AI Car-Harshal Nakshane – हाइड्रोजन बेस्ड व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप के सीईओ का कमाल
AI Car-Harshal Nakshane: शार्क टैंक इंडिया के एक एपिसोड में, महाराष्ट्र के यवतमाल के हर्षल महादेव नक्षणे द्वारा भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में क्रांति लाने का प्रयास किया गया। उन्होंने अपना प्रोजेक्ट, एआई कार, देश का पहला कृत्रिम रूप से बुद्धिमान, हाइड्रोजन-आधारित वाहन प्रस्तुत किया। अभिनव अवधारणा और प्रोटोटाइप की प्रभावशाली क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाले विस्तृत प्रदर्शन के बावजूद, शार्क्स ने उद्यम में निवेश न करने का फैसला किया। प्रोटोटाइप को विकसित करने के लिए 18 महीने लगे हैं और 60 लाख रुपये की लागत आई है. शार्क टैंक इंडिया में हर्षल ने अपने स्टार्टअप में 4% इक्विटी हिस्सेदारी के लिए 2 करोड़ रुपये का निवेश मांगा। 5 मिनट के ईंधन भरने के समय और 1,000 किलोमीटर से अधिक की रेंज वाली इस कार का परीक्षण मुंबई के फिल्म सिटी के आसपास ड्राइव करके किया गया। वाहन का स्वायत्त नेविगेशन पूरी तरह से प्रदर्शित हुआ, हालांकि खड़ी चढ़ाई में इसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिससे संभावित व्यावहारिक चुनौतियों का पता चला।

डीसी सुपर स्टेशन पर चार्ज होती EV
अगर आप इलेक्ट्रिक कार चलाते हैं तो आपको पता होना चाहिये कि एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में 9 मेट्रिक टन से ज्यादा co2 एटमॉस्फियर में रिलीज होता है। नॉर्मली एक इलेक्ट्रिक व्हीकल होम नेटवर्क पर चार्ज होने के लिए 5 से 7 आवर्स का समय लेती है और डीसी सुपर स्टेशन पर चार्ज होने के लिए एक से दो आवर का समय लेती है। इतना समय देने के बावजूद हमें सिर्फ 300 से 500 किमी की रेंज ही मिल पाती है जो कि किसी भी कंजूमर में रेंज एंजाइटी क्रिएट करने के लिए काफी होती है। लेकिन महाराष्ट्र के हर्षल महादेव नक्षणे ने हाइड्रोजन फ्यूल से पावर्ड एआई हाइड्रोजन फ्यूल कार बनाया है जो अपने आप में बड़ा आश्चर्य है।
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18 महीना लगा बनाने में
सीईओ एंड फाउंडर हैं एआई कार्स प्राइवेट लिमिटेड इंडियाज फर्स्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट हाइड्रोजन बेस्ड व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप के हर्षल महादेव लक्षणे ने बताया कि मैंने और मेरे टीम ने सिर्फ 18 महीनों में हमारे घर के पीछे एक छोटे से गैरेज में यह कार को बनाया है। फ्यूचर का फ्यूल यानी हाइड्रोजन फ्यूल से पावर्ड हाइड्रोजन फ्यूल सेल हमारे व्हीकल में यूज होता है जिसमें आपको सिर्फ तीन से 5 मिनट के रिफ्यूलिंग टाइम में 1,000 प्लस किलोमीटर की रेंज मिलती है। इतना ही नहीं हमारे एआई बेस्ड एल्गोरिथम के वजह से आप हमारे व्हीकल को इंडियन रोड्स पर ऑटोनोमस मतलब खुद ब खुद चलने के लिए भी डायरेक्ट कर सकते हो।

2014 में छोटा सा फ्यूल सेल बनाया
हर्षल ने कहा कि मेरा सपना है कि मैं इस छोटे से गैराज में हुए स्टार्टअप को एक ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनी में कन्वर्ट कर दूं। मेरा बचपन से सपना था कि इंडिया के पास एक स्पोर्ट्स कार होनी चाहिए खुद की बैटरी से चले, मुझे इसमें डीजल या पेट्रोल इंजन पर नहीं जाना था, मैं दूसरे अल्टरनेटिव फ्यूल्स पर रिसर्च कर रहा था। 2014 में मैंने छोटा सा फ्यूल सेल बनाया था, फिर 2019 तक हमने एक 15 किलोवाट का एप्रोक्सीमेट 75 डिसी देने वाला फ्यू सेल बना लिया था। जब हम इलेक्ट्रिक व्हीकल को 3 से 5 लाख किलोमीटर चलाते हैं तो उसमें बैटरी रिप्लेसमेंट की नौबत आती है और उस समय बैटरी रिप्लेसमेंट की कॉस्ट उस व्हीकल से 50 टू 60 पर तक पहुंच जाती है। दूसरी और ऑन अदर हैंड हमारे फ्यूल सेल में 15 लाख प्लस किलोमीटर चलने के बावजूद इसके फ्यूल सेल में कुछ मेजर रिप्लेसमेंट या रिपेयर की कॉस्ट नहीं होती है।

मलेशियाई कंपनी ने दिखाई निवेश की तैयारी
एक मलेशियाई कंपनी ने वणी सॉनिक-1 नाम की अनोखी ऑटोमैटिक स्पोर्ट्स कार बनाने वाले हर्षल नक्षणे की कंपनी में 200 करोड़ का निवेश करने की तैयारी दिखाई है। हर्षल हाल ही में एक हिंदी चैनल पर प्रसारित होने वाले सीरियल शार्क टैंक में नजर आए थे। प्रेजेंटेशन की इस श्रृंखला में उन्होंने निवेशकों को अपनी कार की उपलब्धियों और उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। लेकिन इन निवेशकों ने निवेश करने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया, हालांकि एपिसोड प्रसारित होते ही हर्षल की कार की चर्चा देश ही नहीं विदेश में भी हुई। एक मलेशियाई कंपनी हर्षल की कंपनी में 200 करोड़ रुपये का निवेश करने को तैयार है। लेकिन चूंकि इस कंपनी ने पेटेंट के साथ इस कार की पूरी तकनीक की मांग की थी, इसलिए हर्षल ने फिर भी इस कंपनी को मंजूरी नहीं दी। सीरियल के प्रसारण के बाद हर्षल को निवेश के लिए अलग-अलग कंपनियों से करीब पांच हजार कॉल्स आ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें दुबई और अमेरिका से फोन आए।
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250 से 300 किलोमीटर तक चलेगी कार
14 महीने की अथक मेहनत के बाद वणी के हर्षल महादेव नक्षणे और उनके सहयोगी कुणाल संजय आसूटकर ने हाइड्रोजन गैस से चलने वाली स्पोर्ट्स कार बनाई है। हर्षल ने यह भी दावा किया है कि यह कार मात्र 150 रुपये की लागत से एक लीटर हाइड्रोजन गैस पर 250 से 300 किलोमीटर तक चलेगी। इस कार में सेल्फ-ड्राइविंग का भी ऑप्शन है।