Life Insurance Corporation of India – देशभर में 2,000 से ज्यादा ऑफिस, 13.5 लाख एजेंट
Life Insurance Corporation of India: सरकारी कंपनी एलआईसी साल 1956 से बीमा कर रही है और देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है। एलआईसी के देशभर में 2 हजार से ज्यादा ऑफिस और 13.5 लाख एजेंट हैं। इस कंपनी का बिजनेस 8.5 लाख करोड़ से ज्यादा का है। 1818 में भारत में पहली इंश्योरेंस कंपनी आई। नाम था ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस। ये कंपनी केवल अंग्रेजों का ही इंश्योरेंस करती थी।
साल 1870 में पहली भारतीय बीमा कंपनी की स्थापना हुई। नाम था बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ इंश्योरेंस सोसाइटी। इस कंपनी ने भारतीयों का बीमा करना शुरू किया। 1886 तक देश में कई बीमा कंपनी आ गईं। 19 जून 1956 को संसद में लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन एक्ट पारित हुआ। तब तक भारत में 154 लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, 16 विदेशी कंपनी और 75 प्रोविडेंट फंड कंपनी थीं।
245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर बनाई नई कंपनी
1 सितंबर 1956 को सरकार ने सभी 245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर एक नई कंपनी बनाई। कंपनी का नाम रखा गया LIC यानी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया। तब सरकार ने 5 करोड़ रुपए इस कंपनी के लिए जारी किए थे। सरकारी कंपनी एलआईसी ने पहले दिन रिकॉर्ड बनाया। एलआईसी का नाम सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी में शामिल हो गया। दरअसल, 245 कंपनियों के मर्जर के बाद जब एलआईसी बनी तो इसमें 27 हजार कर्मचारी थे।
50 लाख पॉलिसी रिकॉर्ड में थीं। एलआईसी की ग्रोथ के पीछे उसके विज्ञापन का बड़ा रोल था। एलआईसी के विज्ञापन की टैग लाइन हर किसी को आज भी याद है। साल 1970 में विज्ञापन प्रिंट माध्यम से ही दिखाए जाते थे। इस दौरान एलआईसी का एक विज्ञापन आया। इसमें दो हाथों के बीच एक बच्चे की तस्वीर थी। बच्चे को आपकी प्रोटेक्शन महसूस करने दें। फिर दौर आया ऑडियो-विजुअल मीडियम का।
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245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर बनाई नई कंपनी
रोटी, कपड़ा, मकान और जीवन बीमा
साल 1980 में दूरदर्शन में एलआईसी का विज्ञापन आया जिसकी टैगलाइन लोगों के जेहन में बैठ गई। इस विज्ञापन से लोगों के बीच कंपनी ने संदेश दिया कि लाइफ इंश्योरेंस मतलब LIC। विज्ञापन की टैगलाइन थी- रोटी, कपड़ा, मकान और जीवन बीमा। साल 1990 में एलआईसी का दिल छू लेने वाले विज्ञापन आए। जिनकी टैगलाइन थी ‘न चिंता, न फिकर’ और ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’। शुरुआत में एलआईसी का सफर आसान नहीं था। हर वर्ग के लोगों तक पॉलिसी पहुंचाने के लिए एजेंट को पापड़ बेलने पड़े। लोगों को पॉलिसी और इसके फायदे समझाने के लिए कभी बैलगाड़ी तो कभी साइकिल और मोटरसाइकिल से एलआईसी एजेंट गांव-गांव पहुंचते थे|
AUM 16.48% बढ़कर 51.21 लाख करोड़
कई जगह तो एलआईसी एजेंट पैदल भी जाया करते थे। ये एजेंट केवल एलआईसी के कर्मचारी नहीं बल्कि परिवार की सदस्य की तरह लोगों को सलाह देते थे। इससे लोगों का एलआईसी पर भरोसा बढ़ गया। कागजी कार्रवाई में एलआईसी एजेंट पॉलिसीधारकों की हर संभव मदद करते थे। 5 करोड़ रुपए से 68 साल पहले शुरू एलआईसी की प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (AUM-Assets Under Management) अब 50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है।
साल 2024 में एलआईसी का AUM 16.48% बढ़कर 51.21 लाख करोड़ रुपए ($616 बिलियन) हो गया है। 2023 में यह 43.97 लाख करोड़ रुपए था। यह रकम पड़ोसी देश पाकिस्तान की जीडीपी से लगभग डबल है। पाकिस्तान की जीडीपी केवल 28.7 लाख करोड़ (338.24 बिलियन डॉलर) है। इस लिहाज से देखें तो एलआईसी का AUM तीन पड़ोसी देश- पाकिस्तान (28.7 लाख करोड़), नेपाल (3.75 लाख करोड़) और श्रीलंका (6.35 लाख करोड़) की संयुक्त जीडीपी से भी बड़ा है।
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मुश्किल में एलआईसी करती है मदद
सरकार जब किसी भी तरह की मुश्किल में फंसती है तो एलआईसी से मदद लेती है। साल 2015 में ONGC के IPO के वक्त LIC ने करीब 10 हजार करोड़ रुपए लगाए थे। 2019 में कर्ज से जूझ रहे IDBI बैंक को उबारने में भी एलआईसी ने मदद की थी। साल 2022 में सरकार ने LIC में अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेची थी। इसके लिए करीब 21 हजार करोड़ रुपए का IPO लाया गया था। यह भारतीय शेयर बाजार इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था। लिस्टिंग के बाद से लेकर अब तक इसने निवेशकों को 28.43 फीसदी रिटर्न दिया है।
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