Vijay Malya News : लोन सिर्फ 6203 करोड़ का, वसूली 8 हजार करोड़ की
Vijay Malya News – पिछले दिनों वित्तमंत्री ने बताया था कि बैंक कर्जों के बदले विजय माल्या की संपतियां बेचने से मिले 14,131 करोड़ रुपये बैंकों को दे दिए गए हैं। इसके बाद से ही माल्या कह रहे हैं कि उनका लोन तो सिर्फ 6203 करोड़ रुपये का था, फिर भी मुझसे करीब 8 हजार करोड़ की अधिक वसूली की गई है, इसलिए अब सरकार को मुझे राहत देनी चाहिए और मुकदमे वापस लेने चाहिए। एक बार फिर उन्होंने ऑल इंडिया बैंक इंप्लॉई एसोसिएशन (एआईबीईए) के द ग्रेट हेयर कट स्टोरी शीर्षक के एक पंफ्लेट को साझा करते हुए सरकार को चिढ़ाया है।
लोन खातों को भारी छूट देकर सेटल किया
असल में इस पंप्लेट में बताया गया है कि किस तरह से बैंकों ने 13 कंपनियों के लोन खातों को भारी छूट देकर सेटल किया है। इस छूट को ही हेयरकट कहा जाता है। असल में जब किसी कर्ज लेने वाले से ऋण की असली राशि को रिकवर करना असंभव लगता है तो बैंक उसे छूट देकर किसी राशि पर उससे समझौता या सेटलमेंट करके उसके ऋण खाते को बंद कर देते हैं। इस पंफ्लेट के मुताबिक 13 खातों में बकाया 4,46,800 करोड़ के बदले सिर्फ 1,61,820 करोड़ की ही वसूली की गई।
जो बकाया राशि से 64 फीसदी कम है। इससे बैंकों को 2,84,960 करोड़ का भारी नुकसान हुआ। बैंकों द्वारा किए जाने वाला यह हेयर कट हमेशा ही विवादों में रहा है, क्योंकि इसे लेकर कोई तय मापदंड नहीं हैं। यह बैंक के विवेक पर निर्भर है। बैंक यूनियन के इस पंफ्लैट के मुताबिक शिवशंकरन इंडस्ट्रीज व एबीसी शिपयार्ड को सर्वाधिक 95% की छूट दी गई। उनके अलावा वीडियोकॉन को भी 94 प्रतिशत की छूट मिली।
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‘आर्थिक अपराधी’ का ठप्पा लगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया था कि सरकारी बैंकों (PSBs) ने माल्या से जुड़ी संपत्तियों की बिक्री से 14,131.6 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। इसके जवाब में माल्या ने कहा कि बैंकों ने 6,203 करोड़ रुपये के मुकाबले 14,131.6 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ED और बैंकों को देय राशि से दोगुनी से ज्यादा रकम वसूलने का कानूनी आधार क्या है? माल्या ने कहा, ‘दोगुने से ज्यादा कर्ज की वसूली के बावजूद मुझ पर ‘आर्थिक अपराधी’ का ठप्पा लगा हुआ है।
जब तक ED और बैंक इसे कानूनी रूप से सही नहीं ठहराते, मैं राहत का हकदार हूं।’ माल्या को फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट के तहत भगोड़ा घोषित किया गया है। 2016 में वित्तीय अनियमितताओं और अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित बकाया कर्ज के आरोपों के बीच वह भारत से भाग गए थे। माल्या ने वित्त मंत्री के दावे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) ने KFA (किंगफिशर एयरलाइंस) के कर्ज को 6,203 करोड़ रुपये तय किया था। इसमें 1,200 करोड़ रुपये ब्याज के शामिल थे।
वित्त मंत्री ने संसद में घोषणा की कि ईडी के माध्यम से बैंकों ने मुझसे 6,203 करोड़ रुपये के फैसले के मुकाबले 14,131.60 करोड़ रुपये वसूल किए हैं और मैं अभी भी एक आर्थिक अपराधी हूं। जब तक ईडी और बैंक कानूनी रूप से यह साबित नहीं कर सकते कि उन्होंने कर्ज से दोगुना से ज्यादा कैसे लिया है, मैं राहत का हकदार हूं, जिसके लिए मैं लड़ता रहूंगा।’

संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई
निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया है कि केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसी ने लगभग 22,280 करोड़ रुपये की संपत्तियां सफलतापूर्वक बहाल की हैं – जिसमें केवल प्रमुख मामले शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि इनमें से भगोड़े व्यापारी विजय माल्या की 14,131.6 करोड़ रुपये की पूरी कुर्क की गई संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है। एक अन्य भगोड़े नीरव मोदी के मामले में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों को 1,052.58 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए हैं।
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) घोटाले में 17.47 करोड़ रुपये प्राप्त किए गए हैं और बैंकों को दिए गए हैं। SRS समूह से 20.15 करोड़ रुपये, रोज वैली समूह से 19.40 करोड़ रुपये, सूर्या फार्मास्यूटिकल्स से 185.13 करोड़ रुपये, नौहेरा शेख और अन्य (हीरा समूह) से 226 करोड़ रुपये, नायडू अमृतेश रेड्डी और अन्य से 12.73 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी और अन्य से संबंधित 2,565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियां बहाल की गई हैं।
कुर्क की गई संपत्तियों और बाद में उन्हें बैंकों को सौंपने के इन आंकड़ों का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने किसी भी आर्थिक अपराधी को नहीं छोड़ा है। उन्होंने उत्तर के दौरान लोकसभा में कहा, ‘यह मान्यता देना महत्वपूर्ण है कि हमने आर्थिक अपराधों में किसी को भी नहीं छोड़ा है। हम उनके पीछे हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जो पैसा बैंकों को जाना है वह वापस जाए।’ केंद्रीय मंत्री ने आर्थिक विकास के बारे में आशा जताते हुए कहा कि दूसरी तिमाही के GDP विकास के सुस्त आंकड़े ‘अस्थायी गिरावट’ थे।