Maternity leave for women students: छात्राओं को मातृत्व अवकाश देने हेतु एमएलए ने लिखा सीएम पटनायक को पत्र
Maternity leave for women students: ओडिशा में बीजेपी के विधायक मुकेश महालिंग ने राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने ओडिशा में विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए गर्भवती होने पर मातृत्व अवकाश का प्रावधान करने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा है कि इस कदम (Maternity leave for women students) से महिलाओं का कॉलेज व विश्वविद्यालयों से ड्रॉपआउट की संख्या में कमी आएगी। और साथ ही महिलाएं अपनी शिक्षा भी पूरी कर पाएंगी।
Maternity leave for women students बहुत कारगर
यदि कॉलेज और विश्वविद्यालयों में सभी विवाहित छात्राओं को मैटरनिटी लीव / मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाएगा तो उससे कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में महिलाओं की ड्रॉपआउट की संख्या कम हो जाएगी। क्यूंकि अधिकतर ऐसा होता है कि राज्य की लड़कियां विवाह हेतु स्वीकार्य आयु प्राप्त करने के बाद भी स्नातक/ स्नातकोत्तर और पीएचडी जैसे पाठ्क्रमों में अपना नामांकन कराती हैं। उच्च शिक्षा हेतु वे कॉलेज और विश्वविद्यालयों में सक्रिय रूप से भी नामांकित हो जाती है परन्तु इस दौरान विवाहित महिलाएं गर्भवती होने पर अपनी शिक्षा जारी नहीं रख पाती।
इसका कारण है कॉलेज में आवश्यक उपस्थिति बनाये रखने के लिए उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते वो अपनी आवश्यक उपस्थिति बनाये नहीं रख सकती और इसलिए परीक्षाओं में बैठने हेतु भी अयोग्य घोषित कर दी जाती हैं। जिस वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। पढ़ाई छोड़ने या ड्रॉपआउट के मामले नियमित रूप से बढ़ते जा रहे हैं।
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ऑनलाइन कक्षाओं पर भी विचार करें
बीजेपी विधायक महालिंग ने बताया की हालाँकि इस बारे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा दो सालों से निर्देश भी जारी किया गया है लेकिन बावजूद इसके अभी तक विवाहित छात्राओं के लिए मातृत्व अवकाश व शिशु देखभाल अवकाश के बारे में नियम बनाने हेतु विश्विद्यालयों और कॉलेजों दवारा कोई उचित कार्रवाही नहीं की गयी है। इसलिए उन्होने राज्य सरकार से ये अपील की है कि राज्य की ओर से कोई इस प्रकार की छुट्टी का प्रावधान किया जाए। और इसके साथ ही ऐसे अवसरों पर उन महिलाओं के लिए ऑनलाइन क्लासेज की सुविधा देने के बारे में भी विचार किया जाए। इससे न केवल उनकी परेशानियों का हल निकलेगा बल्कि शिक्षा भी अधूरी नहीं रहेगी।
गर्भवती छात्राओं के लिए दी जाए छूट
बीजेपी एमएलए ने आगे कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को मातृत्व अवकाश देने के साथ ही स्नातक/स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में पंजीकृत छात्राओं को आवश्यक समझी जाने वाली किसी भी सुविधा जैसे कि अटेंडेंस / उपस्थिति , परीक्षा फॉर्म जमा करने की तिथि में विस्तार आदि में भी छूट प्रदान करने के बारे में भी विचार करना चाहिए।
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