Lalan Singh Resign: फूट की अटकलों पर लगा विराम
Lalan Singh Resign: जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शुक्रवार को हुई बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। जद(यू) के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी ने कहा कि राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ललन सिंह ने कार्यकारिणी की बैठक में बताया कि वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसके मद्देनजर अपनी व्यवस्तता को देखते हुए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। सिंह ने मुख्यमंत्री से अध्यक्ष का पद संभालने का अनुरोध किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
147 सांसदों को निलंबित किए जाने का एक निंदा प्रस्ताव
जद (यू) सांसद रामनाथ ठाकुर ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में एक राजनीतिक प्रस्ताव, बिहार में जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद करने का एक प्रस्ताव और संसद से 147 सांसदों को निलंबित किए जाने का एक निंदा प्रस्ताव पेश किया गया। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के भीतर अधिकांश प्रमुख नेताओं का मानना था कि कुमार को 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण समय में संगठन की कमान संभालनी चाहिए। पार्टी विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है। कुमार के साथ हाल में हुई बातचीत में पार्टी के भीतर कई नेताओं ने सिंह की नेतृत्व शैली की आलोचना की थी।
सिंह ने इअफवाह बताया था
इसके पहले ललन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी। हालांकि सिंह ने इसे अफवाह बताया था। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले और फूट की अटकलों को लेकर बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कहा था, ‘‘कोई चिंता मत करिए, सब सामान्य है। साल में एक बार बैठक की परंपरा है, तो सामान्य है, ऐसा कुछ खास नहीं है।’’ वहीं अटकलों के बीच सुबह ललन सिंह बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुंचे थे। वहां से दोनों साथ में बैठक के लिए निकले थे। हालांकि पार्टी मुखिया नीतीश कुमार इन सभी अटकलों को खारिज कर चुके थे और उन्होंने इसे बीजेपी की फैलाई हुई अफवाह करार दिया था।
पार्टी में टूट को लेकर बेचैन हैं नीतिश : बीजेपी
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में दावा किया था कि नीतीश कुमार अपने पार्टी चीफ ललन सिंह की अपने सहयोगी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ निकटता से असहज थे और पार्टी में टूट को लेकर बेचैन भी थे। सुशील कुमार मोदी पहले, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में पूर्व उपमुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं और उन्हें करीब से जानते हैं।
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