Anirudh Kala, Celebal Technologies – अनिरुद्ध काला की देश और दुनिया में धूम
Anirudh Kala, Celebal Technologies: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में बड़ा काम कमाने वाले जयपुर के अनिरुद्ध काला ने देश को डेटा और एआई के नए सॉल्यूशन प्रदन किया है। जयपुर की जेईसीआरसी कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकला मध्यमवर्गीय परिवार का यह युवा अपने सपने को लेकर बिना जरूरी संसाधनों के ही काम शुरू कर दिया। उन्होंने जयपुर के मानसरोवर प्लाजा के एक छोटे से कमरे में अपना ऑफिस खोल लिया। अनिरुद्ध बताते हैं, ”उद्यमी बनने लिए सबसे अहम है कि आपको लगातार इनोवेशन करना होता है।” अनिरुद्ध एआई के साथ इनोवेशन तो कर ही रहे थे लेकिन उन्हें जल्दी ही कुछ साथियों की जरूरत पड़ गई। उन्होंने तीन लोगों का चयन कर जयपुर में सेलेबल टेक्नोलॉजी का गठन किया जो आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की प्रमुख कंपनियों में से एक बन गई है। 13 अक्टूबर, 2016 को तीन लोगों के साथ शुरू हुई सेलेबल टेक्नोलॉजी के आज जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दुबई और यूके जैसे 10 देशों में आलीशान ऑफिस हैं और कंपनी में करीब 3,000 कर्मचारी काम करते हैं।

बैंकों और प्रमुख औद्योगिक घरानों को दे रहे सेवाएं
फिलहाल देश के अधिकांश बैंकों और प्रमुख औद्योगिक घरानों को डेटा साइंस, डेटा एनालिसिस और एआई सॉल्यूशन के क्षेत्र में सेलेबल टेक्नोलॉजी अपनी सेवाएं दे रही है। सेलेबल टेक्नोलॉजी को इस मुकाम पर लाने के लिए अनिरुद्ध काला के सफर की शुरुआत चुनौतियों से भरी रही। जयपुर में उन्होंने ऑफिस तो खोल लिया, लेकिन ऑफिस और दूसरे खर्च चलाने के लिए न तो उनके पास पैसा था और न ही आइटी के अत्याधुनिक संसाधन। पिता एक सामान्य बैंक कर्मचारी थे, ऐसे में वित्तीय संकट मुंह बाए सामने खड़ा था। अनिरुद्ध खुद भी कहते हैं, ”मैंने यह मुकाम कई बार फेल होकर हासिल किया है।” जीवटता के आगे हालात बदलते ही हैं और अनिरुद्ध के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। सेलेबल को धीरे-धीरे डेटा एनालिसिस और आईटी कंसल्टिंग का काम मिलने लगा। इससे कंपनी की माली हालत सुधरी तो अनिरुद्ध ने इंजीनियरिंग कॉलेजों के युवाओं को सेलेबल टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ना शुरू किया।
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युवाओं को दी जाती एआई ट्रेनिंग
आज जयपुर के तीन कार्यालयों में उनके साथ इंजीनियरिंग कॉलेजों से हायर किए गए करीब 2 हजार युवा काम कर रहे हैं। इन युवाओं को सेलेबल टेक्नोलॉजी में एक साल की एआई ट्रेनिंग दी जाती है। कंपनी के साथ काम कर रहे ये ज्यादातर युवा जयपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों से ही हैं। शुरुआती संघर्षों के बीच ही अनिरुद्ध की जिंदगी में एक ऐसा दिलचस्प दौर भी आया जहां से उन्हें अपनी हॉबी मिली। उस दौर में एआई सॉल्यूशंस के कस्टमर नहीं मिलना उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी। तब उन्हें कुछ लोगों ने औद्योगिक घरानों और रईस लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए गोल्फ कोर्स जॉइन करने की सलाह दी। अनिरुद्ध को यह बात ठीक लगी और वे गोल्फ के मैदान में जाने लगे। यह अलग बात है कि वहां भी उन्हें डेटा और एआई के कस्टमर तो नहीं मिले, लेकिन दोस्त खूब मिल गए। वहां मिले दोस्तों की वजह से ही आज गोल्फ अनिरुद्ध की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। उन्हें कंपनी के काम से जब भी समय मिलता है, वे अपनी गोल्फ क्लब स्टिक लेकर मैदान में पहुंच जाते हैं।

