America-China Trade War – स्वीकार नहीं करेगा, दृढ़तापूर्वक जवाबी कदम उठाएगा
America-China Trade War: चीन ने धमकी दी कि वह चीनी हितों की कीमत पर अमेरिका के साथ व्यापार समझौते करने की कोशिश करने वाले देशों पर जवाबी कार्रवाई करेगा। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह टिप्पणी उन रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए की, जिनमें कहा गया था कि अमेरिका, शुल्क छूट के बदले में चीन के साथ व्यापार संबंधों को सीमित करने के लिए अन्य देशों पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है। प्रवक्ता ने बयान में कहा कि चीन, अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों के बीच चीनी हितों की कीमत पर किए जाने वाले किसी भी समझौते का दृढ़ता से विरोध करता है। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो चीन इसे स्वीकार नहीं करेगा और दृढ़तापूर्वक इसके अनुरूप जवाबी कदम उठाएगा। इसमें कहा गया है कि चीन को समाधान करने का अधिकार है और अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने की क्षमता भी है।

दर्जनों देशों पर दबाव बनाने की योजना
प्रवक्ता ने कहा कि तथाकथित ‘जवाब’ की आड़ में, अमेरिका हाल ही में अपने सभी व्यापारिक साझेदारों पर मनमाने ढंग से शुल्क लगा रहा है तथा उन पर तथाकथित ‘जवाबी शुल्क’ वार्ता में शामिल होने के लिए दबाव डाल रहा है। उन्होंने कहा कि यह मूलतः ‘प्रतिक्रिया’ के बैनर का इस्तेमाल आधिपत्यवादी राजनीति और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था एवं व्यापार के क्षेत्र में एकतरफा धौंस जमाने के बहाने के रूप में किया जा रहा है। चीन का यह कड़ा रुख उन रिपोर्ट के बीच आया है जिनमें कहा गया है कि कई देश, जिनके खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुल्क लगाए थे, अब आकर्षक अमेरिकी बाजार तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से अपने निर्यात को बहाल करने के लिए उसके साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करना चाह रहे हैं। ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने पिछले सप्ताह कहा था कि अमेरिका शुल्क वार्ता का उपयोग करके दर्जनों देशों पर दबाव बनाने की योजना बना रहा है ताकि वे चीन के साथ व्यापार पर नए अवरोध लगा सकें। जापान और आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन) सहित कई देशों का चीन और अमेरिका दोनों के साथ लाभदायक व्यापार है।
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अब अधिकारियों पर लगाए प्रतिबंध
चीन ने हांगकांग के मुद्दों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अमेरिकी अधिकारियों सांसदों और गैर-सरकारी संगठनों के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह कदम अमेरिका द्वारा छह चीनी और हांगकांग अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए जाने के जवाब में उठाया गया है। चीन का कहना है कि अमेरिका ने हांगकांग के मामलों में गंभीर रूप से हस्तक्षेप किया है और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। जानकारी दें कि इसी साल मार्च के महीने में अमेरिका ने छह चीनी और हांगकांग अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे, जिन पर आरोप था कि वे अंतरराष्ट्रीय दमन में शामिल थे और शहर की स्वायत्तता को और अधिक नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों में शामिल थे।

दोनों देशों के बीच गहरा सकता है विवाद
जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था उनमें न्याय सचिव पॉल लैम, सुरक्षा कार्यालय निदेशक डोंग जिंगवेई और पूर्व पुलिस आयुक्त रेमंड सिउ शामिल थे। अब अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में चीन ने कहा कि हम इन कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं। चीनी विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि अमेरिका ने हांगकांग के मामलों में गंभीर रूप से हस्तक्षेप किया है और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि चीन ने हांगकांग से संबंधित मुद्दों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और एनजीओ नेताओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रतिक्रिया विदेशी प्रतिबंध विरोधी कानून के अनुसार की गई है। हालांकि उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी कि किसे निशाना बनाया जा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के बाद यह स्पष्ट है कि अमेरिका और चीन के बीच हांगकांग मुद्दे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ सकता है।