Recruitment Agency Business : सही नौकरी दिलवाने में सहायता करती है एजेंसी
Recruitment Agency Business – रिक्रूटमेंट एजेंसी जैसा की नाम से ही विदित हो रहा है की यह नौकरी भर्ती संस्था है। जो लोगों को नौकरी दिलवाती है। या यूँ कहें की किसी बेरोजगार युवक, अनुभवी कारीगर को कंपनी से और कंपनी को बेरोजगार, अनुभवी कारीगर से मिलवाती है। जिससे कंपनी को अपने काम के अनुसार एम्प्लोयी और एम्प्लोयी को अपने अनुसार कंपनी मिल जाती है बिना समय गंवाए।
इसके द्वारा काम ढूढ़ना आसान हो जाता है साथ ही आपको पुरानी कंपनी को छोड़ने के पहले ही नयी जॉब मिल जाती है जिससे आप कंपनी को सही समय पर बता सकते है और त्यागपत्र दे सकते हैं। आज के दौर में हर जगह प्रतियोगिता है और प्रतियोगिता के दौड़ में कई एजेंसी शामिल हैं जो कारीगर और कम्पनीज के बीच में मध्यस्थता करवा रही है।
पैसे कमाने के लिए, अच्छे और मेहनती लोगों को उनके सपने पूरे करने के लिए अगर आप भी रिक्रूटमेंट एजेंसी शुरू करना चाह रहे हैं तो यह बहुत अच्छा निर्णय होगा आपके लिए। लेकिन उसके पहले आपको इसके मूल काम को समझना होगा। इस काम में लगने वाले सभी जानकारी, मार्केट कॉम्पटिशन, टीम, जरुरत का सामान के बारे में जानना होगा। इसके बाद अनुमान लगा सकते हैं की नौकरी भर्ती संस्था शुरू करने में कितनी लागत आएगी और आप कितना मुनाफा निकाल सकते हैं इससे।

दो प्रकार की होती है
रिक्रूटमेंट एजेंसी एक मध्यस्थ संस्था है जो बेरोजगार और कंपनी के बीच (जो नौकरी बदलना चाहते है या जो नौकरी करना चाहते हैं) बिचौलिए का काम करती है। रिक्रूटमेंट एजेंसी दो प्रकार की होती एक जो रोजगार ढूंढने वाले कैंडिडेट से चार्ज करती है दूसरी जो कंपनी से चार्ज करती है।
कंपनी के पास जॉब के लिए रिक्वायरमेंट होती है तो वह भी रिक्रूटमेंट एजेंसी से संपर्क करती है। कोई बेरोजगार है अथवा नए जॉब की तलाश में है वह भी रिक्रूटमेंट एजेंसी से संपर्क करता है। रिक्रूटमेंट एजेंसी की एच. आर. भी कंपनी या युवक/युवती से जानकारी लेकर उन्हें सही नौकरी दिलवाने में उनकी सहायता करती है ये इनका मुख्य काम होता है।
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टारगेट कंपनी का चुनाव करती है
रिक्रूटमेंट एजेंसी टारगेट कंपनी का चुनाव करती है फिर उसके एचआर डिपार्टमेंट में संपर्क करती है। उपलब्धता होने की स्थति में जिस पोस्ट के लिए वैकेंसी है उसकी सभी जानकारी लेती है जिसमे एजुकेशन, अनुभव, स्थान, पगार आदि की जानकारी होती है। सभी डिटेल लेने के बाद रिक्रूटमेंट एजेंसी डेटाबेस बनाती है उन लोगों का जो उस पोजीशन के लिए सभी मानकों को पूरा करते हैं। डेटाबेस तैयार होने के बाद रिक्रूटमेंट एजेंसी उन सभी लोगों से संपर्क करती है और कंपनी के बारे में साडी जानकारी प्रोवाइड करती है।
अगर कैंडिडेट को कंपनी की प्रोफाइल अच्छी लगती है तो वह जॉब के लिए हाँ बोलता है और रिक्रूटमेंट एजेंसी उनका इंटरव्यू करवाती है। इंटरव्यू में चुन लिए जाने के बाद उनको जॉब दे दी जाती है। इस तरह वेकेंसी को भरने के एवज में रिक्रूटमेंट एजेंसी कंपनी व जिसकी जॉब लगती है उससे कुछ कमीशन लेती है इस तरह बिचौलिये का काम करके पैसे कमाती है।