2018 में माइक्रोसॉफ्ट ने पार्टनर बनाया
अनिरूद्ध बताते हैं, “जब संपर्कों की जरूरत थी तब तो कोई नहीं मिला, लेकिन वक्त ने कई ऐसे लोगों से मिला दिया है जो गोल्फ खेलते हुए अच्छे दोस्त बन गए हैं और दोस्त भी संपत्ति से कम नहीं होते।” दो साल बाद ही सेलेबल टेक्नोलॉजी और अनिरुद्ध की जिंदगी का वह पल आ गया जब वे आसमान पर थे। 2018 में माइक्रोसॉफ्ट जैसी नामी कंपनी ने उन्हें डेटा एनालिसिस पार्टनर बनाया। इसके बाद कंपनी लगातार सफलता के नए सोपान छू रही है। देश के अधिकांश निजी व सार्वजनिक बैंक और प्रमुख औद्योगिक घरानों ने भी सेलेबल टेक्नोलॉजी के साथ हाथ मिलाया है। सेलेबल टेक्नोलॉजी अब एआई के क्षेत्र में हर दिन नए प्रयोग करने में जुटी है। कंपनी ने कई ऐसे सॉल्यूशन बनाए हैं जिनके जरिए हमें बहुत कम समय में सटीक सूचनाएं मिलने लगी हैं। मसलन, यूट्यूब या गूगल के सर्च इंजन के जरिए हम जब भी कुछ शब्द टाइप कर कोई फिल्मी वीडियो या दृश्य को खोजते हैं तो वह तुरंत हमारे सामने आ जाता है।
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नाम लिखेंगे तो वह दृश्य सामने होगा
सेलेबल टेक्नोलॉजी अब एक ऐसे सॉल्यूशन पर काम कर रही है जिसके तहत हम किसी फिल्म या वीडियो में इस्तेमाल की गई किसी वस्तु का नाम लिखेंगे तो भी वह दृश्य हमारे सामने आ जाएगा। जैसे किसी फिल्म में किसी ऐक्टर ने यदि फुटबॉल में किक लगाई है और हमने सर्च इंजन में ऐक्टर का नाम और फुटबॉल लिखा है तो वह दृश्य तुरंत हमारे सामने आ जाएगा। इसके तहत हम जिस पॉइंट को सर्च करना चाहते हैं, एआई हमें सीधे उसी पॉइंट पर ले जाएगी। अनिरुद्ध काला का कहना है, ”जल्द ही एआई हर क्षेत्र में हमारी मुश्किलों को आसान करने वाली है। भविष्य में हमें किसी भी सेक्टर की कोई फोटो या वीडियो बनाना है तो बिना किसी कैमरे, पात्र और लोकेशन का इस्तेमाल किए एआई हमें वैसा वीडियो तैयार कर दे सकती है।” वे एक उदाहरण देकर समझाते हैं कि मान लीजिए हमें किसी आदिवासी महिला और उसकी झोपड़ी का वीडियो तैयार करना है तो हम आदिवासी महिला, झोपड़ी, कपड़ों का कलर, दिन या रात का वक्त और झोपड़ी के आसपास के वातावरण के संबंध में जो भी लिखेंगे, एआई चंद मिनट में वैसा ही फोटो या वीडियो हमारे सामने ले आएगी।

बैंकिंग क्षेत्र में कई नवाचार कर रही कंपनी
सेलेबल टेक्नोलॉजी बैंकिंग क्षेत्र में कई नवाचार कर रही है। देश के प्रमुख बैंकों में एआई से संबंधित जितने भी काम हो रहे हैं उनके पीछे अनिरुद्ध काला और उनकी टीम का हाथ है। उदाहरण के तौर पर हमारा डेबिट या क्रेडिट कार्ड गुम हो जाने पर अभी हमें पुलिस थाने और बैंक को सूचित करना पड़ता है। उसके बाद ही डेबिट या क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक किया जा सकता है। ज्यादातर मामलों में या तो हमें बैंक जाना होता है या फिर कस्टमर केयर पर सूचित करना होता है। कई बार कस्टमर केयर पर बातचीत की प्रक्रिया बहुत लंबी और मुश्किल हो जाती है। सेलेबल टेक्नोलॉजी ने एआई के जरिए इस प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए एक ऐसा सॉल्यूशन बनाया है जिसमें संबंधित बैंक का ऐप खोलकर जैसे ही चैट बॉक्स में क्रेडिट कार्ड गुम हो जाने का संदेश या वॉइस मैसेज ड्रॉप करेंगे, चंद सेकंड में हमारा खोया हुआ क्रेडिट या डेबिट कार्ड ब्लॉक हो जाएगा। यह सब कॉन्टेक्ट सेंटर ऑटोमेशन के जरिए संभव होगा जो सेलेबल टेक्नोलॉजी का सबसे प्रमुख सॉल्यूशन है। देश के अधिकांश बैंकिंग और औद्योगिक घरानों ने सेलेबल टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर इस सॉल्यूशन को अपनाया है।
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सबसे जरूरी है मैनपावर
अनिरुद्ध काला और उनकी कंपनी सेलेबल टेक्नोलॉजी जीरो जेंडर बायस (लैंगिक विभेद) की अवधारणा पर काम कर रही है। अनिरुद्ध कहते हैं, ”आइटी क्षेत्र की अधिकांश नामी कंपनियों में जेंडर असमानता नजर आती है, हमने फैसला किया है कि सेलेबल टेक्नोलॉजी में 50 फीसद से ज्यादा महिलाओं को मौका दिया जाएगा।” अगले तीन साल में कंपनी ने 10 हजार कर्मचारियों का लक्ष्य रखा है। अनिरुद्ध इस बारे में बताते हैं, “डेटा और एआई एक ऐसा क्षेत्र है जहां हमें आने वाले वक्त की जरूरतों के आधार पर रिसर्च और नवाचार करना होता है। इसके लिए सबसे जरूरी है मैनपावर। इसी के मद्देनजर 2025 के लिए जरूरी लोग हमने अभी भर्ती कर लिए हैं। अगर हमने आज इनकी भर्ती नहीं की तो हम आने वाले वक्त का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।” भारत में एआई अब भी नया ही क्षेत्र है और अनिरुद्ध जिस अंदाज में काम कर रहे हैं, वे भारत में इस क्षेत्र के सबसे बड़े धुरंधर बनने की उम्मीद जगाते हैं।