Keshav Reddy, Founder, Equal – 80 मिलियन डॉलर है डेटा शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म इक्वल की वैल्यूएशन
Keshav Reddy, Founder, Equal: भारतीयों के लिए ID साझा करने की सुविधा देने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म इक्वल के संस्थापक केशव रेड्डी GVK ग्रुप की तीसरी पीढ़ी के उद्यमी हैं। केशव रेड्डी बतौर मैनेजिंग पार्टनर रेड्डी फैमिली ऑफिस का नेतृत्व करते हैं और उन्होंने कई सॉफ्टवेयर स्टार्ट-अप्स में निवेश किया है। डेटा शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म इक्वल ने हाल ही में 10 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इसके साथ ही इसकी वैल्यूएशन 80 मिलियन डॉलर हो गई है। कंपनी ने इस फंडिंग का उपयोग अपने ऑपरेशंस को बढ़ाने, रणनीतिक साझेदारी बनाने और भारत में डेटा-शेयरिंग इकोसिस्टम को बढ़ाने के उद्देश्य से एक एकीकृत, सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए करने की योजना बनाई है। केशव रेड्डी और राजीव रंजन द्वारा स्थापित, Equal व्यवसायों को 50 से अधिक आईडी डेटाबेस और 4,000+ API प्रदाताओं के साथ सहज एकीकरण के माध्यम से KYC, धोखाधड़ी की रोकथाम और विनियामक अनुपालन को सुव्यवस्थित करने में मदद करता है।
असीमित आइडिया, वैल्यू सृजित करने की क्षमता
केशव रेड्डी का कहना है कि भारत में ज्यादातर स्टार्ट-अप पहली बार के उन उद्यमियों ने स्थापित किए हैं जिन्होंने उस समस्या की पहचान की है जिसे वे हल करना चाहते हैं। उनके पास असीमित आइडिया हैं और उनमें जबरदस्त वैल्यू सृजित करने की क्षमता है। इसलिए सबसे अच्छा कदम उनका समर्थन करना है। अगर एक नौकरी के लिए दो संभावनाशील उम्मीदवार होंगे और उनमें से एक महिला है और वह नेतृत्व के गुण प्रदर्शित करती है तो हम हमेशा उसे लेने को प्राथमिकता देंगे। तेजी से बदलती दुनिया के साथ ही फैमिली बिजनेस को भी अपने बिजनेस मॉडल का नई वास्तविकताओं और उम्मीदों के साथ तालमेल करना चाहिए। पहले नेतृत्व ऊपर से ज्यादा चलता था और अधिकारों के साथ था। अब यह कर्मचारियों को साथ जोड़ने और उनको कंपनी की वृद्धि की कहानी का हिस्सा बनाने के बारे में है। इक्वल ने हाल ही में OneMoney में निवेश किया है, जो भारत का पहला और सबसे बड़ा अकाउंट एग्रीगेटर है, जिसकी स्थापना कृष्ण प्रसाद ने की थी। यह रणनीतिक निवेश Equal को अपनी मुख्य पहचान सत्यापन सेवाओं के साथ सुरक्षित, सहमति-संचालित वित्तीय डेटा साझाकरण को जोड़कर अपनी पेशकशों को बढ़ाने में सक्षम बनाता है। OneMoney और Equal संयुक्त रूप से 64 मिलियन से अधिक मासिक लेनदेन को सक्षम करते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर 250+ ग्राहकों को सेवा प्रदान करते हैं।
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70 के दशक में दुनिया अलग थी
इक्वल के संस्थापक केशव रेड्डी ने कहा कि जब 70 के दशक में उनके फैमली ने बिजनेस में कदम रखा था तब दुनिया काफी अलग थी। उन्होंने कहा कि उस समय दुनिया की 10 सबसे बड़ी कंपनियां तेल और गैस की हुआ करती थीं। अगले दशक में दुनिया की बड़ी कंपनियां चाइनीज बैंक बनीं। फिर सॉफ्टवेयर कंपनियां इस रेस में आगे आईं और अगर हम बीते कुछ महीनों में देखें तो AI बेस्ड कंपनियां काफी अच्छा कर रही हैं। केशव रेड्डी ने कहा कि आज के समय में सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी सभी कंपनियों के लिए जरूरी है। हम इसे साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
डिजिटाइजेशन ने भारतीयों जिम्मेदार बनाया
डिजिटाइजेशन ने सभी भारतीयों को अधिक जिम्मेदार बनाया है। अब सारा कंट्रोल आपके ही हाथ में होता है। न्यू DPDP Act इसे और आगे बढ़ता है। इसके जरिए उपभक्ता अपनी इच्छा से वो कर पाऐंगे जो वो करना चाहते हैं। हम डाटा डिजिटलाइजेशन के साथ-साथ डाटा डेमोक्रेसी की भी बात कर रहे हैं। जहां पर आप अपना डाटा अपनी मर्जी से अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। आने वाले दशक में डेटा काफी महत्वपूर्ण होगा और भारत इस सबके बीच में रहेगा। उन्होंने कहा, यही नया भारत है। जिस तरह का प्लेटफार्म आज उपलब्ध है इससे कहा जा सकता है कि यह सचमुच भरत का समय है। इक्वल के संस्थापक केशव रेड्डी कई डिजिटल स्टार्टअप्स को फंड कर चुके हैं। इनमें 6 अब यूनिकॉर्न हैं। केशव ने कहा कि देश में जितने भी नए तरह के बिजनसेस सामने आए हैं उनमें से ज्यादातर को नए एंटरप्रेन्योर ने बनाया है। नए एंटरप्रेन्योर में असाधारण क्षमता है। वह बिजनेस को बिल्कुल नए नजरिया से देखते हैं और उसे एक नई ऊंचाई तक ले जाने की काबिलियत रखते हैं। केशव रेड्डी ने कहा कि वो स्टार्टअप में लंबे अवधि के लिए निवेश करने की चाहत रखते हैं। किसी भी नई कंपनी को बड़ा होने में करीब दो दशक का वक्त लग जाता है।
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इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध
केशव रेड्डी का कहना है कि हमारा लक्ष्य भारतीयों की सभी ज़रूरतों को पूरा करना है। हमारी यात्रा इस विचार पर आधारित है कि सुरक्षित, सहमति-संचालित डेटा साझाकरण सभी भारतीयों के लिए नए अवसरों को खोल सकता है। हालिया फंडिंग जुटाने और OneMoney के साथ हमारी साझेदारी के साथ, हम एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहाँ हर भारतीय और व्यवसाय आत्मविश्वास के साथ अपने डेटा पर नियंत्रण रख सकें, जिससे भारत के लिए एक अधिक न्यायसंगत और सशक्त डिजिटल भविष्य को बढ़ावा मिले। भारत में पहचान सत्यापन और वित्तीय डेटा साझाकरण में क्रांति लाने में Equal सबसे आगे है।
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