Indian Tourism: दुनिया की पर्यटन इंडस्ट्री के लिए उम्मीद बनकर उभरे भारतीय
एक सर्वे से यह बात स्पष्ट होती है कि देश के भीतर घूमने-फिरने वाले भारतीय, ऐसा नहीं है कि विदेश पर्यटन के लिए नहीं जाना चाहते। दरअसल वे फिलहाल विदेश इसलिए नहीं जा रहे क्योंकि अभी उनका बजट इसकी इजाजत नहीं देता लेकिन अगर विश्व की विभिन्न आर्थिक संस्थाओं के अनुमानों के मुताबिक भारत अगले एक दशक तक लगातार पांच या इससे ज्यादा प्रतिशत की विकास दर के साथ आगे बढ़ता रहा तो साल 2040 तक देश की 80 फीसदी आबादी इस हैसियत में आ जायेगी कि वह विदेश पर्यटन कर सके।
यही कारण है कि दुनिया के ज्यादातर देश भारतीयों को अपने यहां घूमने-फिरने के लिए आकर्षित कर रहे हैं क्योंकि जिन देशों में पहले से ही पर्यटन एक बड़ी और सघन इंडस्ट्री के रूप में विकसित है, उन देशों को भले इतनी जरूरत न हो लेकिन जिन देशों में पर्यटक अभी कम आते हैं या वे चाहते हैं कि ज्यादा विदेशी पर्यटक आयें जिससे उनकी अर्थव्यवस्था बढ़े। ये देश भारतीय पर्यटकों को एक उम्मीद के रूप में देखते हैं।

फ्रांस में 9 करोड़ लोग हर साल आते हैं
दुनिया में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक जिस देश में जाते हैं, वह फ्रांस है। यहां करीब 9 करोड़ लोग हर साल घूमने आते हैं जबकि भारत में अभी औसतन 80 से 90 लाख ही विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं। कोरोना के पहले यह आंकड़ा 1।62 करोड़ तक पहुंच चुका है और कोरोना के बाद भी इसने एक करोड़ को छू लिया है लेकिन जिस तरह साल 2020-21 पर्यटन इंडस्ट्री के ब्लैक ईयर रहा है उसके कारण पर्यटकों का दशकीय औसत गड़बड़ा गया है।
हालांकि अब भारतीय पर्यटक दुनिया के पर्यटन व्यवसाय की आंखों में चमक ला दी है क्योंकि हाल के सालों में भारतीय पर्यटकों में जो एक खूबी बनती देखी गयी है, वह यह है कि भारतीय पर्यटक भी बड़े पैमाने पर चीनी पर्यटकों की तरह ही घूमने-फिरने में दिल खोलकर पैसा खर्च करते हैं।
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छिपी हुई ताकत हैं छात्र
फिलहाल इस मामले में भारत के पर्यटक पहले पांच देशों के पर्यटकों में नहीं आते लेकिन विश्व पर्यटन इंडस्ट्री का आंकलन है कि अगले 12 से 14 सालों के भीतर न सिर्फ भारतीय पर्यटकों की संख्या में बल्कि उनके पर्यटन चरित्र में भी आमूलचूल बदलाव देखा जायेगा। इस तरह भारत के लोग अब दुनिया की पर्यटन इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी उम्मीद बनकर उभरे हैं।
भारतीय पर्यटकों के संबंध में एक छिपी हुई ताकत यह है कि करीब 12 लाख जो भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ते हैं और करीब 80 लाख ऐसे भारतीय जो विदेशों में काम करते हैं, साथ ही हर साल इनसे विदेश मिलने जाने वाले इनके परिजन भी तो बिना पर्यटकों के रूप में दर्ज उर्वर पर्यटक ही हैं? ये सारे तथ्य बताते हैं कि भारतीय जबरदस्त संभावनाओं से भरपूर पर्यटक हैं।

