Pahalgam Terrorist Attack – पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका
Pahalgam Terrorist Attack: आखिरकार कोलंबिया ने अपना आधिकारिक बयान वापस ले लिया। इस बयान में भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की गई थी। भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने कोलंबिया के आधिकारिक बयान पर चिंता जताते हुए कहा था कि हम (भारत) कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से कुछ निराश हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कोलंबिया की उप विदेशमंत्री योलांडा विलाविसेनियो ने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि आज हमें जो स्पष्टीकरण मिला है और वास्तविक स्थिति, संघर्ष और कश्मीर में जो कुछ हुआ, उसके बारे में अब हमारे पास जो विस्तृत जानकारी है, उसके आधार पर हम बातचीत जारी रख सकते हैं।” थरूर ने कोलंबिया के आधिकारिक बयान वापस लेने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का भला कौन समर्थन कर सकता है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘कोलंबिया मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया कि बयान वापस ले लिया गया है और उन्होंने हमारे रुख को उचित तरीके से समझा है और उसका पुरजोर समर्थन किया गया है।’ थरूर ने भारत की सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान में हुई जान-माल की हानि को लेकर कोलंबिया द्वारा संवेदना जताए जाने पर गहरी निराशा व्यक्त की थी।
पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका
पाकिस्तान के पांखड का जवाब देने के लिए पश्चिमी अफ्रीका के देश सिएरा लियोन पहुंचे भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कार्यवाहक विदेशमंत्री फ्रांसेस पी. अल्घाली से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। इस मौके पर अल्घाली ने भारत के आतंकवाद से लड़ने और शांति बनाए रखने के समन्वित प्रयासों का समर्थन किया। प्रतिनिधिमंडल की सदस्य भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज सिएरा लियोन यात्रा का संक्षिप्त ब्योरा एक्स हैंडल पर साझा किया है। फ्रीटाउन में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने पाकिस्तान को आगाह करते कहा कि यह नया भारत है। यह नया भारत रुकता नहीं है। झुकता नहीं है। गुनाह के लिए माफ नहीं करता। नया भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने में नया भारत सक्षम है। आतंकवाद वैश्विक मुद्दा है। इसलिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के दूसरे सदस्य बीजू जनता दल सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि पहलगाम हमला दुखदायी है। उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी आता है। पति से उसका धर्म पूछता है और उसे गोली मार देता है। पत्नी कहती है कि मुझे भी मार दो, मैं क्यों जीऊं? आतंकवादी पलटकर महिला से कहता है, मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, जाओ और अपनी सरकार को यह बताओ। फिर ऑपरेशन सिंदूर आया। हमने पाकिस्तान में घुसकर उन पर हमला किया। यह नया भारत है। यकीन मानिए कि यह नया भारत है और हम नए भारत का चेहरा हैं। कोपेनहेगन (डेनमार्क) शिवसेना (यूटीबी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह मुंबई शहर से हैं। मुंबई में आतंकी हमले हुए, कितनी महिलाएं अपने पतियों के बिना रह गईं? एक महिला के तौर पर, इसने मुझ पर असर डाला है। इसने पाकिस्तान के प्रति मेरी अपनी भूमिका बदल दी है।
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ड्रैगन की BRI योजना का सहयोगी
कोलंबिया ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में मारे गए लोगों (यानी आतंकवादियों) पर संवेदना व्यक्त कर भारत को नाराज कर दिया है। कोलंबिया के इस कदम की कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कड़ी निंदा की। वे आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए भारत के वैश्विक अभियान के तहत दक्षिण अमेरिकी देश का दौरा कर रहे थे। हालांकि बड़ा प्रश्न उठता है कि दक्षिण अमेरिका में स्थित आतंकवाद प्रभावित कोलंबिया, आखिर आतंक को प्रायोजित करने वाले देश पाकिस्तान का साथ क्यों देगा? हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में देखा जाए, तो इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है। इसी वर्ष मई में कोलंबिया ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत एक संयुक्त सहयोग योजना पर हस्ताक्षर किए, जो पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन की महत्वाकांक्षी कनेक्टिविटी परियोजना है। यह डील भी तब हुई जब डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच कोलंबिया ने व्यापार के मामले में चीन की ओर झुकाव दिखाना शुरू कर दिया। इन घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में यह कल्पना करना कठिन नहीं है कि कोलंबिया ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय पाकिस्तान में आतंकवादियों की मौत पर शोक क्यों व्यक्त किया।
चीन की ओर झुकाव
भारत और कोलंबिया के बीच कूटनीतिक संबंधों का लंबा इतिहास रहा है, जिसमें व्यापार और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग शामिल है। ऐसे में अब दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र की पाकिस्तान समर्थक टिप्पणियों का चीन से संबंध प्रतीत होता है। राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो के शासन में ईंधन और खाद्य लागत में वृद्धि के बीच हाल के वर्षों में देश की राजकोषीय स्थिति खराब हो गई है। 2024 में जीडीपी वृद्धि 2022 में 7.3% से गिरकर 0.6% हो गई। इसके अलावा, पेट्रो ने ट्रंप के साथ भी तलवारें भांझ रखी हैं क्योंकि उनकी सरकार चीन की ओर झुकी हुई है। यहां तक कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को ‘डोनाल्ड डक’ तक कह डाला है। हाल तक कोलंबिया वास्तव में अमेरिका के सबसे करीबी व्यापार और सुरक्षा भागीदारों में से एक था। संबंधों में दूरियों का ट्रिगर पॉइंट कथित अवैध कोलंबियाई प्रवासियों को ले जाने वाली अमेरिका से आईं फ्लाइट थीं।
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ट्रंप के पीछे ड्रैगन रहा डांस
चीन ने कोलंबिया को अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा बनाने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं। कोलंबिया की विदेश मंत्री लॉरा साराबिया ने इस कदम को देश का ‘दशकों में सबसे साहसिक कदम’ करार दिया है। अमेरिका इसे चीन द्वारा अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखता है। वास्तव में चीन लैटिन अमेरिका में कई देशों मसलन ब्राजील, पेरू, चिली के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के रूप में अमेरिका से आगे निकल गया है। इसके अलावा लगभग दो-तिहाई लैटिन अमेरिकी देशों ने बीआरआई पर हस्ताक्षर किए हैं। अब जब कोलंबिया बीआरआई का हिस्सा है, तो चीन ने भी उसे दो दर्जन चेंगदू जे-10Cई वाइगरस ड्रैगन लड़ाकू जेट बेचने का प्रस्ताव दिया है। यह कदम चीन के पावरप्ले का एक जाना-पहचाना हिस्सा है। पाकिस्तान अपनी रक्षा जरूरतों के लिए भी चीन पर बहुत अधिक निर्भर है। वह अपने सैन्य हार्डवेयर का लगभग 82% आयात करता है। ऐसे में इन घटनाक्रमों के मद्देनजर यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि भारत के साथ तनाव बढ़ने के बावजूद कोलंबिया ने चीन के अडिग मित्र पाकिस्तान का साथ क्यों चुना!