Hindi Jobs: 61.5 करोड़ है दुनियाभर में हिन्दी बोलने वालों की संख्या
दुनियाभर में हिन्दी बोलने वालों की संख्या 61.5 करोड़ है। वर्ल्ड लैंग्वेज डाटा बेस के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या 113 करोड़ से अधिक है। यह भाषा पहले पायदान पर है। वहीं, 112 करोड़ स्पीकर्स के साथ चीन की मंदारिन दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और तीसरे पायदान पर हिन्दी है। 1983 में हिन्दी वर्ड प्रोसेसर अक्षर की शुरुआत तो हुई लेकिन ऑनलाइन सामग्री की उपलब्धता अभी भी दूर की बात बनी हुई थी। 1991 में देवनागरी व 8 अन्य भारतीय लिपियों में यूनिकोड टाइपिंग की शुरुआत हुई। सूचना क्रांति के युग में 1994 में ब्लॉगिंग की शुरुआत निर्णायक साबित हुई। नेट पर सामग्री अपलोड करना आमजन के लिए संभव हुआ।
जिमी वेल्स और लैरी सिंगर ने अंग्रेजी विकिपीडिया शुरुआत की। किसी एक प्लेटफार्म पर क्रमबद्ध सामग्री मिलने की शुरुआत हुई। 2004 में हिन्दी विकीपीडिया शुरू हुआ। छिटपुट संख्या में हिन्दी में ब्लॉग लिखे गए। उस समय हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने का जैसा उत्साह संसार भर में दिखाई दिया, हालांकि वह सीमित था लेकिन था अभूतपूर्व। ब्लॉगवाणी जैसे ब्लॉग एग्रीगेटर्स ने इस बात का जिम्मा संभाला कि दुनिया भर में हिन्दी में एक भी वाक्य अपलोड किया गया हो तो सार्वजनिक स्पेस पर हर किसी के लिए उपलब्ध हो। दिल्ली निवासी मैथिलीशरण गुप्त और उनके पुत्र सिरिल गुप्त ने इस में अग्रणी भूमिका निभाई।
दुनिया में ढेरों विकल्प
आज सारी दुनिया ग्लोबल विलेज के तौर पर आपस में जुड़ गई है। दूर बैठे लोगों से भी आज आसानी से जुड़ा जा सकता है। ग्लोबलाइजेशन ते कारण अलग अलग क्षेत्रों में स्टूडेंट्स के लिए नौकरियों के मौके भी बढ़ गए है। स्टूडेंट्स के करियर के भी बहुत सारे विकल्प भी मौजूद है वह अपनी मर्जी से किसी भी क्षेत्र में करियर बना सकते है। इंग्लिश ग्लोबल लैग्वेंज के तौर पर सामने आई है । इसलिए जब हिन्दी भाषा के छात्रों के लिए करिअर चुनने की बात सामने आती है तो उसने ही कम ऑप्शन्स सामने आते हैं। इसी परेशानी के चलते कई होनहार बच्चों या स्टूडेंट्स की ग्रोथ रुक जाती है, लेकिन ऐसे स्टूडेंट्स अपनी स्किल्स को जानकर और सही विषयों को चुनकर इसी भाषा के जरिए बेहतरीन करियर ऑप्शन्स चुन सकते हैं। अगर आप भई हिन्दी मीडियम के स्टूडेंट्स है तो आइए जानते है कि कुछ एेसे करियर ऑप्शनों के बारे में जिनमें आप अपना करियर बन सकते है।
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चैनल, न्यूज़पेपर और वेबसाइट्स हिन्दी में
इंडिया में आज भी टॉप पर सबसे ज़्यादा चैनल, न्यूज़पेपर और वेबसाइट्स हिन्दी में हैं। अगर आप अप-टू-डेट रहना पसंद करते हैं और खबरों को फॉलो करते हैं तो ये जॉब आपके लिए ही है। इसमें भी आपको अपनी स्किल्स के अनुसार पता लगाना होगा कि आप किस मीडियम में बेस्ट हैं।जैसे अगर आप अच्छा बोल सकते हैं तो आप TV चुनें। अगर अच्छा लिख सकते हैं तो न्यूज़पेपर और वेबसाइट चुनें। हिन्दी भाषा के स्टूडेंट्स इस फील्ड में आने के लिए मास कम्यूनिकेशन, जर्नालिज़्म या फिर TV कोर्सेज़ करके एंट्री पा सकते हैं।
टीचिंग सबसे रिसपेक्टफुल
