New vs Old Tax Regime: पुरानी कर व्यवस्था एक-दो साल में स्वयं समाप्त हो जाएगी
New vs Old Tax Regime – नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की छूट से पुरानी कर व्यवस्था के खुद ही एक-दो साल में समाप्त हो जाने की संभावना है। कर का दायरा बढ़ाने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई), आंकड़ा विश्लेषण जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। नई कर व्यवस्था का मकसद ही यही है कि आप छूट के बारे में हर समय सोचने के बजाय अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश करें। बजट में पुरानी कर व्यवस्था के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इसमें छूट है, कर की दर और स्लैब अलग-अलग हैं। लेकिन एक-दो साल में पुरानी कर व्यवस्था अपने आप ही समाप्त हो जाएगी। इतनी बड़ी छूट दी है तो 2025-26 में प्राय: सभी करदाता नई व्यवस्था में आ जाएंगे।

नई कर व्यवस्था ‘डिफॉल्ट’
अगर आपको 12 लाख रुपये की आय पर कर छूट चाहिए तो आप कहां जाएंगे? सब लोग नई व्यवस्था में आएंगे तो जल्द ही पुरानी कर व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। वैसे भी नई कर व्यवस्था ‘डिफॉल्ट’ है। यानी अगर आपने पुरानी को नहीं चुना है, तो स्वयं नई कर व्यवस्था में आ जाएंगे। अब करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा जबकि पहले यह सीमा सात लाख रुपये थी। छूट सीमा में पांच लाख रुपये की बढ़ोतरी अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है। लोग अब भी बचत और निवेश करेंगे। कर नीति के जरिये व्यवहार में बदलाव का एक रुख रहा है… लेकिन लोग अब इतने परिपक्व हो गये हैं कि वे निर्णय कर सकते हैं कि उन्हें कितनी खपत करनी है या कितनी बचत या कितना निवेश करना है।

नये आयकर अधिनियम सरल होगा
नये आयकर अधिनियम कानून छोटा व सरल होगा। उसे समझने में आसानी होगी। पुराने पड़ चुके प्रावधानों को हटाया गया है। चीजों को एक जगह लाया गया है। इससे कानूनी विवाद कम होगा। सरकार आने वाले सप्ताह में संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी, जो 1961 के आयकर कानून की जगह लेगा। अन्य बातों के अलावा, कर आधार बढ़ाने के लिए एआई, आंकड़ा विश्लेषण का भी उपयोग किया जा रहा है। सामान्य तौर पर राजस्व (आयकर) में 20 प्रतिशत के आसपास वृद्धि होती है। इस साल हमने 14 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा है। कर छूट की वजह से राजस्व में एक लाख करोड़ रुपये की कमी आने को ध्यान में रखते ही वृद्धि का यह लक्ष्य रखा गया है।
Read mmore : Personal Loan : पर्सनल लोन क्यों होता है रिजेक्ट ?, कभी सोचा है आपने…

मूल्य पर वृद्धि दर 10.1 प्रतिशत
बाजार मूल्य पर वृद्धि दर 10.1 प्रतिशत रखी गई है। पहले इसके 10.4 से 10.5 प्रतिशत रहने की संभावना थी। पिछली तिमाही के अग्रिम अनुमान में यह 9.7 प्रतिशत थी। इसीलिए हमने 10.1 प्रतिशत का अनुमान रखा है। अगर वृद्धि दर कम होती है, तो राजस्व संग्रह पर असर होगा। उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसी फिच ने आगाह किया है कि धीमी आर्थिक वृद्धि के कारण राजस्व संग्रह में कुछ गिरावट आ सकती है और ऐसे में खर्च करते समय अतिरिक्त संयम की जरूरत होगी। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिसके अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है।
- Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला - March 7, 2025
- Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग - March 7, 2025
- Medha Tadpatrikar and Shirish Phadtare : इको फ्रेंडली स्टार्टअप से सालाना 2 करोड़ का बिजनेस - March 6, 2025