Expiry Medicine – देहरादून के कई स्कूलों में मचा हड़कंप
Expiry Medicine: देहरादून के कई स्कूलों में बच्चों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत एक्सपायर हो चुकी दवाएं भेज दी गईं। हैरानी की बात यह है कि न तो शिक्षा विभाग ने यह चूक पकड़ी, न ही दवा भेजने वाले स्वास्थ्य विभाग ने। स्कूलों में जब शिक्षक इन दवाओं को बांटने लगे तो मामला सामने आया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सभी स्कूलों में बच्चों को कुपोषण और एनीमिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग आयरन और फॉलिक एसिड की गोलियां बांटता है। इन दिनों भी स्कूलों में यह दवाइयां बांटी जा रही हैं। ये दवाइयां स्वास्थ्य विभाग से सीधे हर ब्लाक स्तर पर भेजी जा रही हैं। वहां से सभी संकुल स्तर तक पहुंच रही हैं, जहां से सीधे स्कूलों के लिए भेजी जा रही हैं। रायपुर विकासखंड के नालापानी संकुल के कुछ स्कूलों में ये दवाएं एक्सपायरी डेट की पाई गईं, जिसमें जनवरी 2023 की एक्सपायरी डेट लिखी गई है। इसके बाद इन स्कूलों में हड़कंप मच गया। उन्होंने संकुल और बीईओ को मामले की जानकारी दी और दवाएं बच्चों को नहीं खिलाईं।
किस स्तर पर हुई चूक?
स्कूलों में बंटने वाली आयरन, फॉलिक एसिड की दवा स्वास्थ्य महानिदेशालय से दी जाती है। डीजी हेल्थ से जिलों के सीएमओ कार्यालय में यह दवाएं भेजी जाती हैं। इसके बाद संबंधित ब्लॉक के सीएचसी एवं पीएचसी पर दी जाती है। वहां से ये दवाएं शिक्षा विभाग के संकुल में पहुंचती हैं, जहां से स्कूलों को वितरित होती हैं। अब सवाल ये है कि चूक किस स्तर से हुई। कहीं संकुल में तो पुरानी दवाएं नए के साथ नहीं मिल गईं।
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सभी स्कूल हुए सतर्क
दवाएं एक्सपायरी होने की जानकारी जैसे ही स्कूलों के बीच वायरल हुई तो सभी स्कूल सतर्क हो गए। सभी दवाओं की जांच के बाद ही बच्चों को खिला रहे हैं। हालांकि इसकी भी जांच की जा रही है कि कहीं किसी स्कूल में बच्चों को ये दवाएं खिला तो नहीं दी गईं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक एक्सपायरी फॉलिक एसिड या आयरन बच्चों को देने से कई तरह के रिएक्शन हो सकते हैं। उल्टी-दस्त, शरीर पर चकत्ते, सिर दर्द, पेट दर्द, गैस, अपच आदि समस्याएं हो सकती हैं।
एक्सपायरी दवा के रैपरों की फोटो मांगी
रायपुर के बीईओ हेमलता गौड़ ने कहा कि इस तरह की कुछ शिकायतें मेरे पास आई हैं। ये बेहद गंभीर मसला है। लेकिन मैंने सभी स्कूलों से लिखित शिकायत और एक्सपायरी दवा के रैपरों की फोटो मांगी है। उसके बाद ही विभागीय स्तर से स्वास्थ्य विभाग को इसकी शिकायत की जाएगी। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत ने कहा कि इस तरह की सूचना मेरे पास भी आई है। सभी स्कूलों को दवाओं की डेट चेक कर ही बच्चों को खिलाने के लिए कहा है। साथ ही इसकी सूचना भी मांगी गई है। ये बेहद गंभीर मामला है। रायपुर अस्पताल सीएमएस डॉ. प्रताप रावत का कहना है कि एक्सपायरी डेट की दवा संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली है। अभी जो दवाएं दी जा रही हैं, उन पर मई 2026 की एक्सपायरी है। हो सकता है शिक्षा विभाग के स्तर पर देरी से दवा स्कूलों को दी गई हो। सभी फील्ड सुपरवाइजरों से दवाओं के संबंध में रिपोर्ट तलब की जा रही है।
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