Tobacco Effects: 4000 से ज्यादा जहरीले केमिकल होते हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि हर साल तंबाकू के विभिन्न उत्पादों के कई तरह से सेवन करने के चलते करीब 80 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं। निश्चित रूप में ये सभी सिर्फ तंबाकू के जहर के चलते ही जान नहीं गंवाते बल्कि तंबाकू का यह जहर जिसमें 4000 से ज्यादा जहरीले केमिकल होते हैं, सैकड़ों ऐसी वजहों की बुनियाद तैयार करते हैं जिससे इंसान का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। तंबाकू का असर न सिर्फ हमारी जिंदगी में चौतरफा होता है बल्कि हमारे तंबाकू के इस्तेमाल के कारण आने वाली पीढ़ियां भी इसका खामियाजा भुगतती हैं।
साल 1492 में पहली बार कोलंबस ने लैटिन अमेरिका के एक द्वीप देश में तंबाकू की खोज की थी और इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मानते हुए उसने तोहफे के तौर पर स्पेन के राजा के लिए तंबाकू के कुछ पौधे व पत्ते लेकर यूरोप आया था। इसके बाद से ही तंबाकू का जहर विश्वव्यापी हो गया। हालांकि साम्राज्यवादी शक्तियों ने एक जमाने में इस तंबाकू को बड़े हथियार की तरह इस्तेमाल किया और अपने अधीन देशों के लाखों लोगों को इस जहर का आदी बनाया है। धारदार दुधारी तलवार में हमेशा यह खतरा होता है कि यह जितनी खतरनाक दुश्मन के लिए होती है, उतनी ही खतरनाक खुद के लिए भी होती है। जिन साम्राज्यवादी देशों ने तंबाकू को अपने उपनिवेश देशों पर जहरीले हथियार की तरह इस्तेमाल किया, वह जहरीला हथियार उनके अपने देश वालों पर ही जाने अंजाने हो गया।

अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देश परेशान
आज की तारीख में तंबाकू के जहरीले शिकंजे से जितना ज्यादा अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देश परेशान हैं, यूरोप उससे कम नहीं है। दुनिया में इंसानी स्वास्थ्य के लिए तंबाकू सबसे बड़ा खतरा है। आज तक तंबाकू के अलावा कोई ऐसा उत्पाद नहीं हुआ जिसके चलते हर साल लाखों की तादाद में लोग मरते हों। आज तंबाकू के कारण होने वाले कैंसर से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। जैसा कि हम जानते हैं
कैंसर आज भी दुनिया का सबसे खतरनाक रोग है। जिस कारण हर साल 1 करोड़ 10 लाख के आसपास लोगों की मौत होती है। माना जाता है कि कैंसर से जितने लोगों की मौत होती है, उसमें से 30 फीसदी लोग धूम्रपान के चलते होने वाले कैंसर से मरते हैं। तंबाकू के उपभोग से इंसानों का श्वसन तंत्र फेल हो रहा है। हृदय भयानक रूप से कमजोर हो रहा है। पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र संबंधी रोगों का भी कारण यही तंबाकू है।
Read more: Long Hair Style: लंबे बाल रखना हंसी खेल नहीं…

जलवायु परिवर्तन में खतरनाक भूमिका
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया में हर 6 सेकंड में एक व्यक्ति तंबाकू के कारण मर जाता है लेकिन यह मौत सीधे-सीधे तंबाकू से होने वाले कैंसर से ही नहीं होती, इस कारण जो दर्जनों दूसरी बीमारियां पैदा हुई हैं, उसके चलते भी लोग मरते हैं। तंबाकू के कारण हर साल 35 लाख हेक्टेयर से ज्यादा उपजाऊ जमीन नष्ट हो जाती है, यह जहरीली हो जाती है। तंबाकू उद्योग के कारण हर साल वातावरण में 84 मीट्रिक टन कार्बन कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।
निश्चित रूप से यह जलवायु परिवर्तन में एक बेहद सक्रिय और खतरनाक भूमिका निभाती है। अगर कहा जाए कि तंबाकू के कारण ग्लोबल वार्मिंग बहुत तेजी से हो रही है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि तंबाकू के कारण वनों की कटाई होती है। तंबाकू के उत्पादन और इसकी प्रोसेसिंग में अरबों लीटर पानी का इस्तेमाल होता है। तंबाकू के कारण जलवायु परिवर्तन की रफ्तार तेज होती है। जलवायु में लचीलापन खत्म होता है और सबसे बड़ी बात तंबाकू के कारण पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश होता है। अगर गहराई से देखें तो तंबाकू ने इंसान के जीवन को ही नहीं बल्कि इंसान जिस वातावरण में जीवित रहता है, उसे भी बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया है।

हर साल अरबों टन कचरा पैदा होता है
तंबाकू के चलते पारिस्थितिकी तंत्र का बहुत तेजी से विनाश हो रहा है। तंबाकू ने मानव जीवन और स्वास्थ्य का न सिर्फ विनाश किया है बल्कि तंबाकू के कारण धरती का डीएनए बदल रहा है। तंबाकू के विभिन्न उत्पादों के वेस्ट से पारिस्थितिकी तंत्र बहुत बुरी तरह से छिन्न-भिन्न हो रहा है। तंबाकू उद्योग के कारण हर साल अरबों टन कचरा पैदा होता है और इससे बड़े पैमाने पर धरती जहरीली हो रही है।
तंबाकू उद्योग का कचरा और इसके उत्पादों की पैकिंग के लिए जो पैकेजिंग मटेरियल बनता है, उससे पर्यावरण का भारी नुकसान होता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सिगरेट को तैयार करने के लिए हर साल दुनिया से 60 करोड़ से ज्यादा पेड़ काटे जाते हैं। 2,200 करोड़ साफ पीने का पानी सिगरेट उद्योग की भेंट चढ़ जाता है। सिगरेट के विभिन्न उत्पादों से हर साल वातावरण में 8।40 करोड़ टन कार्बन डाईऑक्साइड जमा होती है। ये तीनों चीजें पर्यावरण के विनाश की भयावह तस्वीर पेश करती हैं और यह सब तंबाकू के विभिन्न उत्पादनों के कारण होता है।
Read more: Sports For Fitness: खेलोगे कूदोगे तो रहोगे सेहतमंद

धरती कर उर्वरा शक्ति कम हो रही
कुछ लोग तर्क देते हैं कि तंबाकू उत्पादों के कारण हर साल दुनिया के 160 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है लेकिन वे यह नहीं जानते कि तंबाकू हर साल 80 लाख लोगों को मौत की नींद सुला रही है यानी वह जितने लोगों को रोजगार देती है, उसमें से आधों का काम तमाम कर देती है। ऐसे में तंबाकू को रोजगार के साथ जोड़ना नासमझी है।
भारत के लैंडफिल में हर साल 100 अरब से ज्यादा सिगरेट बड्स इकट्ठे हो रहे हैं। जहां धरती कर उर्वरा शक्ति कम हो रही है वहीं सिगरेट के बड्स एक बिल्कुल नये तरह का कचरा है क्योंकि ये नॉन बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक से बनता है और इसके विघटित होने में दर्जनों साल लग जाते हैं। इसलिए तंबाकू सिर्फ इंसान के लिए ही नहीं बल्कि वातावरण के लिए उतना ही खतरनाक है।
- Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला - March 7, 2025
- Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग - March 7, 2025
- Medha Tadpatrikar and Shirish Phadtare : इको फ्रेंडली स्टार्टअप से सालाना 2 करोड़ का बिजनेस - March 6, 2025