Jaishankar in Iran: जाने जयशंकर का दौरा अहम क्यों
जाने डॉ एस जयशंकर ने क्या लिखा अपनी ईरान यात्रा पर
भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच विशेष बातचीत
फारसी भाषा भारत की चुनिंदा शास्त्रीय भाषाओं में शामिल
आपको बता दें भारती के विदेश मंत्री डॉ जयशंकर के दौरे पर भारत और ईरान के सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने की पहल भी हुई। बता दें कि उन्होंने फारसी भाषा को लेकर एक बड़ी घोषणा की। भारत के विदेश मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने फारसी भाषा को भारत की नौ शास्त्रीय भाषाओं में किक के रूप में शामिल करने का फैसला लिया है।
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आगे उन्होंने कहा देश की नई शिक्षा नीति के साथ-साथ ईरान और भारत के सांस्कृतिक, साहित्यिक और भाषाई संबंधों पर भी प्रकाश डाला। विदेश मंत्री के मुताबिक सरकार के इस फैसले से भारतीय शैक्षिक ढांचे में फारसी की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने के प्रतिबद्धता का भी पता चलता है। तमिल पहली भारतीय भाषा थी, जिसे सरकार ने 2004 में शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया था। इसके बाद संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और उड़िया जैसी भाषाओं को भी शास्त्रीय का दर्जा दिया गया है।
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