Automotive Designer: कंपनी की ग्रोथ बढ़ाने की भी अहम जिम्मेदारी
ऑटोमोबाइल्स के अपीयरेंस और फंक्शनैलिटी को डिजाइन करने की प्रक्रिया ऑटोमोटिव डिजाइनिंग कहलाती है। इसमें कार, बाइक, ट्रक, बस आदि हर सेग्मेंट के वाहन शामिल हैं। इसके तहत गाड़ियों की इंटीरियर व एक्सटीरियर डिजाइन, कलर स्कीम और शेप पर भी काम किया जाता है। किसी भी ऑटोमोबाइल को बनाने के लिए बेसिक आइडिया की जरूरत होती है। आइडिया जनरेशन ही ऑटोमोटिव डिजाइनर की प्रमुख जिम्मदारी है।
इंजीनियर्स और डिजाइनर्स की टीम इस आइडिया पर चर्चा करती है और फिर कॉन्सेप्ट तैयार हो जाने पर डिजाइनर्स सॉफ्टवेयर की मदद से गाड़ी का बेसिक स्केच बनाते हैं, जो 3डी होता है। इसमें वाहन की हर बेसिक डीटेल शामिल होती है। साथ ही इंटीरियर और एक्सटीरियर की कलर स्कीम की जानकारी भी देनी होती है। डिजाइन फाइनल होने के बाद गाड़ी का स्केल मॉडल बनाया जाता है।

आंतरिक डिजाइन के साथ साथ रंग
ऑटोमोबाइल डिजाइनिंग और डिजाइनर की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है और इन लोगों पर ही कंपनी की ग्रोथ और साख को बढ़ाने की अहम जिम्मेदारी होती है, क्योंकि जितनी अच्छी डिजाइनिंग होगी ग्राहक उस उत्पाद को उतना ही पसंद करेंगे। ऑटोमोबाइल डिजाइन का मतलब गाड़ियों के विकास से है। डिजाइनर गाड़ियों के डिजाइन, सौंदर्यीकरण तथा वाहनों की अवधारणाओं का निर्माण करने का काम करते हैं।
वे वाहनों के बाहरी डिजाइन, आंतरिक डिजाइन के साथ साथ रंग तथा ट्रिम डिजाइन पर भी काम करते हैं। एक तरह से डिजाइनिंग का दूसरा नाम इंजीनियरिंग है जिसे बहुत हद तक अलग नहीं किया जा सकता है, जो कार, ट्रक, मोटरसाइकिल, स्कूटर जैसे वाहनों के डिजाइन, विकास, निर्माण, परीक्षण और मरम्मत व सर्विस से जुड़ी है। ये डिजाइनिंग और इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं जैसे मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की मदद से अपने काम को अंजाम देते हैं।
Read more: AI Tools: दुनिया भर की नॉलेज आपकी मुट्ठी में

इंजीनियरिंग की समझ
डिजाइनिंग में सिर्फ चित्र खींचना शामिल नहीं, बल्कि वाहन की गति, इंजन से लेकर वाहन के विभिन्न भागों के संतुलन और सामंजस्य संबंधी इंजीनियरिंग की समझ होना बहुत जरूरी है। गणित और भौतिकी पर भी अच्छी समझ आवश्यक है। ऑटोमोबाइल डिजाइनिंग और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में चेसिस व्हीकल की यांत्रिकी, विद्युत प्रणाली, मोटर परिवहन मामलों, कार्यशाला प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और डिजाइन शामिल हैं। इसमें डिजाइन, विकास और ऑटोमोबाइल और रिटेल स्पेस पार्ट्स का रखरखाव और विकास भी शामिल है। एक तरह से देखा जाए तो ऑटोमोबाइल डिजाइन में मूल विज्ञान और कला की एकीकृत और समग्र समझ की आवश्यकता होती है।
एक डिजाइनर के रूप में आपके पास मार्केट ट्रेंड की अच्छी समझ के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज और ग्राहकों की जरूरत और इनकी मांगों की समझ होना बहुत ही जरूरी है। ऑटोमोटिव डिजाइनर बनने की सबसे पहली शर्त तो यह है कि आपमें सड़क पर चलने वाली हर गाड़ी के लिए पैशन होना चाहिए। साथ ही आपके पास वाहनों के निर्माण और उनकी फंक्शनैलिटी के बारे में बेसिक जानकारी भी होनी चाहिए। सृजनात्मकता के साथ ही आपमें ड्रॉइंग और स्कल्पचर बनाने में रुचि भी होनी चाहिए।
Read more: Washing Machine: कपड़े धोने वॉशिंग मशीन नरमी कितनी सही?

