Kerala Politics – मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगे
Kerala Politics: केरल विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विपक्ष के नेता वीड। सतीशन के बीच तीखी बहस के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाते हुए विपक्षी दलों के गठबंधन यूडीएफ के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष एएन शमसीर के आसन के बेहद करीब आ गए और एक बैनर लहराया, जिससे सदन में बैठे सदस्यों को उनका चेहरा नहीं दिख पा रहा था। इस पर विजयन ने विपक्ष की निंदा की।

अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी
इस बीच, हंगामा और नारेबाजी बढ़ने तथा बार-बार अनुरोध के बावजूद कांग्रेस नीत यूडीएफ सदस्यों के अपनी अपनी सीटों पर नहीं लौटने के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। मलप्पुरम के बारे में मुख्यमंत्री द्वारा कथित तौर पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के संबंध में विपक्ष के कार्यस्थगन नोटिस पर चर्चा करने का सरकार का निर्णय वापस ले लिया गया। सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई, जब नाराज विपक्ष ने 49 तारांकित प्रश्नों को गैर-तारांकित प्रश्नों में बदलने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष एएन शमशीर के समक्ष नाराजगी व्यक्त की।
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टिप्पणियों का जवाब देने की कोशिश
प्रश्नकाल का बहिष्कार करने के बाद विपक्षी दलों के सदस्य शून्यकाल शुरू होने से ठीक पहले सदन में वापस आ गए। सदन में एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया जब विपक्ष के नेता सतीशन ने उनकी अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री एमबी राजेश द्वारा उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों का जवाब देने की कोशिश की। विपक्ष के नेता ने विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने सदन के रिकॉर्ड और ‘सभा टीवी’ से उनकी टिप्पणियों को हटा दिया जबकि मुख्यमंत्री और मंत्री द्वारा उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को बरकरार रखा।
बाद में सदन में मुख्यमंत्री विजयन और विपक्ष के नेता सतीशन के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली और दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष के नेता के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणियों को उचित ठहराने का भी प्रयास किया। इसके बाद नाराज विपक्षी सदस्यों ने सदन में विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण अध्यक्ष ने अन्य सूचीबद्ध कार्य स्थगित कर दिए और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

विरोध प्रदर्शन के दृश्य प्रसारित नहीं किए
विधानसभा के प्रसारक ‘सभा टीवी’ ने विरोध प्रदर्शन के दृश्य प्रसारित नहीं किए। विपक्षी सदस्य बाद में बैनर लेकर और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गए। सतीशन ने कहा कि सदन में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं। विपक्ष द्वारा देश और राज्य के हितों से संबंधित बड़ी संख्या में प्रस्तुत तारांकित प्रश्नों को अतारांकित प्रश्नों में बदल दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय का एक अधिकारी प्रश्नों की स्थिति बदलने के लिए विधानसभा सचिवालय आया था।
विधानसभा के रिकॉर्ड से उनकी टिप्पणियों को हटाने और ‘सभा टीवी’ द्वारा उनके भाषण के अंश को काटने आदि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री एक ‘फासीवादी’ की तरह काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। उधर, कानून मंत्री पी। राजीव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यूडीएफ सदस्यों ने सदन में मलप्पुरम पर निर्धारित चर्चा से बचने के लिए जानबूझकर हंगामा किया।
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