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WeStory > फाइनेंस > Public Financial Management System : 60 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचाया योजनाओं का लाभ
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Public Financial Management System : 60 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचाया योजनाओं का लाभ

Public Financial Management System - वित्त मंत्रालय के नियंत्रक महालेखाकार (सीजीए) कार्यालय द्वारा विकसित सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफ़एमएस) की.....

WeStory Editorial Team
Last updated: 2025/03/04 at 6:03 PM
WeStory Editorial Team
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6 Min Read
Public Financial Management System : 60 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचाया योजनाओं का लाभ
Public Financial Management System : 60 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचाया योजनाओं का लाभ
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Public Financial Management System : PFMS ने की एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण में भी मदद

Public Financial Management System – वित्त मंत्रालय के नियंत्रक महालेखाकार (सीजीए) कार्यालय द्वारा विकसित सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफ़एमएस) की वित्त मंत्री ने प्रशंसा की है। इस प्रणाली का काम केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन करना है। दूसरे शब्दों में इसे केंद्रीकृत लेन-देन प्रणाली भी कह सकते हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के प्रमुख लक्ष्यों को प्राप्त करने में इस प्रणाली द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की है। इस प्रणाली ने 60 करोड़ लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। वहीं, 1,100 डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर योजनाओं सहित 1,200 से अधिक केंद्रीय और राज्य सरकारों की योजनाओं का सीधा लाभ लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंचाया है।

Table of Contents
Public Financial Management System : PFMS ने की एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण में भी मददपारदर्शी वितरण सुनिश्चित हो सकाकरों में कटौती के पक्ष में थे मोदी12 लाख रुपये तक की आय पर असर नहीं8.65 करोड़ आईटीआर दाखिल किए जाते हैं हर साल
Public Financial Management System : PFMS ने की एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण में भी मदद
Public Financial Management System : PFMS ने की एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण में भी मदद

पारदर्शी वितरण सुनिश्चित हो सका

49वें सिविल अकाउंट्स दिवस पर बोलते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली ने 250 से अधिक बाहरी प्रणालियों जैसे कि जीईएम, जीएसटीआईएन, टीएफएन 2.0, एम किसान और कई दूसरे प्लेटफार्मों के साथ जुड़कर एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण में भी मदद की है। सीतारमण ने कहा, विभागीकरण से डिजिटलीकरण की यात्रा में, भारतीय सिविल लेखा सेवा ने पीएफएमएस के माध्यम से शांत क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि पीएफएमएस ने 31 श्रेणियों के कोषागारों और 40 लाख कार्यक्रम लागू एजेंसियों के एकीकरण के माध्यम से सहकारी संघवाद को मजबूत किया है, जिससे लाखों नागरिकों के लिए बिना बाधा के वित्तीय प्रबंधन संभव हुआ है और सरकारी धन का समय पर और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित हो सका है।

पारदर्शी वितरण सुनिश्चित हो सका
पारदर्शी वितरण सुनिश्चित हो सका

करों में कटौती के पक्ष में थे मोदी

वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब्राहम लिंकन का उद्धरण देते हुए केंद्रीय बजट 2025-26 को लोगों के द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का बजट बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यम वर्ग के लिए करों में कटौती के पक्ष में थे, लेकिन नौकरशाहों को इसके लिए राजी करने में वक्त लगा। सीतारमण ने कहा कि हमने मध्यम वर्ग की आवाज सुनी है, जो ईमानदार करदाता होने के बावजूद अपनी आकांक्षाओं को पूरा नहीं किए जाने की शिकायत कर रहे थे। करदाताओं की इच्छा थी कि सरकार मुद्रास्फीति जैसे कारकों के प्रभाव को सीमित करने के लिए कदम उठाए। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें राहत देने के तरीकों पर विचार करने के लिए कहा था।

Read more : SenSex Pack : सेंसेक्स पैक में सबसे ज्यादा लाभ किन कंपनियों को, आइये जानें

करों में कटौती के पक्ष में थे मोदी
करों में कटौती के पक्ष में थे मोदी

12 लाख रुपये तक की आय पर असर नहीं

सीतारमण ने कहा कि कर राहत के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री जल्द सहमत हो गए, लेकिन वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों को इसके लिए मनाने में थोड़ा समय लगा। इन अधिकारियों को कल्याण और अन्य योजनाओं को पूरा करने के लिए राजस्व संग्रह सुनिश्चित करना होता है। सीतारमण ने शनिवार को अपना आठवां बजट पेश करते हुए व्यक्तिगत आयकर सीमा में वृद्धि की घोषणा की। अब करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा, जबकि पहले यह सीमा सात लाख रुपये थी। छूट सीमा में पांच लाख रुपये की बढ़ोतरी अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है और यह 2005 और 2023 के बीच दी गई सभी कर राहतों के बराबर है।

12 लाख रुपये तक की आय पर असर नहीं
12 लाख रुपये तक की आय पर असर नहीं

8.65 करोड़ आईटीआर दाखिल किए जाते हैं हर साल

सीतारमण ने कहा कि नई दरें मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी लाएंगी और उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा जिससे घरेलू खपत, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। कटौती पर कुछ समय से काम चल रहा था। प्रत्यक्ष कर को सरल और अनुपालन में आसान बनाने की दिशा में काम जुलाई, 2024 के बजट में शुरू हो गया था। अब एक नया कानून तैयार है, जो इसकी भाषा को आसान बनाएगा, अनुपालन बोझ कम करेगा और उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल होगा। पिछले बजट के बाद मध्यम वर्ग की आवाज उठने लगी। उसे लग रहा था कि वे कर दे रहे हैं, लेकिन अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनके पास ज्यादा कुछ नहीं है। सीतारमण ने कहा कि मैं जहां भी गई,

वहां से यही आवाज आई कि हम गर्वित और ईमानदार करदाता हैं। हम अच्छे करदाता बनकर देश की सेवा करना जारी रखना चाहते हैं। लेकिन, आप हमारे लिए किस तरह की चीजें कर सकते हैं। फिर मैंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस बारे में चर्चा की, जिन्होंने मुझे यह देखने का खास काम सौंपा कि इस दिशा में क्या किया जा सकता है। भारत में फिलहाल करीब 8.65 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जाते हैं। रिटर्न दाखिल न करने वाले लेकिन टीडीएस देनदारी वाले लोगों को जोड़ने के बाद यह संख्या बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो जाती है। मुझे लगता है कि अभी दायरे से बाहर मौजूद तमाम लोगों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।

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