Singer Rashid Khan: संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान नहीं रहे
Singer Rashid Khan: संगीत जगत को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध करने वाले उस्ताद राशिद खान ने इस दुनिया विदाई ले ली है। शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान कोलकाता के एक अस्पताल में उन्होंने 55 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। सिंगर के टॉप गानों की बात करें तो वह इंडस्ट्री में ‘तोरे बिना मोहे चैन’ नहीं जैसा सुपरहिट गाना गाया था। वहीं वह शाहरुख खान की फिल्म माई नेम इज खान में भी गाना गा चुके हैं।
वह ‘राज 3’, ‘कादंबरी’, ‘शादी में जरूर आना’, ‘मंटो’ से लेकर ‘मीटिन मास’ जैसी फिल्मों में गाने गा चुके हैं। वे प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे। दिसंबर से उनकी सेहत बिगड़ने लगी थी। 23 दिसंबर को खबरें आई थीं कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पिछले कुछ दिनों से वे आईसीयू में भर्ती थे और वेंटिलेटर पर थे। शुरुआत में उनका इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में चला, लेकिन बाद में वे कोलकाता लौट आए थे। राशिद का संगीत करियर 11 साल की उम्र में ही शुरू हो गया था। संगीतकार ने कई बांग्ला गीत भी आए।
2006 में पद्मश्री-संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
उस्ताद राशिद खान का जन्म 1 जुलाई 1968 को उत्तरप्रदेश के बदायूं में हुआ था। वो रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे। वो इस घराने के फाउंडर उस्ताद इनायत हुसैन खान थे, जो राशिद के परदादा हुआ करते थे। अपने संगीत की कला के लिए उन्हें साल 2006 में पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। कहा जाता है कि जाने-माने पंडित भीमसेन जोशी ने राशिद खान को ‘भारतीय संगीत का भविष्य’ बताया था।
बदायूं में हुआ था जन्म
उस्ताद राशिद खान का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ। उन्होंने तालीम अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से ली। राशिद खान की पहली मंचीय प्रस्तुति 11 साल की उम्र में थी। वे रामपुर-सहसवान घराने के गायक थे। उन्होंने फिल्मों में भी अपनी आवाज दी। ‘जब वी मेट’ में उनकी गाई बंदिश ‘आओगे जब तुम साजना’ काफी लोकप्रिय रही।
विलंबित ख्यालों में गाते थे
राशिद खान अपने नाना की तरह विलंबित ख्यालों में गाते थे। वे उस्ताद अमीर खां और पंडित भीमसेन जोशी की गायकी से भी प्रभावित थे। संगीतकार के लोकप्रिया गानों की बात करें तो वे इंडस्ट्री में ‘तोरे बिना मोहे चैन’ नहीं जैसा सुपरहिट गाना गाया था। वहीं, वे इंडस्ट्री के किंग यानी शाहरुख खान की फिल्म ‘माई नेम इज’ खान में भी गाना गा चुके हैं। यही नहीं, उस्ताद राशिद खान ‘राज 3’, ‘कादंबरी’, ‘शादी में जरूर आना’, ‘मंटो’ से लेकर ‘मीटिन मास’ जैसी फिल्मों में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके हैं।
प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे
55 साल के उस्ताद राशिद खान को लेकर 23 दिसंबर को खबरें आई थीं कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वह प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं।इस चलते उनका इलाज टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में चला औऱ फिर वह कलकता आ गए। सिंगर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सिंगर पिछले महीने अस्पातल में भर्ती हुए थे। तब वह रिस्पॉन्स भी करने लगे थे। उनकी सेहत में सुधार हो रहा था, जिसे देख डॉक्टर भी खुश हो गए थे।
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