New Visa Rules: भारतीय विद्यार्थियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
New Visa Rules: ऑस्ट्रेलिया ने देश में प्रवासियों का प्रवाह रोकने के लिए नए वीजा नियम लागू किए हैं, जो सीधे तौर पर भारतीय छात्रों को प्रभावित करने वाले हैं। इस नियमों के तहत, अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों की फीस 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (38,973 रुपए) से बढ़ाकर 1600 डॉलर (89,127 रुपए) कर दी गई है। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की फीस बढ़ाने का प्रमुख कारण यह है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार देश में प्रवासियों का प्रवाह रोकना चाहती है।
प्रवासियों की संख्या इस समय देश में रिकॉर्ड संख्या पर है, जिसकी वजह से हाउसिंग मार्केट पर दबाव बढ़ा है। ऑस्ट्रेलिया के अलावा दुनिया भर के कई देशों ने अपनी वीज़ा नीतियों और आवश्यकताओं में उल्लेखनीय बदलाव किए हैं। इन बदलावों को विदेश जाने वाले विद्यार्थियों, प्रोफेसनल्स और अस्थाई निवास के मामले में भारतीयों पर खासा प्रभाव डालने वाले हैं। आस्ट्रेलिया ने जहां शिक्षा वीजा का शुल्क लगभग दो गुना कर दिया है, वहीं न्यूजीलैंड में अब कर्मचारियों का वीजा आवेदन प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, काउंसिल ऑफ इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष येगानेह सोल्टनपुर ने इस निर्णय की निंदा की और कहा कि फीस वृद्धि की वजह से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि पढ़ाई के लिए इतना पैसा खर्च करने के बाद भी अगर नौकरी नहीं मिलती है तो ये दुख और चिंता की बात है। यही वजह है कि अब छात्र ऑस्ट्रेलिया के अलावा दूसरे देशों में भी अपना विकल्प देख रहे हैं।
5 वर्ष तक रहने की अनुमति मिलेगी यूरोपीय देशों में
इटली ने मजदूरों की जरूरत का पूरा करने के लिए इस श्रेणी के वीजा में रियायत दी है, यूरोपीय देशों में अब तीन के बजाय पांच वर्ष तक रहने की अनुमति मिलेगी। रिपोर्टों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए छात्र वीज़ा शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसके अलावा अस्थायी स्नातक, आगंतुक और समुद्री क्रू वीज़ा धारक अब ऑस्ट्रेलिया के भीतर से छात्र वीज़ा के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। इसका असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा, जो ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार की कार्रवाई का एक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना भी है कि सिर्फ वास्तविक छात्रों को ही वीजा दिया जाए।
ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो की ओर से मार्च में जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि 30 सितंबर, 2023 को समाप्त वर्ष तक ऑस्ट्रेलिया में पांच लाख 48 हजार 800 से ज्यादा प्रवासी थे। सरकारी आंकड़ों से यह भी पता चला कि 2022 में एक लाख से ज्यादा भारतीय विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे थे, जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान यह संख्या 1.22 लाख थी।
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सिर्फ कर्मचारी ही रह सकेंगे न्यूजीलैंड में
न्यूजीलैंड में वीज़ा नियमों के संशोधन से विदेशी श्रमिक और उनके परिवार प्रभावित होंगे। यहां अब कंपनियां श्रमिक वीजा पर सिर्फ कर्मचारी को देश में रहने की अनुमति मिलेगी। नियोक्ता कर्मचारी के बच्चों के लिए छात्र वीजा या उनके आश्रितों के लिए संबंधित वीजा आवेदन स्वीकृत नहीं कर सकते हैं। ऐसे मामलों में पात्रता प्रक्रिया पूरी करने के बाद संबंधित को स्वयं वीजा आवेदन करना होगा। हालांकि प्रस्तुत किए जा चुके वीज़ा आवेदनों का मूल्यांकन पुराने नियमों के तहत किया जाएगा।
इटली ने मजदूरों की कमी को देखते हुए डिजिटल मजदूर वीज़ा खोल दिया है। जो गैर-यूरोपीय संघ के दूरस्थ श्रमिकों को 90 दिनों की प्रवास सीमा को छोड़कर, एक वर्ष के लिए इटली में रहने और काम करने की अनुमति देता है। इस बीजा के लिए विशेष प्रशिक्षित लोग आवेदन कर सकेंगे, लेकिन उनके खिलाफ हाल में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।
जर्मनी ने वीज़ा नियमों को अपडेट किया
यूरोपीय संघ ने ऐसे भारतीय जो तीन वर्ष के शेंगेन वीजा पर रह रहे हैं, उनके लिए दो वर्ष की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए नीति में संशोधन किया जा चुका है। इसके बाद जिन भारतीयों ने पिछले तीन वर्ष में वैध रूप से दो शेंगेन वीजा का उपयोग किया है, वे अब दो साल के लिए लंबी अवधि का वीजा प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद यदि उनका पासपोर्ट वैध रहता है, तो वे पांच साल का अतिरिक्त वीजा भी प्राप्त कर सकते हैं।
जर्मनी ने हाल ही में इंजीनियरिंग, आईटी और स्वास्थ्य सेवा में अधिक आवेदकों को आकर्षित करने के लिए अपने कुशल श्रमिक वीज़ा नियमों को अपडेट किया है। जर्मनी को लगभग 4,00,000 कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता है। इसके तहत नौकरी तलाशने के लिए 1 वर्ष जर्मनी में रह सकते हैं। हालांकि इस श्रेणी के वीजा के लिए आवेदक को कम से कम दो साल का व्यावसायिक प्रशिक्षण या डिग्री और जर्मन या अंग्रेजी में दक्षता की आवश्यकता है।
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