Julie Matuknath Love Story: लव गुरु मटुकनाथ को छोड़कर वेस्टइंडीज में सेटल हो गई है जूली
Julie Matuknath Love Story: 64 साल के बिहार के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी और जूली कुमारी की प्रेम कहानी भला कौन नहीं जनता, बच्चे बच्चे की जुबान पर है इन दोनों की प्रेम कहानी। जब भी प्यार का जिक्र होता है तो ऐसा हो ही नहीं सकता की इन दोनों की प्रेम कहानी का जिक्र न हो। आपको बता दें कि जब भी इनके प्यार का जिक्र होता है तो लोग उम्र और रिश्तों के बंधन से मुक्त होकर दोनों की प्यार की चर्चा जरूर कर देते है बता दें यूं तो जूली मटुकनाथ की उम्र से आधी उफ़ उनकी शिष्या थीं लेकिन दोनों के बीच प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि परिवार समाज सब कुछ होते हुए दोनों एक दूसरे के हो गए थे।
एक दशक पहले लवगुरू बनकर चर्चा में आए 64 साल के बिहार के प्रोफेसर मटुकनाथ आजकल बेहद अकेले हैं, वजह ये है कि उनके साथ लिव इन में रह रही उनकी प्रेमिका कम शिष्या जूली उन्हें छोड़कर दूर चली गई है लेकिन मटुकनाथ का कहना है कि जूली उनसे दूर नहीं गईं है वो आज भी उनके दिल में ही रहती हैं। वैसे मटुकनाथ की जूली ने अब अध्यात्म का रुख कर लिया है।
मटुकनाथ को छोड़कर वेस्टइंडीज में सेटल हो गई है जूली
अगर हम मटुकनाथ की माने तो मटुकनाथ का कहना हैं कि हम और जूली एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते थे। लेकिन अब हमारे बीच वो वह प्यार नहीं रहा, जूली वेस्टइंडीज में सेटल हो गई हैं आगे वो कहते है जूली साल 2014 में ही मुझे छोड़ कर चली गई थी अभी तक कभी–कभी हमारी फोन पर बातचीत हो जाती है लेकिन अब वो भी नहीं होती। बता दें जूली से प्यार होने के बाद मटुकनाथ के परिवार ने उन से सारे नाते तोड़ लिए थे। अब परिवार ने उन्हें अपनाने से इंकार कर दिया है मटुकनाथ अकेले नवगछिया के कोरचक्का में अपने पैतृक आवास में अपनी जिंदगी काट रहे हैं और एक निजी स्कूल चला रहे है।
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जूली से मिलने वेस्टइंडीज भी गए थे मटुकनाथ
शायद आपको याद हो एक गीत है “हमने हम रह गए अकेले दुनिया के मेले में” ये गीत कहीं न कहीं मटुकनाथ पर भी सूट होता है। ये बात तो हम सभी लोग जानते है कि अकेलापन दुखद होता है इस लिए हम सभी को सहयोग की जरूरत होती है अगर हम मटुकनाथ की सुने तो उनका कहना है जूली अभी वेस्टइंडीज में है, उसकी अपनी यात्रा है अपनी यात्रा में गई और क्यों चली गई ये असली कारण तो वो ही बताएगी। मैं तो केवल अनुमान बताऊंगा। वास्तविक कारण वही बताएगी। आगे वो कहते है एक बार मैं जूली से मिलने वेस्टइंडीज गया था, जब जूली की तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी किसी शुभचिंतक ने उनको कहा था कि मटुकनाथ जी को बुला लो तो उन्होंने मुझे कॉल किया था, तब मैं वहां गया था।
मटुकनाथ को है जूली के फिर से जीवन में आने का इंतजार
मटुकनाथ कहते है कि करीब साढ़े चार महीने में उनके पास रहा था मैं अभी मजे में रह रहा हूं, जूली हमारे जीवन से 23 अगस्त 2014 में ही निकल गई, अब तो नौ साल हो गए हैं मटुकनाथ कहते है कि मैं बिना प्यार के जिंदा नहीं रह सकता, जब तक सांस है तब तक प्यार है। पत्नी और बच्चों ने मुझे घर से निकाल दिया तो हम निकल गए, हम क्या करते। जूली की याद कभी आती है तो आनंदित हो जाता हूं अगर जूली दोबारा मेरे पास आ जाएं मुझे तो बस यहीं लगता है।
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