे और अपने पिता की ही तरह उन्हें भी टेनिस खेलने का शौक था। जब वो अमृतसर में पढ़ाई कर रही थी, उसी दौरान उन्होंने टेनिस की एशियन चैंपियन का खिताब जीता। जिस वर्ष उन्होंने अपना स्नातक किया उसी वर्ष उन्होंने एनसीसी कैडेट ऑफिसर पुरस्कार भी जीता था। इसके बाद 1970 में उन्होंने लेक्चरर के तौर पर खालसा कॉलेज में पढ़ाया भी है। फिर 1972 में आईपीएस में चयन हुआ जिसके बाद उन्होंने नारकोटिक्स अधिकारी, आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ और प्रशासक सहित विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी।
वर्ष 2003 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र नागरिक पुलिस सलाहकार नियुक्त किया गया। ये नियुक्ति पाने वाले वो पहली महिला और भारतीय थी। दो स्वैच्छिक गैर-सरकारी संगठनों, नवज्योति (1988) और इंडिया विजन फाउंडेशन (1994) की स्थापना का श्रेय भी उन्ही को जाता है। दोनों संगठनों की स्थापना करने का उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा और वयस्क साक्षरता कार्यक्रमों को संचालित करना था। इसके अतिरिक्त महिलाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराना, दवाएं उपलब्ध कराना, कैदियों के पुनर्वास से संबंधित अनेक कार्यक्रमों को संचालित करना था।
किरण बेदी क्यों प्रसिद्ध है?
IPS Kiran Bedi ने अपने पूरे कार्यकाल में सबसे अधिक प्रसिद्धि 1994 में जेल महानिरीक्षक के रूप में प्राप्त की।
उस दौरान उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी और खतरनाक जेलों में से एक दिल्ली के तिहाड़ जेल की काया पलट कर दी। उन्होंने तिहाड़ जेल में बहुत से सुधार किये और उसे एक नया ही रूप दे दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार और मानवाधिकारो के दुरूपयोग पर ध्यान दिया और सुधार करके तिहाड़ जेल में विभिन्न कार्यक्रमों को लागू कर स्थिति में सुधार किया। साथ ही स्वच्छता और पोषण सम्बन्धी समस्याओं पर कार्य किया। यही नहीं उन्होंने नए साक्षरता और दवा उपचार आदि कार्यक्रमों की भी शुरुआत की।
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पुलिस उपयुक्त के रूप में जब वो उत्तरी दिल्ली में तैनात थी,तो उस वक्त उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ एक अभियान की शुरुआत की थी, जिसका नाम था नवज्योति इंडिया फाउंडेशन (पूर्व नाम – नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन) था।
आईपीएस के तौर पर कब और कितने पदों पर किया काम
आइये अब जानते हैं कि किरण बेदी ने भारत के लिए क्या किया? वो अपने पूरे कार्यकाल में विभिन्न स्थानों पर और विभिन्न पदों पर आसीन रहकर अपने कर्तव्य पालन करती रहीं।
- 1975 – नई दिल्ली में चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में उप-मंडल पुलिस अधिकारी।
- 1979 -डीसीपी, पश्चिमी दिल्ली
- 1981 -यातायात डीसीपी दिल्ली।
- 1983 -यातायात एसपी गोवा।
- 1984 -(नई दिल्ली में रेलवे सुरक्षा बल) उप कमांडेंट ।
- 1984 -उप निदेशक (औद्योगिक विकास विभाग)।
- 1985 -पुलिस मुख्यालय, नई दिल्ली का कार्यभार सौंपा गया।
- 1986 -डीसीपी, उत्तरी दिल्ली
- 1988 -दिल्ली में उप निदेशक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी),
- 1990 -डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (रेंज), मिजोरम।
- 1993 -दिल्ली की जेलों का इंस्पेक्टर जनरल (आईजी)
- 1995 -पुलिस अकादमी में अतिरिक्त आयुक्त
- 1996 -दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त।
- 1997 -दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त (खूफिया)।
- 1999 -चंडीगढ़ में पुलिस महानिरीक्षक।
- 2003 -संयुक्त राष्ट्र नागरिक पुलिस सलाहकार नियुक्त किया गया।
- 2005 -महानिदेशक, होम गार्ड।
- 2007 -ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के महानिदेशक
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