National Girl Child Day 2024: जानिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के बारे में
National Girl Child Day 2024 : वैसे तो आज के समय में मनुष्य चाँद -तारो तक पहुंच चूका है और ना जाने कितने ही असंभव लगने वाले काम आज के समय में मनुष्य पुरे कर चूका है। परंतु एक चीज जो आज भी नहीं बदली वह हैं बालिकाओ तथा महिलाओ के प्रति समाज का नजरिय। पहले भी बालिकाओ को बालको कि तुलना में कम में समझा जाता था और आज भी कम ही समझा जाता हैं।
आज भी बालिकाओ के लिए स्थिति सुधरने की जगह बिगड़ ही रही हैं। राष्ट्रिय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में महिलाओ के खिलाफ अपराधों में तकरीबन 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई हैं। आय दिन टीवी पर बच्चियों से हो रहे दुष्कर्मो की खबरे आती हैं। जिन्हे सुन कर हर किसी का मन दुखी हो जाता हैं। देश के कई हिस्सों में तो आज भी भूर्ण कि जांच कर के बच्चियों को गर्भ में ही मार दिया जाता हैं।
बालिकाओ व महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से उन्हें सावधान करने के लिए और उन्हें इन अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाया जाता हैं। इसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों और समानताओं के प्रति जागरूक करना है। राष्ट्रीय बालिका दिवस के माध्यम से समाज को बेटियों के सम्मान के प्रति जागरूक करने कोशिस की जाती हैं।
बालिका दिवस मनाने का मुख्य उदेश्य?
बालिकाओ और महिलाओं के साथ सिर्फ बहार ही बल्कि अपने खुद के ही घर में भी वह भेदभाव, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न आदि का शिकार अक्सर होती हैं। इसलिए यह बहुत जरुरी हैं कि देश कि हर एक बेटी को शिक्षित किया जाये और यह हम सब का पहला दायत्व होना चाहिये।
बालिका दिवस के दिन ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’,’ सेव द गर्ल चाइल्ड’ जैसी बातो को बढ़ावा दिया जाता हैं। बालिकाओ के लिए आरक्षण,मुप्त शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नए-नए अवसर प्रदान करना इस दिन का उदेश्य होता हैं। इसके अलावा इस दिन का मुख्य उदेश्य लोगों में बालिकाओ और महिलाओं के प्रति होने वाली असमानता के बारे में जागरूकता फैलाना और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ाना हैं। इस दिन विभिन जगहों पर कार्यक्रम किया जाते हैं जिन में बलिकाओं को बचाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है। उपरोक्त बातो को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाया जाता हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास:
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत 24 जनवरी 2008 में बाल विकास मंत्रालय ने की थी। दरअसल 24 जनवरी 1966 को देश की पहली महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप शपथ ली थी। इसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने 24 जनवरी को महिला सशक्तिकरण के रूप में चुना था। तभी से हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। जिसका मुख्य उदेश्य बालिकाओ को शसक्त करना और उन्हें शिक्षित करना हैं। इसका उदेश्य लोगों में बालिकाओ के प्रति सम्मान को बढ़ाना हैं।ताकि उन्हें समाज में बराबर का सम्मान मिल सके।
हमारे देश में अक्सर लड़कियों को बहुत छोटी उम्र से ही पढ़ाई-लिखाई छुड़वाकर घर का काम और शादी करने के लिए बजबूर करा जाता है। जिस वजह से वे शिक्षा हासिल नहीं कर पाती इसलिए उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं चल पता और वे जीवन भर अत्याचार सहन करती रह जाती हैं। इसलिए इस दिन सरकार हर बालिका को समानता और सम्मान के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहती हैं। इसलिए बालिका दिवस के दिन जागरूकता अभियान का आयोजन सरकार द्वारा किया जाता हैं।भारत में प्रतिवर्ष जहाँ 24 जनवरी को बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है, वहीं अंतरास्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the girl child) हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है।
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