Car Rental Scams – सिक्योरिटी डिपॉजिट होने के बाद वापस नहीं करते स्कैमर्स
Car Rental Scams: रेंटल कार के नाम पर स्कैम की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं। धोखेबाज नकली या फेक कार रेंटल सर्विस के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। इस तरह के स्कैम से सतर्क रहने की जरूरत है। रेंटल कार स्कैम में ठग रेंटल कार सर्विस के नाम पर लोगों को ठगते हैं। इसके लिए फर्जी वेबसाइट बनाते हैं या सोशल मीडिया पर सस्ती रेंटल कार के विज्ञापन देते हैं। इसके बाद ग्राहक से एडवांस बुकिंग के नाम पर पेमेंट की मांग करते हैं। जब ग्राहक एडवांस पेमेंट कर देता है तो फोन नंबर बंद कर लेते हैं। इसके अलावा रेंटल कार स्कैम के कुछ मामलों में स्कैमर्स सिक्योरिटी डिपॉजिट होने के बाद उसे वापस नहीं करते हैं। कार मेंटेनेंस के नाम पर बेफिजूल का चार्ज काट लेते हैं।

लोग बन रहे ठगी का शिकार
‘जूम कार’ भारत की सबसे बड़ी सेल्फ-ड्राइव रेंटल कार कंपनी है। इस कंपनी के एप या वेबसाइट से बुकिंग पर कमाई का 60% हिस्सा कार मालिक को और 40% जूम कार कंपनी को मिलता है। भोपाल का यह गिरोह इस कंपनी के जरिए ही लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था। वे पहले ग्राहकों को फंसाने के लिए फेक कार की फोटो एप पर अपलोड करते थे। इसके बाद वे अपना मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर और एक फर्जी नाम डालकर जूम कार एप पर आईडी बनाते थे। आईडी बनने के बाद एप के जरिए तीन दिन बाद कार की बुकिंग शुरु हो जाती थी। इसके बाद ग्राहक रेंटल कार के लिए एडवांस पेमेंट जमा करते थे। जब ग्राहक कार लेने के लिए दी गई लोकेशन पर पहुंचते तो उन्हें वहां कोई कार नहीं मिलती थी। स्कैमर्स अपना फोन नंबर बंद कर लेते थे, जिससे ग्राहक उनसे संपर्क भी नहीं कर पाते थे। इसके बाद ग्राहक जूम कार कंपनी से शिकायत करते और कंपनी स्कैमर्स की आईडी बंद कर देती थी। बाद में यह गिरोह फिर से दूसरे नंबर से नया अकाउंट बनाकर ठगी करता था।
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सबसे जरूरी सतर्कता बरतना
रेंटल कार स्कैम से बचने के लिए सबसे जरूरी सतर्कता बरतना है। हमेशा आधिकारिक वेबसाइट और एप्स से ही कार बुकिंग करें। संदिग्ध लिंक, ईमेल, कॉल या विज्ञापन पर भरोसा न करें। इसके अलावा बुकिंग से पहले कंपनी के ऑनलाइन रिव्यू और रेटिंग जरूर चेक करें। साथ ही फ्यूल पॉलिसी, इंश्योरेंस और एक्स्ट्रा चार्ज के बारे में स्पष्ट जानकारी लें। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखें।

ट्रेंड के पीछे कई कारण
बीते कुछ सालों में सेल्फ-ड्राइव रेंटल कार का चलन तेजी से बढ़ा है। अब लोग टैक्सी ड्राइवर पर निर्भर रहने के बजाय सेल्फ ड्राइव करना पसंद करते हैं। इस ट्रेंड के पीछे कई कारण हैं। जैसे ड्राइवर के बिना यात्रा करने की आजादी होती है। कहीं भी रुकने और अपने अनुसार यात्रा प्लान करने की सुविधा मिलती है। इसके अलावा यह टैक्सी सर्विस के मुकाबले सस्ती होती है और लंबी दूरी की यात्रा में पैसे बचाने का एक अच्छा विकल्प है। जूमकार (Zoomcar), रेव्व (Revv), मायल्स (Myles) जैसी रेंटल कार कंपनियों ने सेल्फ ड्राइव को बेहद आसान बना दिया है। कुछ ही मिनटों में मोबाइल एप या वेबसाइट के जरिए कार बुक की जा सकती है। हालांकि रेंटल कार लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

रेंटल कार लेते समय चेक करें टूलकिट
रेंटल कार लेते समय देखें कि कार के साथ टूल्स मौजूद हैं या नहीं। कार में स्टेपनी जरूर होनी चाहिए। ताकि इमरजेंसी जैसे टायर फटने, पंचर होने पर आप आसानी से स्टेपनी लगा सकें। साथ ही कार में एक बेसिक टूल किट होनी चाहिए, जिसमें स्क्रू ड्राइवर, प्लास और स्पैनर शामिल हों। यह सभी चीजें लंबी यात्रा के दौरान छोटे-मोटे सुधारों के लिए जरूरी हैं। रेंटल कार लेते समय आगे और पीछे की सभी सीट्स पर सीट बेल्ट जरूर चेक करें। साथ ही कार लेने से पहले एक बार टेस्ट ड्राइव करें और ब्रेक, क्लच, गियर और लाइट्स चेक करें। इसके अलावा कार में फर्स्ट एड किट होना भी जरूरी है। रेंटल कार लेने से पहले अलग-अलग कंपनियों की कीमतों की तुलना करें। अगर आप लंबे समय के लिए रेंट पर कार नहीं ले रहे हैं तो घंटे के हिसाब से भी पेमेंट कर सकते हैं। कुछ कंपनियां पहली बुकिंग पर छूट और प्रमोशनल ऑफर देती हैं। आप इसका भी फायदा उठा सकते हैं।
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