Google Loses Case – ऑनलाइन सर्च में अवैध रूप से काम
Google Loses Case: गूगल को ऐसा तगड़ा झटका लगा है जिसका असर सिर्फ इस टेक कंपनी पर नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों पर पड़ेगा। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल को अमेरिका में चल रहे एंटीट्रस्ट मामले में हार का सामना करना पड़ा है। अमेरिका के कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट जज जस्टिस अमित पी मेहता ने लैंडमार्क एंटीट्रस्ट मामले में कहा कि गूगल एक मोनोपोलिस्ट (एकाधिकारवादी) है और उसने अपनी मोनोपली को बनाए रखने के लिए ऑनलाइन सर्च में अवैध रूप से काम किया है। बिग टेक जाएंट गूगल के खिलाफ मामलों की एक बड़ी लिस्ट में से ये पहला फैसला आया है।

277 पेज का फैसला
कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट जज ने 277 पेज के फैसले में कहा कि गूगल एक एकाधिकारवादी है। सामान्य शब्दों में इसका मतलब है कि गूगल ने सर्च बिजनेस पर मोनोपली का गलत इस्तेमाल किया है। जस्टिस मेहता ने कहा, ‘यह फैसला मानता है कि गूगल बेस्ट सर्च इंजन है, लेकिन यह निष्कर्ष भी निकालता है कि हमें इसे आसानी से मुहैया कराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जैसे-जैसे यह प्रक्रिया जारी रहेगी हम ऐसे उत्पाद बनाने पर ध्यान रखेंगे जो लोगों को यूजफुल और उपयोग में आसान लगे।’ यह फैसला गूगल के लिए एक बड़ा झटका है। आशंका है कि इस फैसले का गूगल की सफलता पर बड़ा असर हो सकता है, खासकर तब जब कंपनी आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की दौड़ में मुकाबला करने के लिए भारी खर्च कर रही है। गूगल ऑनलाइन सर्च के लिए सर्च इंजन के तौर पर इतना ज्यादा असरदार है कि इसका नाम एक क्रिया बन गया है। जैसे लोग कहते हैं इसे गूगल कर लो।
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अवैध रूप से हर साल अरबों डॉलर का पेमेंट
अमेरिकी न्याय विभाग और राज्यों ने गूगल पर आरोप लगाया था कि एपल और सैमसंग जैसी अन्य कंपनियों को अवैध रूप से हर साल अरबों डॉलर का पेमेंट किया था ताकि गूगल ऑटोमैटिक तौर पर स्मार्टफोन और वेब ब्राउजर पर खोज क्वेरी को संभाल सके। न्याय विभाग ने कहा कि गूगल के सर्च इंजन ने लगभग 90 फीसदी वेब सर्च कीं। एपल के सफारी और मोजिला के फायरफॉक्स जैसे ब्राउजरों पर ऑटोमैटिक सर्च इंजन बनने के लिए गूगल सालाना अरबों डॉलर खर्च करती है। सर्च इंजन के जरिए गूगल सालाना अरबों का मुनाफा कमाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने 2021 में डिफॉल्ट होने के लिए एप्पल को लगभग 18 बिलियन डॉलर का भुगतान किया था, लेकिन इस संख्या पर गूगल ने ऐतराज जताया था। इस फैसले के खिलाफ गूगल अपील करेगा जो आखिरकार अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आ सकती है।

फैसले के खिलाफ अपील करेगी कंपनी
गूगल के ग्लोबल मामलों के अध्यक्ष केंट वॉकर ने कहा कि कंपनी इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। गूगल के खिलाफ एक और संघीय अविश्वास का मामला चल रहा है जिसकी सुनवाई अगले महीने (सितंबर) में होने वाली है। इस फैसले का असर फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के मालिक गूगल, एपल, अमेजन और मेटा के खिलाफ अन्य सरकारी अविश्वास मुकदमों पर पड़ने की संभावना है। ध्यान रहे कि 20 साल से भी ज्यादा समय पहले माइक्रोसॉफ्ट को आखिरी महत्वपूर्ण अविश्वास निर्णय ने निशाना बनाया था और ये मामला भी काफी चर्चा में रहा था। अमित मेहता को दिसंबर 2014 में कोलंबिया जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में नियुक्त किया गया था।
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गुजरात में हुआ था अमित मेहता का जन्म
अमित मेहता का जन्म 1971 में गुजरात में हुआ था और एक साल की उम्र में वे अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चले गए थे। उन्होंने कानून की डिग्री हासिल करने से पहले जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह कोलंबिया जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में शपथ लेने वाले पहले एशियाई-प्रशांत अमेरिकी हैं। अमित मेहता ने 1997 में वर्जीनिया स्कूल ऑफ लॉ विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद अपना कानूनी करियर शुरू किया। कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने लेथम एंड वॉटकिंस और ज़करमैन स्पेदर एलएलपी जैसी लॉ फर्मों में काम किया और उच्च-प्रोफाइल ग्राहकों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने पूर्व प्रतिनिधि टॉम फीनी के वकील के रूप में कार्य किया और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अध्यक्ष डोमिनिक स्ट्रॉस-कान को न्यूयॉर्क की अदालत में आपराधिक हमले के आरोपों को हराने में मदद की।
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