Agricultural Tools: खेती के कामों में सबसे ज्यादा भागीदारी
खेती के कामों में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं सबसे ज्यादा अपनी भागीदारी निभाती है। भारत की 78 प्रतिशत नियोजित महिलाएँ कृषि में काम करती हैं। वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण, 2021-2022 के अनुसार, कृषि में महिला श्रम बल की भागीदारी सबसे अधिक 62.9 प्रतिशत है। भारत में ग्रामीण महिलाएँ कई वर्षों से इस क्षेत्र में योगदान दे रही हैं, लेकिन ज्यादातर अपने खेतों में मजदूर के रूप में, न कि “किसान” के रूप में। भुवनेश्वर स्थित कृषि महिला अनुसंधान निदेशालय (डीआरडब्ल्यूए) के मुताबिक खेती में महिलाओं का योगदान मैदानी इलाकों की तुलना में पहाड़ी क्षेत्रों में कहीं अधिक है।
नौ हिमालयी राज्यों से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाएं खेती में हर साल 3,485 घंटे काम करती हैं, जो पुरुषों द्वारा लगाए गए घंटों (1,212 घंटे) के दोगुने से भी अधिक है, और बैलों द्वारा लगाए गए घंटों (1,064 घंटे) से लगभग तीन गुना अधिक है। कुल मिलाकर, वे खेती में 60-80 प्रतिशत श्रमदान करती हैं। आंकड़ों के मुताबिक फसल उत्पादन में उनकी भागीदारी 75 प्रतिशत, बागवानी में 79 प्रतिशत, पशुधन पालन में 58 प्रतिशत और फसल कटाई के बाद के कार्यों में 51 प्रतिशत है। ऐसे में महिला कृषकों के लिए ये जरूरी हो जाता है कि उन्हें ऐसे कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी हो जिसके उपयोग से उनके श्रम व समय की बचत हो और उन्हें शारीरिक रूप से थकान का अनुभव भी कम हो।

हस्तचलित रोटरी डिब्लर (चक्रीय रोपछिद्रक)
यह एक विशेष यंत्र है जिससे अच्छी तरह तैयार किए गए खेत में बड़े तथा मध्यम आकार के बीजों की बुवाई कतारों में नियमित दूरी पर की जा सकती है। यह यंत्र मक्का, ज्वार, सोयाबीन, अरहर तथा चने के बीजों की बुवाई के लिए उपयुक्त है। इस यंत्र की कार्यक्षमता 0।3 हेक्टेयर प्रतिदिन है।
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हस्तचलित बीज एवं उर्वरक ड्रिल
बीज तथा उर्वरक एक साथ खेत में डालने पर फसल की पैदावार में वृद्धि होती है। ये छोटे स्तर पर कार्यरत कृषक महिलाओं द्वारा छोटे एवं बड़े दोनों ही प्रकार के बीजों जैसे तोरिया, सरसों, अरहर, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, चना तथा अन्य सामान्य बीजों की बुवाई के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसकी कार्यक्षमता 0.3 हेक्टेयर प्रतिदिन है।

सब्जी रोपाई यंत्र
ये ट्रैक्टर द्वारा प्रचालित अद्र्धस्वचालित रोपाई यंत्र है जो टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, बैंगन आदि की पौध के प्रतिरोपण में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी कार्यक्षमता 0.5 हेक्टेयर प्रतिदिन है।
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हस्तचलित डिब्लर (रोपछिद्रक)
खेत में बीजों को एक-एक कर बोने के लिए हस्तचलित डिब्लर एक सरल उपकरण है। इसे महिलायें आसानी से इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे पौधों की आवश्यक दूरी बनाई जा सकती है। ये दूर-दूर तक बोई जाने वाली फसलों जैसे मक्का, अरहर, कपास तथा अन्य फसलों के लिये उपयुक्त है। इसकी कार्यक्षमता 0.2 हेक्टेयर प्रतिदिन है।

द्विपहिया निंदाई यंत्र
द्विपहिया निंदाई यंत्र द्वारा आगे धकेलकर तथा पीछे खींचकर खरपतवार को काटा तथा उखाड़ा जा सकता है। यह यंत्र काली मिट्टी वाली शुष्क भूमि में कतारबद्ध फसलों की निंदाई-गुड़ाई के लिए उपयुक्त है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक तो इससे महिलाओं को काम कम करना पड़ता है, दूसरा काम समय पर पूरा होने के साथ-साथ फसल उत्पादन में बढ़ोतरी भी संभव है। इसकी कार्यक्षमता 0.15 हेक्टेयर प्रतिदिन है।
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रोटरी धान खरपतवार
इसका उपयोग धान के खेतों में खरपतवार (अवांछनीय पौधे, घास फूस आदि) निकालने के लिए प्रभावी रूप से किया जाता है। यह एक व्यक्ति द्वारा आसानी से संचालित किया जा सकता है। धान की पंक्तियों के बीच में इसको आगे धकेलकर तथा पीछे खींचकर इसको चलाया जाता है। इसके घूर्णन ब्लेड मिट्टी की सतह के नीचे जाकर खरपतवार को काटकर निकाल देते है। इसकी खरपतवार की क्षमता 0.20 हेक्टेयर प्रतिदिन है। यह रोटरी हैंड व्हील हो स्थानीय कौशल तथा स्थानीय सामग्री का उपयोग कर बनाया जा सकता है।

नवीन हसिया
यह नवीन हसिया लकड़ी के विशेष हाथ पकड़ वाले हैंडल से बना होता है जो कि फसल कटाई के कार्य को आसान बनाता है। इसका ब्लेड 12 मिमी चौड़ी दांतेदार कार्बन स्टील से बना है। ये हसिया चावल, गेहूं, घास तथा हाथ से पकड़े जाने वाली फसलों के लिए उपयुक्त है। इसकी कार्यक्षमता 0.15 हेक्टेयर प्रतिदिन है। इसका काटने वाला सिरा लंबे समय तक धारदार बना रहता है। जिससे इसमें बार-बार धार लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

हस्तचलित द्विछलनी अनाज सफाई यंत्र
यह यंत्र अनाज की कटाई बाद उसमें मिला भूसा, बड़े कंकड-पत्थर आदि को साफ करने के काम में लिया जाता है। इस यंत्र को चार रस्सियों के साथ किसी ऊंचे स्थान से बांधकर प्रचालित किया जाता है। कार्य के दौरान रस्सियों तथा अनाज का भार रस्सियों पर होता है। चना, गेहूं और सोयाबीन से कंकड़, धूल, मिट्टी साफ करने के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है। यह यंत्र दो धातु की छननी जो कि एक रस्सी से झूले की तरह लटकी होती है, का बना होता है।
एक समय में 5 से 10 किलो बीज छननी में डाला जाता है और झूलेनुमा छननी को हाथ से आगे और पीछे हिला कर अनाज साफ किया जाता है जिससे भूसा, बड़े कंकड़-पत्थर रह जाते है। साफ अनाज फिर महीन छननी से छनता है जिससे धूल या मिट्टी छन जाते है। इस यंत्र की कार्यक्षमता 150 किलोग्राम प्रति घंटा है।
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