Aged Hero-Young Heroine: फिल्म इंडस्ट्री पर क्यों लागू नहीं होती बराबरी की दुहाई
बॉलीवुड में वर्षों से एक trend चला आ रहा है…aged hero-young heroine…आपको हैरानी होगी जानकर कि शाहरूख खान की एक हिट फिल्म ‘जवान’ में उनकी मां का रोल रिद्धि डोगरा ने निभाया था जो उम्र में उनसे 18 साल छोटी हैं। इसी फिल्म में उनकी हीरोइन बनीं नयनतारा तो उनसे उम्र में 20 साल से भी ज्यादा छोटी हैं। हकीकत तो यह है कि बूढ़े हीरो के साथ कमसिन हीरोइनों को लेने का सिलसिला बॉलीवुड में तब से है, जब से फिल्मों के बनने का सफर शुरु हुआ था। सवाल है कि आज जब हर क्षेत्र में और हर मौके पर बहस के दौरान महिलाओं और पुरुषों के बराबरी की दुहाई दी जाती है, तो यह बात फिल्म इंडस्ट्री पर क्यों लागू नहीं होती?। जब से सिनेमा कमाई के लिहाज से सोने का अंडा देने वाली मुर्गी होने लगी, तब से फिल्मों में चुन चुनकर उन्हीं बातों को लागू किया गया है जो पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों की प्रधानता वाली प्रवृत्ति की सूचक होती हैं। मसलन पुरुष बूढ़े नहीं होना चाहते और वे जरा सी कमसिन उम्र से ऊपर गई हीरोइन को अपनी प्रेमिका के रूप में नहीं देखना चाहते। इसलिए राजकपूर, देवानंद, दिलीप कुमार के जमाने में भी न सिर्फ इनकी हीरोइनें इनसे बहुत कम उम्र की होती थीं बल्कि निजी जीवन में भी ये सभी हीरो अपने से काफी कम उम्र की महिलाओं को ही पसंद करते थे।
निजी जीवन में भी कम उम्र की लड़कियां
दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो उनसे 22 साल छोटी हैं। देवानंद की पत्नी कल्पना कार्तिक उनसे 13 साल छोटी थी। राजकूपर की पत्नी कृष्णा कपूर राजकूपर से 7 साल छोटी थीं। कहने का मतलब यह है कि सिनेमा के golden दौर में भी हमारे जो golden screen boys थे, उन्हें भी न सिर्फ पर्दे में बल्कि निजी जीवन में भी कम उम्र की लड़कियां चाहिए होती थीं। शायद इसी वजह से बड़े पर्दे में उम्रदराज हीरो और कम उम्र की हीरोइन का यह सिलसिला 40 और 50 के दशक में ही शुरू हो गया था, जो आज भी जारी है। भले ही दूसरे क्षेत्रों के लिए जमाना बदल गया हो, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में अभी भी कमसिन उम्र की कामुकता का दौर जारी है।
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दांतों तले उंगली दबा लेंगे
बात दें कि फिल्म ‘दे दे प्यार’ में अजय देवगन और रकुल प्रीत सिंह की उम्र में 22 साल का फर्क है। फिल्म ‘पीके’ में आमिर खान और अनुष्का शर्मा के बीच 23 साल का फर्क रहा। अनिल कपूर जब 45 साल के थे तो उन्होंने ‘नायक’ फिल्म में 23 साल की रानी मुखर्जी को अपनी हीरोइन बनाया था। फिल्म ‘अतरंगी’ में अक्षय कुमार और सारा अली खान की उम्र में 28 साल का फर्क है। फिल्म भारत में सलमान खान ने दिशा पाटनी के साथ रोमांस किया था, जब दोनों की उम्र 26 साल का फर्क था और दबंग-2 में सलमान, साई मांजरेकर के साथ पर्दे में दिखे तब दोनों की उम्र में करीब 28 साल का फर्क था। यह जानकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे कि अमिताभ बच्चन ने 19 साल की जिया खान के साथ फिल्म ‘निःशब्द’ में रोमांस किया था, वो एक खास तरह की फिल्म थी, उसका विषय ही वही था।
व्यावसाय के लिये निजी पूंजी लगी
लेकिन जिन फिल्मों का ऐसा विषय नहीं होता, आखिर उन फिल्मों में हीरो और हीरोइन के बीच उम्र का इतना बड़ा फसला क्यों होता है? क्योंकि फिल्म व्यावसाय के लिये निजी पूंजी लगी है और जो व्यक्ति अपनी पूंजी लगाता है, वे अपनी मर्जी भी चलाता है। आपकी जानकारी के बता दें कि फिल्म उद्योग पुरुष प्रधान है, इसलिए यहां की यह सोच बनी हुई है कि दर्शकों को बेहद जवान और कमसिन महिलाएं ही पसंद आती हैं, इसलिए उन्हें हीरो तो कैसा भी चल जाता है, लेकिन हीरोइन उन्हें कमसिन ही चाहिए होती है।
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ज्ञान की बातें हास्यापद
ऐसे में जब बॉलीवुड ज्ञान की बातें करता है, बराबरी की बातें करता है, तो बड़ी हास्यापद लगती हैं। आखिर इतनी बेबाकी से हर विषय पर बोलने वाली महिलाएं फिल्म इंडस्ट्री के इस भेदभाव के लिए क्यों नहीं आगे आतीं?, ले देकर एक कंगना रनौत ने इस पर बोलने की कोशिश की, तो 90 फीसदी फिल्म इंडस्ट्री उनके ऊपर इस कदर चढ़ बैठी मानो उसने यह सवाल खड़ा करके कोई अपराध कर दिया हो। हद तो यह है कि जो हीरोइनें पर्दे पर औरतों की बराबरी की बड़ी बड़ी बातें करती हैं, उन्हीं में से एक काजोल, जो एक प्रेस कॉन्क्लेव में यह कहते हुए पायी जाती हैं कि यह तो बिजनेस है। हर फिल्म पर हीरो में बहुत पैसे invest किये जाते हैं, इसलिए फिल्म को सफल बनाने की हर कोशिश की जाती है।
कुंठा को सहलाने का काम करते हैं फिल्मकार
कमसिन उम्र की हीरोइन भी इसी मनोविज्ञान के चलते फिल्म में रखी जाती हैं कि दर्शकों को उम्रदराज महिलाएं पसंद नहीं होती,वे कम से कम उम्र की हीरोइन पर्दे में देखना चाहते हैं। दरअसल यह लोगों के दिलो-दिमाग में घुसा एक मनोविज्ञान है, जिसमें हर पुरुष अपनी फंतासी में कम उम्र की महिला के साथ समय बिताना चाहता है। वास्तव में फिल्मकार आम लोगों के दिल-दिमाग में घर किए इसी कुंठा को सहलाने का काम करते हैं ताकि उनकी कमाई वाली झोली लबालब रहे। यही कारण है कि कब्र में पैर लटकाए हीरो के साथ भी इन्हें तय करना हो तो 16 साल की कमसिन हीरोइन ही लें।
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