Airstrikes On Houthis: हूथी विद्रोहियों के खिलाफ शामिल हुए ये देश; जानिये आखिर क्यों यूएस और ब्रिटेन ने किया हमला
Airstrikes On Houthis : हूथी विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका ब्रिटैन के साथ साथ कई अन्य देशों ने भी युद्ध की शुरुआत कर दी है। हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर एक साझे प्रयास में गुरुवार के दिन यमन स्थित कई हूथी ठिकानों पर अपनी सेनाएं भेजकर हमला (Airstrikes On Houthis) किया है। ये हमला एक दर्जन से भी अधिक हूथी ठिकानों पर किया गया है। जिन्हे ध्वस्त करने के लिए हवा, सतह और उप प्लेटफार्मों से मिसाइलों को दागा गया है।
Airstrikes On Houthis
दुनिया की दो बड़ी ताकतों जिनमे एक अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर हूथियो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा ये कदम उठाये जाने के पीछे लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों के खिलाफ अभूतपूर्व हूथी हमले हैं। जिनकी सीधी प्रतिक्रिया के तौर पर ये जवाबी हमले किये गए हैं। रात भर में एक के बाद एक 16 हमले किये गए जिससे हूथियों में हड़कंप मच गया गया था।
हूथियों द्वारा काफी समय से लाल सागर पर बार बार मालवाहक जहाज़ों को निशाना बनाया जा रहा था। जिसकी वजह से लाल सागर पर हूथियों के आतंक को खत्म करने के उद्देश्य से अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर साझे ऑपरेशन के जरिये यमन पर हूथियों के विभिन ठिकानों पर हमला बोल दिया। उन्होंने हूथियों के हथियारों के जखीरे वाले ठिकानों पर लड़ाकू विमानों और टॉमहॉक मिसाइलों से हमले किये। ।
हूथी विद्रोहियों के खिलाफ शामिल हुए ये देश
आप की जानकारी के लिए बता दें की जिन क्षेत्रो में हमला किया गया है वहां से कुछ दूरी पर है स्वेज नहर, जहाँ से होने वाले व्यापार में 44 % तक की कमी आई है। और वजह है हूथियों द्वारा किये जाने वाले हमले। इसलिए इन हमलों को रोकने के लिए कई देश एकजुट हो गए। इन देशों के नाम है – अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, बेहरीन बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नेथरलैंड, जापान, न्यूजीलैंड और साउथ कोरिया। और इन सभी देशों ने मिलकर ऑपरेशन प्रोस्पेरिटी गार्जियन (Operation Prosperity Guardians) लांच किया। और हूथियों के खिलाफ उनके ठिकानों को निशाना बनाया गया। साथ ही सभी देशों द्वारा ये भी चेतावनी जारी की गयी कि यदि इसके बाद भी हूथियों के हमले नहीं रुके तो इससे ही बड़े कदम उठाये जाएंगे।
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हूथियों को ईरान का सपोर्ट ?
बताते चलें कि हूथी विद्रोहियों ने इंटरनेशनल शिपिंग पर 27 हमले किये जिसके चलते 50 से भी अधिक देश प्रभावित हुए हैं। इसके अतिरिक्त समुद्री डकैती के तौर पर 20 से अधिक देशों के क्रू को धमकाया और बंधक बना लिया गया था। हूथियों के पास बहुत से हथियारों के जखीरे हैं जिसके दम पर उसने लाल सागर पर आतंक मचाया था। इनके हथियारों के जखीरे में बहुत सी ऐसी मिसाइल हैं जिनकी पहचान ईरान में बनी मिसाइलों के तौर पर की गई है। ईरान एक ऐसा देश है जिस पर इस बात का संदेह है की वो हूथियों की तरफदारी करता है और उन्हें हथियार उपलब्ध कराता है। माना जाता है कि ईरान और हूथियों की वैचारिकता सामान होने के चलते वो एक दुसरे को सपोर्ट करते हैं। अमेरिका और सऊदी अरब को हूथी अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं।
हूथियों पर हुए काउंटर अटैक के बाद अब इराक में अमेरिका के दूतावास पर पर हमले की खबर आयी है।
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