62 देश में भारतीयों को वीजा फ्री एंट्री
हाल ही में नई दिल्ली स्थित ईरान की एंबेसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय पर्यटकों के लिए ईरान ने वीजा फ्री एंट्री कर दी है। इसका मतलब यह है कि अब वे भारतीय पर्यटक जो हवाई जहाज के रास्ते ईरान घूमने-फिरने जाना चाहते हैं उन्हें 15 दिनों के लिए किसी तरह के वीजा की जरूरत नहीं होगी यानी उन्हें अपना बैग पैक करना है, जेब में पासपोर्ट रखना है और एयरपोर्ट जाकर टिकट खरीदनी है और अगले 15 दिनों तक के लिए बेफिक्र होकर ईरान फुर्र हो जाना है। ईरान ऐसा अकेला देश नहीं है जिसने हाल ही में भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा फ्री एंट्री का प्रावधान किया है। सच तो यह है कि इस समय दुनिया में 62 देश ऐसे हैं जहां भारतीय पर्यटकों की वीजा फ्री एंट्री है और इन देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, जॉर्डन, कजाखिस्तान से लेकर हाल ही में अंदमान का मजाक उड़ाने वाला मालदीव भी है। साथ ही श्रीलंका, मॉरीशस, कतर, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, त्रिनिदाद व टोबैगो सहित दर्जनों दूसरे देश भी हैं।
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पलक पांवड़े बिछाए हुई है दुनिया
वास्तव में दुनिया में भारत की बढ़ती साख और हिंदुस्तानियों की बढ़ती खर्च करने की हैसियत के कारण आज हर देश भारतीय पर्यटकों को लुभा रहा है जबकि भारत के मुकाबले हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए सिर्फ दुनिया के 34 देश ही वीजा फ्री एंट्री दे रहे हैं। इन 34 देशों में भी दुनिया के ज्यादातर छोटे-छोटे गरीब और टापुओं में बसे देश हैं। ज्यादातर इस्लामिक देश भी पाकिस्तानियों को अपने यहां बुलाने के इच्छुक नहीं लगते।
दूसरी तरफ पूरी दुनिया भारतीय पर्यटकों के लिए पलक पांवड़े बिछाए हुए है क्योंकि विश्व पर्यटन के नक्शे में भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि अभी भी हम दुनिया के 10 सर्वोच्च पर्यटन के लिए जाने वाले देशों में 10वें नंबर पर ही हैं। फिर भी साल 2017 में पूरी दुनिया में जो भारतीय पर्यटक घूमने गए थे, उनकी संख्या 2।39 करोड़ थी और पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक इस संख्या में लगातार 10 से 12 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है जो सबसे बड़ा आकर्षण का विषय है।

चीनीयों की संख्या में आएगी गिरावट
दुनिया में सबसे ज्यादा घूमने-फिरने के शौकीन चीनी हैं। साल 2019 में 16 करोड़ चीनी विदेश घूमने गए थे लेकिन चीनी पर्यटकों का पर्यटन रुझान बताता है कि अब उनकी संख्या में आने वाले सालों में गिरावट आनी है। शायद एक वजह यह भी है कि चीन अनुमान से कहीं ज्यादा तेजी से बूढ़ी आबादी वाले देश में बदल रहा है क्योंकि वहां औसतन हर साल 6 से 9 लाख बच्चों का जन्म कम हो रहा है। दूसरी तरफ भारत में अगले 2040 तक न सिर्फ लगातार जनसंख्या का बढ़ते रहना तय है बल्कि भारतीयों की पर्यटन प्रवृत्ति में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक साल 2024 में करीब साढ़े तीन करोड़ भारतीय विदेश पर्यटन के लिए जाएंगे जबकि पर्यटन इंडस्ट्री के प्रोजेक्शन के मुताबिक साल 2040 से 20 करोड़ भारतीय हर साल पर्यटन के लिए विदेश जाया करेंगे। यह इसलिए आश्चर्यजनक नहीं लगता क्योंकि आज भी कम से कम 60 करोड़ भारतीय पर्यटन के लिए अपने घरों से निकलते हैं। यह अलग बात है कि 56।5 करोड़ भारतीय पर्यटन के लिए विदेश जाने की बजाय भारत में ही घूमते-फिरते हैं।
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