Telecom Companies – नेटवर्क एक्सपेंशन के लिए बड़े पैमाने पर निवेश
Telecom Companies: देश के 120 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स को एक बार फिर से बड़ा झटका लग सकता है। टेलीकॉम कंपनियां इस साल के आखिर तक रिचार्ज प्लान महंगा कर सकती हैं। रिसर्च एनालिस्ट्स की मानें तो, टेलीकॉम कंपनियां आने वाले कुछ महीनों में मोबाइल प्लान की दरों में 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। यह टेलीकॉम कंपनियों द्वारा पिछले 6 साल में चौथा बड़ा प्राइस हाइक होगा। इससे पहले पिछले साल जुलाई में निजी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने मोबाइल प्लान की दरों में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। ‘
स्पेक्ट्रम बकाये को इक्विटी में कन्वर्ट करने की मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम इंडस्ट्री के एनालिस्ट्स का मानना है कि टेलीकॉम कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश कर रही हैं। साथ ही, रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने, लाइसेंस आदि में भी किए गए खर्च की वजह से टेलीकॉम कंपनियों पर फंड का दबाब बन रहा है। हाल ही में वोडाफोन-आइडिया ने अपने 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाये को इक्विटी में कन्वर्ट करने की मांग सरकार से रखी है। इस तरह से वोडाफोन-आइडिया में सरकार का शेयर 22.6 प्रतिशत से बढ़कर 49 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
Read more: Mercedes-Benz India: मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने बनाया इतिहास, 200,000वीं ‘मेड इन इंडिया’ कार बनाया
4जी एक्सपेंशन और 5जी रोल आउट में देरी
एनालिस्ट का कहना है कि हम इस साल नवंबर-दिसंबर तक टैरिफ में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले दिनों वोडाफोन-आइडिया के सीईओ अक्षय मूंद्रा ने अर्निंग कॉल्स के दौरान कहा था कि 12 महीने के अंतराल पर टैरिफ में बदलाव करना एक नार्मल सिचुएशन है। हालांकि, इस समय इंडस्ट्री जहां पर है ऐसे में तेजी से टैरिफ में बदलाव की जरूरत हो सकती है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि वोडाफोन-आइडिया को अपने प्लान की दरें तुरंत बढ़ा देनी चाहिए ताकि 4जी एक्सपेंशन और 5जी रोल आउट में हुई देरी को कवर किया जा सके। इसके लिए कंपनी को बड़े निवेश की जरूरत है।
ऑपरेशनल रिकवरी सही से नहीं
पिछले साल जुलाई में हुए प्राइस हाइक के बावजूद वोडाफोन-आइडिया का ऑपरेशनल रिकवरी सही से नहीं हो पाया है। इसकी मुख्य वजह सब्सक्राइबर बेस में लगातार गिरावट और 5जी लॉन्च करने के लिए बड़े पैमाने पर किए जाने वाला निवेश रहा है। एक और ब्रोक्रेज फर्म का कहना है कि हम दिसंबर तक करीब 15 प्रतिशत तक का टैरिफ हाइक एक्सपेक्ट कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने भी टेलीकॉम कंपनियों को सपोर्ट किया है, जिसकी वजह से प्राइस हाइक के बावजूद भारत में रिचार्ज प्लान की दरें पूरी दुनिया में सबसे कम है। रिसर्च एनालिस्ट का कहना है कि आने वाले समय में टेलीकॉम कंपनियां और ज्यादा रेगुलर अंतराल में रिचार्ज प्लान की दरें बढ़ाती रहेंगी, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के बावजूद रेवेन्यू का नुकसान न हो सके।
- Telecom Companies: टेलीकॉम कंपनियों पर बढ़ा फंड का दबाब - April 30, 2025
- Major Retirement Plans: रिटायरमेंट के बाद जिओ सुकून भरी जिंदगी - April 30, 2025
- Free Trade Agreement: भारत-ब्रिटेन एफटीए को लेकर उत्सुकता - April 30, 2025