TMC Leader Mahua Moitra: TMC सांसद को संपदा निदेशालय का बड़ा झटका
TMC Leader Mahua Moitra: हाल ही में तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा को घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। अब संपदा निदेशालय ने महुआ मोइत्रा को नोटिस जारी कर सरकारी बंगला तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सरकारी बंगला खाली करने और जरूरत पड़ने पर “बल प्रयोग” की भी चेतावनी दी गई है। उधर, महुआ मोइत्रा के वकीलों का तर्क है कि टीएमसी नेता वह लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं। सांसदों को आम चुनाव से पहले संसद सत्र के आखिरी दिन से लेकर नतीजों के दिन तक अपने घरों में रहने की अनुमति है, महुआ को उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है, इसलिए यह उन पर भी यह लागू होना चाहिए। यह बंगला महुआ को सांसद के तौर पर आवंटित किया गया था। लेकिन सांसदी जाने के बाद इसका आवंटन भी रद्द कर दिया गया था।
‘यूजर आईडी और पासवर्ड’ शेयर करने का आरोप
महुआ को पिछले साल 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। इससे पहले मोइत्रा का आवंटन रद्द करते हुए उन्हें सात जनवरी तक बंगला खाली करने को कहा गया था। उनको कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर महंगे गिफ्ट लेकर उनके साथ संसद की वेबसाइट की ‘यूजर आईडी और पासवर्ड’ शेयर करने के आरोप में पिछले साल आठ दिसंबर को ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी ठहराया गया था और लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। अब महुआ से सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है।
कोर्ट जाने का मौका भी दिया
संपदा विभाग ने कहा है कि बंगला खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया गया। कोर्ट जाने का मौका भी दिया। लेकिन, वहां से राहत नहीं मिली। ऐसे में अब अगर बंगला खाली नहीं किया तो बलपूर्वक खाली करा लिया जाएगा। इससे पहले सरकारी बंगले का आवंटन रद्द होने के बाद महुआ को 7 जनवरी तक घर खाली करने के लिए कहा गया था। इस बीच उन्होंने अदालत का भी सहारा लिया था। लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। लिहाजा वे तुरंत बंगला खाली कर दें। संपदा निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम अब यह सुनिश्चित करने के लिए भेजी जाएगी कि सरकारी बंगला जल्द से जल्द खाली कराया जाए।
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दिल्ली हाई कोर्ट भी गईं थीं
इससे पहले महुआ ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। 4 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने महुआ से कहा था कि वो संपदा निदेशालय से संपर्क कर अनुरोध करें कि उन्हें आवंटित सरकारी आवास में रहने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने मोइत्रा को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी और कहा कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। संपदा निदेशालय को मामले पर फैसला करना चाहिए। कानून किसी निवासी को बेदखली से पहले नोटिस जारी करने का आदेश देता है और सरकार को कानून के अनुसार याचिकाकर्ता को बेदखल करने के लिए कदम उठाना होता है। महुआ मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट का यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने का दोषी पाया गया है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा ने एक्शन लिया और पिछले साल 8 दिसंबर को महुआ की सदस्यता रद्द कर दी थी। महुआ को ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी ठहराया था।