SugarCane Production – 50 लाख टन तक रह सकता है भंडार
SugarCane Production: चालू पेराई सीजन में चीनी उत्पादन में गिरावट का सिलसिला जारी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, चीनी उत्पादन में 18 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस गिरावट का कारण गन्ने की कम उपलब्धता, फसल में रोगों का संक्रमण, रिकवरी दर और बारिश में गिरावट को माना जा रहा है। नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज ने चालू पेराई सीजन के दौरान चीनी उत्पादन 257.50 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है। अनुमानित उत्पादन का आंकड़ा बीते साल के 315.4 लाख टन के आंकड़े से कम है। मौसम, गन्ने की कम उपलब्धता के साथ चीनी के कम रिकवरी रेट ने कुल चीनी उत्पादन को प्रभावित किया है। यह दर पिछले साल के 10.10 प्रतिशत से घटकर चालू सीजन में 9.30 प्रतिशत रह गई है। इसी तरह चालू सीजन के दौरान पेराई किए गए गन्ने की मात्रा 3122.61 लाख टन से घटकर 2767.75 लाख टन रह गई है।

महाराष्ट्र -उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गिरावट
एनएफसीएसएफ के अनुसार चीनी उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है। महाराष्ट्र में उत्पादन बीते साल के 110.20 लाख टन से घटकर 80.95 लाख टन रह गया है। वहीं,उत्तर प्रदेश में यह गिरावट 103.65 लाख टन से 92.75 लाख टन रही है। कर्नाटक में यह गिरावट 51.40 लाख टन से 41.40 लाख टन रहने का अनुमान है। इस गिरावट के साथ शुद्ध चीनी उत्पादन 261.10 लाख टन हो जाएगा। इस प्रकार सीजन के अंत में क्लोजिंग चीनी का स्टॉक लगभग 48 से 50 लाख टन रह सकता है, जो अक्टूबर और नवंबर महीने के लिए घरेलू मांग को पूरा करने के लिए काफी है। आगामी गन्ना पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन में जोरदार उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस उम्मीद को मजबूती देने का काम अनुकूल मानसून की स्थिति और महाराष्ट्र-कर्नाटक में गन्ने की बुआई में बढ़ोतरी ने किया है।
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इथेनॉल उत्पादन में कितना होगा चीनी का उपयोग
चालू सीजन में इथेनॉल उत्पादन के लिए वास्तविक चीनी का प्रावधान 32 लाख टन रहने का अनुमान है। हालांकि यह आकंड़ा 35 लाख टन चीनी के शुरुआती लक्ष्य से थोड़ा कम है। यह कमी मुख्य रूप से गन्ने के रस और बी-भारी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल के लिए मूल्य संशोधन की अनुपस्थिति के कारण है, जिससे प्रत्यक्ष चीनी उत्पादन वित्तीय रूप से अधिक आकर्षक विकल्प बन गया है।