टीचिंग आज भी हमारे समाज में सबसे रिसपेक्टफुल जॉब्स में से एक मानी जाती है और पहले के मुकाबले अब इसमें पैसा भी अच्छा मिलता है। हिन्दी भाषा के स्टूडेंट्स स्कूल टीचिंग में तो जा ही सकते हैं, लेकिन इसके अलावा भी वो ट्यूशन देकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। आजकल अंग्रेज़ी भाषा के बढ़ते कल्चर के चलते हिन्दी पीछे छूटती जा रही है, लेकिन स्कूलों में आज भी ये भाषा मुख्य विषयों में से एक है। जिसके चलते हिन्दी ट्यूटर्स की मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इसे आप अपने पार्ट टाइम काम के साथ भी कर सकते हैं और चाहे तो फुल टॉइम करियर की तरह भी कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं।
पार्ट टाइम के लिए कॉल सेंटर्स
कॉलेज टाइम में अधिकतर स्टूडेंट्स पार्ट टाइम जॉब के लिए कॉल सेंटर्स का रुख करते हैं। क्योंकि यहां अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी में भी कॉलिंग सर्विसेज़ होती हैं और कमाई के मामले में भी ये बेस्ट ऑप्शन है। आप चाहे तो इसे भी अपने करियर के तौर पर चुन सकते हैं।
हिन्दी उपभोक्ताओं को लुभाने प्रोजेक्ट
कई बड़ी कंपनियां हिन्दी उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए अपने प्रोजेक्ट को हिन्दी में लिखवाती हैं। ताकि इंडिया में उनका ब्रैंड हिन्दी लोगों तक पहुंच सके। इसके लिए वो अपनी हिन्दी टीम या फिर हिन्दी राइटर आउटसोर्स करते हैं,ताकि उनसे पीआर कॉपिज़, प्रोडक्ट डिसक्रिप्शन आदि हिन्दी में लिख सके। कॉर्पोरेट हाउसेस में पहले हिन्दी का इतना चलन नहीं था, लेकिन आजकल हर कोई हिन्दी भाषी जनता तक पहुंचना चाहता है। इसीलिए आप इसे भी अपने करियर के तौर पर चुन सकते हैं।
पब्लिशिंग हाउसेस में डिमांड
अंग्रेजी किताबों का हिन्दी अनुवाद या वेबसाइट डेटा का हिन्दी अनुवाद जैसे कई ट्रांसलेशन के लिए हिन्दी लिखने और समझने वालों की ज़रूरत होती है। ट्रांसलेटर्स की सबसे ज़्यादा डिमांड पब्लिशिंग हाउसेस में होती है। क्योंकि इन्हें अपनी किताबों को हिन्दी में अनुवाद कराना होता है।यहां पर प्रति शब्द या फिर किताबों के मुताबित पैसा भी अच्छा दिया जाता है।आप इसे भी अपने करियर के तौर पर चुन सकते हैं। इतना ही नहीं, कई मीडिया हाउसेस भी सिर्फ ट्रांसलेशन के लिए कैंडिडेट्स हायर करते हैं।
176 यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई जाती है
दुनिया में जितनी भी भाषाएं उसमें हिन्दी सबसे स्पष्ट और सरल मानी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिन्दी को जैसा बोला जाता है, वैसा ही लिखा जाता है। व्याकरण से लेकर उच्चारण सब कुछ स्पष्ट है। इसलिए दूसरी भाषाओं के मुकाबले हिन्दी को सीखना काफी हद सरल माना जाता है। हालांकि शब्दकोश के मामले में हिन्दी दूसरी भाषाओं से कहीं से भी कम नहीं है। हिन्दी को अपनाने के मामले में बिहार सबसे आगे रहा है। 1881 में बिहार ने उर्दू को हिन्दी से रिप्लेस किया। इस तरह बिहार हिन्दी को अपनाने वाला देश का पहला राज्य बना।
बिहार में हिन्दी को राज्य की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया। इसके बाद देश के कई राज्यों ने इसे अपनी आधिकारिक भाषा बनाया। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य शामिल हैं। चौंकने वाली बात यह भी है कि हिन्दी भारत में ही नहीं दुनिया के 20 से अधिक देशों में बोली जाती है। इनमें नेपाल, फिजी, UAE, युगांडा, मॉरिशस, त्रिनिनाद, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अमेरिका और जर्मनी समेत ऐसे कई देश हैं। हिन्दी के बारे में एक दिलचस्प बात यह भी है कि दुनियाभर की 176 यूनिवर्सिटीज में यह भाषा पढ़ाई जा रही है। इसमें से 45 यूनिवर्सिटीज तो सिर्फ अमेरिका में ही हैं।
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