बैचलर्स की डिग्री होनी जरूरी
इस उद्योग में करियर बनाने के लिए डिजाइनिंग में बैचलर्स की डिग्री होनी जरूरी है। आप चाहें, तो डिजाइनिंग में मास्टर्स करके अपना ज्ञान और बढ़ा सकते हैं। इससे जॉब पाने की संभावना भी बढ़ जाती है। वैसे इस उद्योग में सर्वाइवल और करियर ग्रोथ के लिए डिजाइन स्किल्स ही मायने रखती हैं। आप चाहें, तो कोर्स पूरा करने के बाद किसी कंपनी में इंटर्नशिप करके डिजाइनिंग की बारीकियां सीख सकते हैं। ऑटोमोटिव डिजाइनर बड़े ऑटोमोबाइल निर्माताओं के कॉन्सेप्ट एंड डिजाइनिंग डिपार्टमेंट में काम करते हैं। अगर बात पे-पैकेज की करें, तो यह फील्ड काफी आकर्षक है। ज्यादातर कंपनियां ऑटोमोटिव डिजाइनर्स को अच्छा पैकेज देती हैं।

कई विकल्प
आप ऑटोमोबाइल डिजाइनर के अलावा ऑटोमोबाइल इंजीनियर, ऑटोमोबाइल मैकेनिक, ऑटो बॉडी एंड पेंट स्पेशलिस्ट, ऑटोमोबाइल टेक्नीशियन, ऑटोमोबाइल ट्रेनर बन सकते हैं। इसके अलावा आप बिक्री मैनेजर, विपणन मैनेजर, प्रोडक्शन, ऑटो उपकरण क्षेत्र आदि सभी विभागों में भी काम कर सकते हैं। गाड़ियों के उत्पादन के बाद इन क्षेत्रों में भी काम करने के अच्छे अवसर हैं।
व्हीकल डायनामिक्स में, पैसेंजर कफर्ट क्षेत्र में, सस्पेंशन सिस्टम डिजाइन और स्टेयरिंग सिस्टम डिजाइन में एक्जॉस्ट सिस्टम डिजाइन में एंड इमिशन कंट्रोल और ऑटोमोटिव मेकाट्रॉनिक्स में, स्मार्ट ससपेंशन, इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल और टायर टेक्नोलॉजी में काम करने के अच्छे मौके हैं।ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में जिस तेजी के साथ उछाल आ रहा है, उसी अनुपात में यहां कमाई के अवसर भी बढ़ रहे हैं। आज एक फ्रेश ऑटोमोबाइल इंजीनियर या डिजाइनर का सालाना पैकेज लाखों में होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक आज फ्रेश ऑटोमोबाइल इंजीनियरों को 3 से 5 लाख रुपए सालाना पैकेज मिल रहा है। आगे आप अपने अनुभव और हुनर से सैलरी में इजाफा कर सकते हैं।
- Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला - March 7, 2025
- Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग - March 7, 2025
- Medha Tadpatrikar and Shirish Phadtare : इको फ्रेंडली स्टार्टअप से सालाना 2 करोड़ का बिजनेस - March 6, 2025