कई विभागों में करती है काम
रिक्रूटमेंट एजेंसी मुख्यतः इन विभागों के लिए काम करती है, – आईटी एवं प्रोध्योगिकी विभाग,फायनेंस एवं मार्केटिंग विभाग,ऑइल एवं गैस विभाग,टीचिंग फील्ड, इंजीनियर, कन्स्ट्रकशन फील्ड, हार्डवेयर फील्ड आदि. यदि आपने इस क्षेत्र में काम किया हुआ है तो यह आपके एजेंसी के लिए बहुत फायदेमंद होगा और आप इस काम को आसानी से शुरू कर सकते हैं। यदि आपने इस क्षेत्र में काम नहीं किया हुआ है तो ऐसे व्यक्ति को पार्टनर बना सकते हैं जो इस काम का अनुभवी हो।
मार्केट में किस प्रकार के जॉब की मांग सबसे ज्यादा है? सबसे ज्यादा कौन से फील्ड में लोग जॉब सर्च कर रहे हैं उन सभी बातों का अवलोकन करके अपने मार्केटिंग एजेंसी को शुरू करें। जो इस क्षेत्र में पहले से ही हैं उनकी भी जानकारी ले लें। जिससे आपको अपने मार्किट प्रमोशन की स्ट्रैटजी बनाने में आसानी होगी।

आधारभूत चीजे एवं खर्चा
प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने व अच्छी एजेंसी शुरू करने के लिए आपके पास कुछ चीजों का होना अति आवश्यक है ताकि आप क्लाइंट्स को आकर्षित कर सकें। लॉकडाउन के बाद से काफी चीजें ऑनलाइन आ गयी है तो आपकी भी ऑनलाइन उपस्थिति होनी चाहिए। कंप्यूटर, लैपटॉप और नेट कनेक्शन अनिवार्य है। कई ऑनलाइन रिक्रूटमेंट पोर्टल हैं जिसमे रजिस्ट्रेशन जरुरी होगा।
जो केवल रिक्रूटमेंट प्रक्रिया में काम आते हैं जो सभी के सिस्टम और मोबाइल में इनस्टॉल हो। एक फिक्स्ड कांटेक्ट नंबर और ई-मेल अड्रेस होना चाहिए जिससे लोग आपसे कॉन्टेक्ट कर सकें। एक अच्छा स्टाफ। अच्छे लोकेशन पर ऑफिस होना चाहिए जिससे जिससे लोग आप तक आसानी से पहुँच सकें।
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पंजीयन कैसे कराएं
हर कंपनी और एजेंसी का पंजीयन करवाना अनिवार्य है ताकि क्लाइंट्स उन पर भरोसा करे और कानूनी रूप से भी मान्यता मिले। इसके लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर न काटें एक सीए अप्पोइंट करें और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लें।नाम चुने : कंपनी का नाम यूनिक हो और क्लाइंट को आकर्षित करे।
वैबसाइट डोमेन चुने : कंपनी की वेबसाइट बनवाएं और सही डोमेन चुनें।
बैंक अकाउंट एवं बीमा : कंपनी का बिमा करवाएं साथ ही कंपनी के नाम से बैंक अकाउंट भी ओपन करें ताकि नुक्सान होने की स्थिति में रिकवरी पा सकें।
एम्प्लोयी बीमा : एम्प्लोयी बिमा कराएं क्योंकि वह भी आपकी जिम्मेदारी है।
वैट रजिस्ट्रेशन : टर्नओवर के हिसाब से पंजीयन कराएं ताकि सही समय पर और सही कर अदायगी की जा सके।
रिक्रूटमेंट एजेंसी के लाभ – फायदा की बात करें तो एजेंसी का भरोसा बन जाने के बाद अच्छी इनकम हो सकती है क्योंकि इसमें केवल वन टाइम शुरू में खर्चे हैं।
रिक्रूटमेंट एजेंसी से हानि – हर बिज़नेस में हानि होती है इसमें भी है आइये जाने-
– क्लाइंट बनाते समय कंपनी की छानबीन कर लें क्योंकि किसी की जॉब लगवा देने के बाद अगर कंपनी पैसे नहीं दे पाई तो व्यक्ति का भविष्य ख़राब होगा साथ ही आपकी भी छवि ख़राब होगी।
– कंपनी के साथ ही नौकरी चुने गए कैंडिडेट के बारे में भी जानकारी रखें ताकि ऐसा न होकि इंटरव्यू के समय वह ना बोल दे। इससे भी आपकी छवि धूमिल होती है।
– कुछ ऐसे होते हैं जो नौकरी लगने के बाद काम ढंग से नहीं करते उससे भी बुरा असर होता है एजेंसी की साख पर।
– वैसे दोनों ही मामले में गॅरंटी तो नहीं ले सकते पर, जितना हो सके कन्फर्म करें।