Illegal Mining Case: धन शोधन रोकथाम अधिनियम के के तहत छापेमारी
Illegal Mining Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने झारखंड में कथित अवैध खनन में धन शोधन की जांच के तहत राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारियों और एक पूर्व विधायक के परिसरों पर बुधवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि झारखंड में कई स्थानों समेत राज्य की राजधानी रांची और राजस्थान में एक परिसर पर धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत केंद्रीय एजेंसी छापेमारी कर रही है।
सशस्त्र दल भी साथ में था
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी के अधिकारी सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, साहिबगंज के जिलाधिकारी, पूर्व विधायक पप्पू यादव, जेल विभाग के कुछ अधिकारियों और एक पुलिस कांस्टेबल के परिसरों की तलाशी ली है। छापेमारी की कार्रवाई के दौरान ईडी अधिकारियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों का एक सशस्त्र दल भी साथ में है।
अभिषेक प्रसाद से पूछताछ
इससे पहले ईडी इस मामले में अभिषेक प्रसाद से पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों ने कहा कि ये कार्रवाई मामले में नयी सूचना मिलने के बाद की गई। छापेमारी ऐसे दिन हुई है जब राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक कथित रूप से जमीन हड़पने के मामले में मुख्यमंत्री को ईडी के समन की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए यहां बैठक कर रहे हैं।
सोरेन सरकार को गिराना उद्देश्य – सहाय
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि ईडी के छापे सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सभी प्रयासों का उद्देश्य सोरेन सरकार को गिराना है। उन्होंने कहा कि वह पिछले लगभग चार दशक से राजनीति में हैं लेकिन सरकारी एजेंसियों का इतना खुला दुरुपयोग कभी नहीं देखा।
100 करोड़ की ‘आपराधिक आमदनी’ की जांच
ईडी 2022 से राज्य में कथित अवैध खनन से अर्जित 100 करोड़ रुपये की ‘आपराधिक आमदनी’ के स्रोत की जांच कर रही है। धन शोधन की जांच तब शुरू हुई जब ईडी ने जुलाई, 2022 में राज्य में अवैध खनन के मामले में सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों के परिसरों पर छापा मारा और टोल प्लाजा निविदाओं के संचालन में कथित अनियमितताओं और राज्य में अवैध खनन की घटनाओं की जांच के तहत झारखंड के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा में 19 स्थानों पर छापेमारी की।
डिजिटल सबूत और दस्तावेज बने साक्ष्य
ईडी ने कहा था कि जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य में विभिन्न व्यक्तियों के बयान, डिजिटल सबूत और दस्तावेज शामिल हैं। एजेंसी के अनुसार इन सबूतों से पता चला कि आरोपियों से जब्त की गई धनराशि वन क्षेत्र सहित साहिबगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किए जा रहे अवैध खनन से प्राप्त की गई थी।
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