Land for Job Scam Case: जानिए क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला
Land for Job Scam Case: जमीन के बदले नौकरी मामले में आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से पूछताछ के लिए उन्हें आज यानी 29 जनवरी को पेश होने का समन भेजा था। इसी सिलसिले में 30 जनवरी को लालू यादव के बेटे तेजस्वी से भी पूछताछ होगी।
जानकारी के लिए आप को बता दे कि रविवार यानि 28 जनवरी 2024 को ही बिहार में नीतीश कुमार ने RJD को बिहार की सरकार से बाहर करके एक बार फिर से एनडीए के साथ सरकार का गठन कर लिया है। इसके ठीक एक दिन बाद ही ईडी लालू यादव से पूछताछ करने वाली हैं। सूत्रों के हिसाब से लालू यादव आज ED दफ्तर जायेंगे और उनके साथ राजद के नेता और कार्यकर्ता भी भारी संख्या में ED दफ्तर के पास ही मौजूद रहेंगे।
29 जनवरी को ED दफ्तर में पेश होने का समन मिला था
ED की तरफ से 19 जनवरी को लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को ED दफ्तर में पूछताछ के लिए पेश होने का समन जारी किया था।
लू प्रसाद यादव को 29 जनवरी को पेश होना है और वहीं उनके बेटे तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को पेश होने के लिए समन मिला हैं। ED के अनुसार अधिकारियों की एक टीम समन देने के लिए लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना में स्थित आधिकारिक आवास पर गई थी।
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लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को अपना बयान दर्ज कराने के लिए पटना के बैंक रोड स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होना हैं। बिहार में चल रहे सियासी हलचल के बीच लालू यादव से ED के द्वारा होने वाली पूछताछ पर आज लगभग सभी की नजरे टिकी हुई रहेगी।
घोटाला कब हुआ था ?
यह घोटाला उस समय हुआ था, जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की पहली सरकार में रेल मंत्री के पद पर आसीन थे। 9 जनवरी को, ईडी ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था,उसमे राबड़ी देवी और उनकी बेटियों राजद सांसद मीसा भारती और हेमा यादव सहित लालू प्रसाद के परिवार के कई अन्य सदस्यों के नाम भी शामिल किये गए थे। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामलें को दर्ज किया गया था। यह केस केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है।
इस मामले में सीबीआई के द्वारा पहले ही एक आरोपपत्र दाखिल किया जा चूका हैं। हालांकि लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को अक्टूबर में सीबीआई के मामले में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी हैं। सीबीआई के अनुसार,नियुक्ति के लिए सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी। लेकिन कुछ लोगो को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर के विभिन्न जोनल रेलवे में दूसरे उम्मीदवारों के स्थान पर नौकरी दी गई थी और नौकरी के बदले में, उन लोगो ने अपनी ज़मीन को मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से में लालू यादव के परिवार के सदस्यों को बेचा था।
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